सीबीआईसी अध्यक्ष के नेतृत्व में एक टास्क फॉर्स गठित करने की मांग
रायपुर (khabargali) दिल्ली में हुई जीएसटी कॉउन्सिल की मीटिंग में कपड़ों पर 1 जनवरी 2022 से 5 प्रतिशत के स्थान पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगाने के निर्णय को वापस लेने का कन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने स्वागत करते हुए इस निर्णय को बेहद तार्किक और वक्त की जरूरत बताया। कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री अमर पारवानी एवं प्रदेश अध्यक्ष श्री जितेन्द्र दोशी ने इस निर्णय का देश भर के व्यापारियों की ओर से स्वागत करते हुए कहा की इससे देश के लाखों कपडा एवं फुटवियर व्यापारियों को राहत मिलेगी जो पिछले एक महीने से ज्यादा समय से बेहद तनाव की जिंदगी जी रहे थे।
श्री पारवानी एवं श्री दोशी ने यह भी कहा की कपडे की तरह फुटवियर पर भी जीएसटी दर बढ़ाने के निर्णय को स्थगित करना भी आवश्यक है। श्री पारवानी एवं श्री दोशी ने बताया की जीएसटी कॉउन्सिल का यह निर्णय इस बात को दर्शाता है की किस प्रकार देश के सभी राज्यों के राजनेता अफसरशाही के हाथों की कठपुतली बने हुए हैं और कोई भी निर्णय लेने से पहले उसके गुण-दोष पर विचार तक नहीं करते हैं जबकि व्यापारियों एवं अन्य वर्गों से कोई सलाह मशवरा की बात तो बहुत दूर है।
श्री पारवानी एवं श्री दोशी ने केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीथारमन से आग्रह किया है की जीएसटी के विभिन्न मुद्दों पर गंभीरता से चर्चा करने, राजस्व में वृद्धि करने तथा जीएसटी का कर दायरा बढ़ाने हेतु केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर बोर्ड के अध्यक्ष की अध्यक्षता में एक टास्क फॉर्स का गठन किया जाए जिसमें वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों सहित व्यापार के प्रतिनिधि भी शामिल हों। कैट ने इस मुद्दे को गत एक महीने से तेजी से पूरे देश में उठाया और जहाँ केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीथारमन एवं केन्दीय वाणिज्य एवं कपडा मंत्री श्री पियूष गोयल से मिलकर व्यापारियों का कड़ा विरोध जताते हुए इसे वापिस लेने की मांग की वहीं देश के सभी राज्यों के कैट चैप्टरो ने अपने राज्य के वित्त मंत्री एवं अन्य वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों से मिलकर ज्ञापन दिए एवं इस वृद्धि को वापिस लेने की मांग की। कैट के नेतृत्व में इन मुद्दे पर दिल्ली, सूरत, मुंबई, इचलकरंजी, कोयम्बटूर, तिरुपति, श्रीनगर, भोपाल, ग्वालियर, रायपुर, नागपुर, लखनऊ, कानपुर, आगरा आदि शहरों में कैट की अगुवाई में कपडा एवं फुटवियर ट्रेड ने भी 30 दिसंबर को अपना व्यापार बंद रखा।
श्री पारवानी एवं श्री दोशी ने कहा की जीएसटी को लागू हुए चार साल से अधिक हो गए हैं और अभी तक जीएसटी एक स्थिर कर प्रणाली नहीं बन पाई है। जीएसटी का पोर्टल भी सही तरीके से काम नहीं कर रहा है। उम्मीदों के विपरीत जीएसटी कर प्रणाली में बेहद विसंगतियों के कारण यह बहुत ही जटिल कर प्रणाली बन गई है। कैट ने पूर्व में केंद्र सरकार एवं जीएसटी कॉउन्सिल से पूरी जीएसटी कर प्रणाली पर नए सिरे से विचार कर इसे एक बेहद सरल कर प्रणाली बनाये जाने की मांग की थी जिसके अंतर्गत देश भर में ज्यादा से ज्यादा व्यापारी जीएसटी के अंतर्गत पंजीकरण कर व्यापार करें तथा सरकारों का राजस्व भी बढ़े। कैट ने अपनी इस मांग को पुन: दोहराते हुए जीएसटी और ई-कॉमर्स पर व्यापक विचार करने तथा भविष्य की रणनीति तय करने के लिए आगामी 11-12 जनवरी को कानपुर में देश के 100 से अधिक प्रमुख व्यापारी नेताओं का एक दो दिवसीय राष्ट्रीय व्यापारी सम्मेलन बुलाया है।
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