
नई दिल्ली (Khabargali) राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने भारत के उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का इस्तीफा मंजूर कर लिया है। धनखड़ ने सोमवार को स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए कहा था, “मैं संविधान के अनुच्छेद 67 (ए) के मुताबिक तत्काल प्रभाव से पद से इस्तीफा देता हूं। गौरतलब है, धनखड़ 11 अगस्त 2022 को उप-राष्ट्रपति बने थे और अगस्त 2027 तक उनका कार्यकाल था।
गौरतलब है कि जगदीप धनखड़ ने उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया है। संविधान के अनुच्छेद 67(A) के तहत मिले अधिकार का इस्तेमाल करते हुए स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए तुरंत प्रभाव से पद त्याग दिया है। अब उनके बाद देश का अगला उप राष्ट्रपति कौन होगा इसे लेकर फ़िलहाल कई नाम पर चर्चा है।
इन नामों की चर्चा ज्यादा
सोशल मीडिया और राजनीतिक गलियारों में कई नामों को लेकर अटकलें तेज हैं, जो भारत के अगले उपराष्ट्रपति बन सकते हैं। इस रेस में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सबसे आग चल रहे हैं।साथ ही कांग्रेस नेता और सांसद शशि थरूर की भी नामों पर खूब चर्चा हो रही है। इस रेस में जेडीयू सांसद हरिवंश नारायण सिंह को भी पहली पसंद बताया जा रहा है।इस साल बिहार विधानसभा चुनाव है।
हरिवंश नारायण सिंह मीडिया रिपोर्ट्स में जेडीयू सांसद हरिवंश नारायण सिंह को उपराष्ट्रपति पद के लिए “अगली स्पष्ट पसंद” बताया जा रहा है। वे वर्तमान में राज्यसभा के उपसभापति हैं। संविधान के नियमों के अनुसार, सिंह आज से, धनखड़ की अनुपस्थिति में नए उपराष्ट्रपति के निर्वाचित होने तक राज्यसभा के सभापति (उपाध्यक्ष) का कार्यभार संभालेंगे। सोशल मीडिया पर लोगों का कहना है कि सिंह के नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोनों के साथ संबंध बहुत शानदार हैं और इसलिए, कई लोगों का मानना है कि एनडीए उन्हें उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बना सकता है।
शशि थरूर हाल के दिनों के घटनाओं को देखा जाए तो शशि थरूर के बयान और एक्स पर पोस्ट या फिर फिर 2024 लोकसभा के चुनाव में जीत के बाद शशि थरूर ने कहा था कि वह अगले चुनाव में सांसदी का चुनाव नहीं लडेंगे। इससे पहले, मोदी सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर के लिए सर्वदलीय प्रतिनिधि मंडल के अमेरिका दौरे के लिए उनको चुना था। कांग्रेस के साथ थरूर के मतभेद और मोदी सरकार के साथ उनकी नज़दीकियां, खासकर ऑपरेशन सिंदूर पर सरकार के आउटरीच कार्यक्रम का हिस्सा बनने के बाद, पिछले कुछ दिनों से सुर्खियां बटोर रही हैं।
नीतीश कुमार अभी तक चुनाव में पूरी तरह से एक्टिव नहीं हुए हैं. वहीं, बिहार में भारतीय जनता पार्टी मुख्यमंत्री के रूप में अपना चेहरा रखना चाहती है. मौजूदा मुख्यमंत्री को राज्य में चुनावों से पहले उपराष्ट्रपति बनाया जा सकता है। इस साल बिहार विधानसभा चुनाव है। नीतीश कुमार अभी तक चुनाव में पूरी तरह से एक्टिव नहीं हुए है।
आरिफ मोहम्मद इस समय बिहार के राज्यपाल हैं। केरल के पूर्व राज्यपाल रह चुके हैं। वह एक चर्चित और मुखर राजनेता के रूप में जाने जाते हैं. उनकी दिल्ली की यात्रा और राजनीतिक अस्थिर राजनीति में उनकी सक्रियता ने भाजपा और एनडीए गठबंधन के भीतर यह संभावना जगाई है। भाजपा नेतृत्व अपने प्रतिनिधित्व और छवि को देखते हुए ऐसे नामों पर विचार कर सकती है जो संविधान, धर्मनिरपेक्षता और सार्वजनिक संवाद के मामलों में संतुलन बना सकें। अरिफ मोहम्मद खान की छवि एक “लिबरल मुस्लिम” की रही है, जिन्होंने इतिहास में शाहबानो मामले में कांग्रेस से दूरी बनाई और मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों की आवाज उठाई। कयास लगाए जा रहे हैं कि धनखड़ का उत्तराधिकारी कौन होगा?
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