लिफ्ट में फंसकर 5 साल के बच्चे की मौत, कटर से ग्रिल काटकर निकाल

A 5-year-old child died after getting stuck in a lift, was taken out by cutting the grill with a cutter gujrat news hindi News khabargali

गुजरात (खबरगली)  गुजरात के नवसारी के विजलपोर इलाके में सोमवार सुबह पांच साल के मासूम सार्थक बारैया की लिफ्ट में फंसकर मौत हो गई। घटना नीरव स्क्वायर अपार्टमेंट की है, जहां आयरन-ग्रिल और लकड़ी के बाहरी दरवाजे वाली पुरानी लिफ्ट के बीच बच्चा फंस गया। मां फ्लैट का दरवाजा बंद कर रही थी, तभी सार्थक दरवाजा खोलकर लिफ्ट में घुस गया। अचानक लिफ्ट ऊपर बढ़ने लगी, अंदर का दरवाजा पूरी तरह बंद नहीं हुआ और बच्चा उसमें बुरी तरह फंस गया। 

दमकलकर्मियों ने डेढ़ घंटे की मशक्कत के बाद कटर से ग्रिल काटकर बच्चे को बाहर निकाला। उसे तुरंत सिविल अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार लिफ्ट का सेंसर फेल था या ऊपर से बटन दबाने के कारण यह हादसा हुआ। फ्लोर का सीसीटीवी कैमरा भी बंद बताया गया। विजलपोर पुलिस मामले को दुर्घटनात्मक मौत के रूप में दर्ज कर जांच कर रही है। सार्थक के पिता विपुल बारैया सूरत नगर निगम के अर्बन हेल्थ सेंटर में कार्यरत हैं।

देशभर में बढ़ रहे हादसे: इसी साल फरवरी में गुरुग्राम के एक कॉर्पोरेट टॉवर में लिफ्ट गिरने से दो इंजीनियरों की मौत हुई। जून में मुंबई के कुर्ला में एक सोसाइटी की पुरानी लिफ्ट में 9 वर्षीय बच्चा बुरी तरह घायल हुआ। जुलाई में बेंगलूरु के एक अस्पताल की लिफ्ट खराब होने से मरीज और परिचारिका तीन घंटे तक फंसे रहे।

विशेषज्ञों के अनुसार देश में एक समान ’लिफ्ट सुरक्षा अधिनियम’ नहीं है। लिफ्ट की स्थापना, संचालन व रखरखाव के लिए राज्यों के अपने नियम-कानून हैं। पुरानी लिफ्टों पर तुरंत रोक लगे, बहुमंजिला इमारतों में लिफ्टों की नियमित सर्विस व सेफ्टी ऑडिट बाध्यकारी किए जाएं।

सबसे जोखिमभरी लिफ्ट

विशेषज्ञ मानते हैं कि पुराने मॉडल की ग्रिल व लकड़ी वाले दरवाजों वाली लिफ्टें सबसे खतरनाक हैं। इनमें ऑटोमैटिक सेंसर, डोर-लॉकिंग सिस्टम व सेफ्टी ब्रेक जैसी तकनीकें नहीं होतीं। आधुनिक ऑटो-डोर लिफ्टें बिना सेंसर के चलती ही नहीं हैं, जिससे जोखिम कम हो जाता है।

 

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