भारतीय सेना का बड़ा एक्शन, एक आतंकी का घर बम से उड़ाया गया, दूसरे के घर पर चला बुलडोजर

Big action by Indian army, one terrorist's house was blown up with a bomb, another's house was bulldozed, terrorists involved in Pahalgam terror attack, Srinagar, Khabargali

श्रीनगर (खबरगली) आतंकवादियों के मददगार और पहलगाम आतंकी हमले में शामिल आतंकवादी आसिफ शेख के घर को विस्फोट से उड़ा दिया है।आसिफ आतंकी लश्कर ए तैयबा से जुड़ा है। सुरक्षाबलों ने यह कार्रवाई त्राल में की है। आपको बता दें कि पीएम मोदी ने गुरुवार को कहा कि भारत सरकार आतंकवाद की बची-खुची जमीन भी खत्म कर देगी। आतंकियों को चुन-चुनकर मारा जाएगा।

सुरक्षाबलों ने कड़ा एक्शन लेते हुए पहलगाम आतंकी हमले में शामिल आतंकियों के खिलाफ बड़ा अभियान छेड़ दिया है। इस दौरान त्राल में जम्मू-कश्मीर पुलिस आतंकी आसिफ के घर पहुंची। बताया जा रहा है कि उसके घर में विस्फोटकों का जखीरा था, जिसमें धमाका हुआ। हालांकि सुरक्षा बलों का कहना है कि घर से तलाशी में एक बॉक्स मिला। उसके अंदर से कुछ तार बाहर निकल रहे थे। सेना की इंजीनियर्स टीम ने उसको नष्ट किया तो विस्फोट हुआ, इसमें घर ढह गया। इसके अलावा एक आतंकी आदिल के घर पर भी जम्मू-कश्मीर पुलिस ने बुलडोजर से कार्रवाई की और उसे ध्वस्त कर दिया। बता दें कि पहलगाम हमले के बाद आतंकियों का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वे सुरक्षा बलों को चुनौती देते नजर आ रहे हैं।

भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की

 एक बड़ी जवाबी कार्रवाई में, भारत सरकार ने औपचारिक रूप से पाकिस्तान के साथ 1960 की सिंधु जल संधि को निलंबित करने का नोटिस जारी किया। दो दशक पुरानी यह संधि दोनों देशों के बीच नदी जल के बंटवारे को नियंत्रित करती है, और इसका निलंबन सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत की प्रतिक्रिया में एक नए मोड़ का संकेत देता है।

पाकिस्तान ने शिमला समझौता स्थगित किया

 पाकिस्तान ने गुरुवार को भारत के साथ 1972 के शिमला समझौते और अन्य द्विपक्षीय समझौतों को निलंबित कर दिया, सभी व्यापारिक संबंधों को निलंबित कर दिया, भारतीय एयरलाइनों के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दिया, तथा चेतावनी जारी की कि सिंधु जल संधि के तहत अपने हिस्से के पानी को मोड़ने का कोई भी भारतीय कदम “युद्ध की कार्रवाई” होगी। यह कदम प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की अध्यक्षता में पाकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (एनएससी) की आपातकालीन बैठक के बाद उठाया गया, जो पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत द्वारा सिंधु संधि को निलंबित करने तथा कूटनीतिक स्तर में गिरावट लाने की प्रतिक्रिया में उठाया गया था, जिसमें 26 लोग मारे गए थे।