
तमिलनाडु (khabargali) तमिलनाडु के करूर में एक्टर विजय की रैली में शनिवार शाम भगदड़ मच गई। CM स्टालिन के मुताबिक, हादसे में 39 लोगों की मौत हो गई। इनमें 16 महिलाएं और 10 बच्चे शामिल हैं। 51 लोग ICU में भर्ती हैं। मरने वालों की संख्या और बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने देर रात करूर पहुंचकर भगदड़ में मारे गए लोगों के परिजनों से मुलाकात की और मेडिकल कॉलेज में भर्ती घायलों से भी मुलाकात की।
CM एमके स्टालिन ने कहा कि भगदड़ की भयावहता देखकर मैं सिहर गया। मैं भारी मन से उन लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं, जिन्होंने अपनी जान गंवाई है। आज तक किसी राजनीति पार्टी की रैली में इस तरह की भगदड़ नहीं हुई है। इधर पुलिस ने मामले में FIR दर्ज कर ली है। ये एक्टर विजय के लिए परेशानी का सबब बन सकता है।
करूर भगदड़ की गहन जांच करने और सरकार को रिपोर्ट सौंपने के लिए सेवानिवृत्त उच्च न्यायालय के न्यायाधीश जस्टिस अरुणा जगदीसन के तहत एक सदस्यीय जांच आयोग का गठन किए जाने की बात सामने आई है। वहीं मृतकों के परिवारों को मुख्यमंत्री लोक राहत कोष से 10-10 लाख रुपये दिए जाएंगे और अस्पतालों में इलाज करा रहे प्रत्येक व्यक्ति को 1-1 लाख रुपये दिए जाएंगे।
वहीं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि और मुख्यमंत्री एमके स्टालिन से फोन पर बात की और हालात की जानकारी ली। इसके साथ ही गृह मंत्रालय ने तमिलनाडु सरकार से हादसे की पूरी रिपोर्ट मांगी है। रैली में हुई इस दुखद घटना पर विजय ने गहरा दुख जताया। उन्होंने कहा, “मेरा दिल टूट गया है। मैं बेहद दर्द और पीड़ा में हूं। यह शब्दों में बयान करना मुश्किल है कि मैं कैसा महसूस कर रहा हूँ। मैं मृतकों के परिवारों को अपनी संवेदना और सांत्वना देता हूं। साथ ही, घायलों के जल्द ठीक होने की प्रार्थना करता हूं।
करूर हादसे पर आया ADGP का बयान
एडिशनल डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (ADGP), लॉ एंड ऑर्डर, एस. डेविडसन देवासिर्वथम ने रविवार को कहा कि पुलिस घटना के बारे में रिपोर्ट शेयर करने से पहले प्रारंभिक जांच करेगी। उन्होंने यह भी बताया कि इस हादसे से संबंधित मामला दर्ज कर लिया गया है।
बिना पानी और खाने के घंटों खड़े रहे लोगः DGP
तमिलनाडु के प्रभारी DGP जी. वेंकटरमण ने कहा कि रैली की अनुमति दोपहर 3 बजे से रात 10 बजे तक दी गई थी, लेकिन भीड़ सुबह 11 बजे से ही जुटनी शुरू हो गई थी। जब विजय शाम 7:40 बजे पहुंचे, तब तक भीड़ बिना भोजन और पानी के घंटों से इंतज़ार कर रही थी। उन्होंने कहा कि विजय ने खुद पुलिस की भूमिका की तारीफ की है, लेकिन उन्होंने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं को भीड़ प्रबंधन की ज़िम्मेदारी लेनी चाहिए। डीजीपी ने बताया कि इस रैली में 10,000 लोगों के आने की उम्मीद थी, लेकिन इस कार्यक्रम लगभग 27,000 लोग जमा हो गए। इसके साथ ही पूरे कार्यक्रम में 500 से ज्यादा पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे।
10 हजार लोगों की परमिशन, पहुंच गए 1 लाख लोग
तमिलनाडु पुलिस के मुताबिक, विजय की रैली के लिए 10 हजार लोगों की परमिशन थी। लेकिन, 1 लाख 20 हजार स्क्वायर फीट एरिया में 50 हजार से ज्यादा लोग जमा हो गए। इस दौरान एक्टर 6 घंटे की देरी से पहुंचे। विजय को बताया गया कि 9 साल की एक बच्ची गुम गई थी। उन्होंने मंच से उसे तलाशने की अपील की, जिसके बाद वहां भगदड़ के हालात बन गए।
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