लोकतंत्र खतरे में है, बीजेपी संविधान और संवैधानिक संस्थाओं को कर रही कमजोर : भूपेश बघेल

132nd birth anniversary of Babasaheb Bhimrao Ambedkar, democracy in danger, BJP, constitution, constitutional body, Bhupesh Baghel, Chhattisgarh, new, khabargalis

आरक्षण बिल अटकने पर फिर बिफरे मुख्यमंत्री, कहा- गैरभाजपा शासित राज्यों में राज्यपाल की भूमिका की हो समीक्षा

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रायपुर (khabargali) छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने आज बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की 132वीं जयंती के मौके पर केंद्र सरकार पर सीधा हमला बोला। सीएम ने कहा कि वर्तमान में लगातार संविधान में जो व्यवस्थाएं हैं, जितनी भी संस्थाएं हैं सभी को कमजोर करने का काम कर रही है। लोकतंत्र खतरे में है। बाबा साहब अंबेडकर के संविधान का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज केन्द्र सरकार संवैधानिक सस्थाओं को कमजोर कर रही है। भाजपा आरक्षण की बात तो करती है लेकिन लागू नहीं होने दे रही है। संविधान के तहत जिनको जितना मिलना चाहिए उतना हो नहीं रहा है। भर्तियां बंद पड़ी हैं। आज न्यायपालिका तक को प्रभावित करने की कोशिश हो रही है। संवैधानिक संस्थाओं पर दबाव बनाया जा रहा है। भाजपा सरकार सवालों से भागती है। सवाल पूछने वालों को दंडित करना और कुचला जाता है। मतलब लोकतंत्र खतरे में है।

भूपेश बघेल शुक्रवार को रायपुर के घड़ी चौक में बाबा साहब के जयंती कार्यक्रम में शामिल हुए थे। यहां उन्होंने अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में तथागत संदेश पत्रिका और भारत का संविधान शीर्षक से प्रकाशित पुस्तक का विमोचन किया। इस मौके पर संसदीय सचिव विकास उपाध्याय, रायपुर नगर निगम के सभापति प्रमोद दुबे समेत कई नेता मौजूद रहे।

सीएम ने कहा कि देश के लोगों की सबसे बड़ी ताकत बाबा साहेब अंबेडकर ने दिया है। हमारा संविधान हमें अधिकार सम्पन्न बनाता है। बाबासाहेब ने समाज के पिछड़े वर्ग के लोगों को शिक्षित और संगठित होकर संघर्ष करने की प्रेरणा दी मुख्यमंत्री ने इससे पहले अंबेडकर चौक स्थित बाबा साहेब अंबेडकर की आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि एक तरफ देश आजादी की लड़ाई लड़ रहा था, वहीं दूसरी तरफ बाबासाहेब अंबेडकर दबे कुचले समाज को अधिकार दिलाने के लिए संगठित कर संघर्ष कर रहे थे। बाबासाहेब ने समाज के पिछड़े वर्ग के लोगों को शिक्षित और संगठित होकर संघर्ष करने की प्रेरणा दी। बघेल ने कहा कि बाबा साहेब ने यह महसूस किया कि भारतीय समाज की सबसे बड़ी कमजोरी शिक्षा की है। उन्होंने भारतीय दर्शन का उल्लेख करते हुए कहा कि हम पूरे विश्व को अपना परिवार मानते हैं। वैचारिक दृष्टि से हम बहुत ऊंचे हैं, लेकिन हमारा व्यवहार वैसा नहीं है। हमारे समाज में मनुष्यों के साथ भेद-भाव किया जाता है, समानता का व्यवहार नहीं किया जाता। बाबा साहेब सहित देश के अनेक महापुरूषों ने भारतीय समाज की इस बुराई को महसूस किया और इसके विरूद्ध लड़ाई लड़ी।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि बाबा साहब की सबसे बड़ी देन संविधान है। रिजर्व बैंक का गठन उन्होंने किया। दलित समाज को संगठित किया। शिक्षित बनो संगठित हो और संघर्ष करो उन्होंने बुद्ध के संदेश को भी आत्मसात किया। प्रज्ञा, करुणा और मैत्री की बात उन्होंने कही जो आज के समय में सर्वाधिक आवश्यक है। जहां समाज में विद्वेष फैलाया जा रहा है। हिंसक बनाया जा रहा है। नफरत पढ़ाया जा रहा है। ऐसे समय में प्रज्ञा करुणा और मैत्री हमारे लिए बहुत ही जरूरी है। इस समय समाज के लिए महापुरुषों ने जो समय-समय पर संदेश दिया वो आज समसामयिक है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने जाति प्रमाण पत्र का सरलीकरण किया है। छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है जहां यदि माता-पिता के पास जाति प्रमाण पत्र है, तो नवजात शिशु को उसका जाति प्रमाण पत्र दे दिया जाता है। यदि किसी के पास 50 साल का रिकार्ड नहीं है तो ग्राम सभा अथवा शहरी क्षेत्रों में सामान्य सभा से प्रस्ताव पारित होने पर जाति प्रमाण पत्र बनाने की व्यवस्था की गई है। समाज द्वारा नया रायपुर में जमीन की मांग पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग को जमीन के मूल्य 10 प्रतिशत राशि तथा अन्य वर्गों को 15 प्रतिशत की राशि देने पर जमीन आबंटित की जा रही है। उन्होंने कहा कि यदि समाज शासकीय भूमि लेना चाहे तो जमीन चिन्हित कर लें, निर्धारित प्रक्रिया के तहत जमीन आबंटित की जाएगी। उन्होंने कहा कि नवा रायपुर में गुरू घासीदास संग्रहालय, शहीद वीर नारायण स्मारक और विश्व स्तरीय स्कूल बनाया जा रहा है।

कार्यक्रम के दौरान आयोजकों द्वारा जानकारी दी गई कि पिछले वर्ष मुख्यमंत्री श्री बघेल द्वारा अंबेडकर जयंती के अवसर पर की गई घोषणा के अनुसार कार्यों को स्वीकृति प्राप्त हो गई है। इन कार्यों की स्वीकृति पर बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर सार्वजनिक जयंती समारोह समिति द्वारा मुख्यमंत्री के प्रति आभार प्रकट किया गया। मुख्यमंत्री ने पिछले वर्ष मंगल भवन के लिये 50 लाख रूपये और देवेन्द्रनगर स्थित बौद्ध विहार में ऑडिटोरियम निर्माण के लिए 50 लाख रुपए की राशि देने, अंबेडकर चौक में नगर निगम द्वारा बाबा साहेब की 20 फ़ीट ऊंची नई प्रतिमा स्थापित करने की घोषणा की थी। ये सभी कार्य स्वीकृत हो गए हैं।

राजधानी में बाबा साहब अंबेडकर की जयंती कार्यक्रम में शामिल होने के बाद चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने साफ तौर पर कहा कि गैर भाजपा शासित राज्यों में राजभवन की भूमिका की समीक्षा होनी चाहिए। ऐसे बिल जो सीधे जनता के हितों से जुड़े हैं, इसे कितने दिनों तक रोका जा सकता है। जो बिल जनता से सीधे नहीं जुड़ा है तो उसकी बात समझ में आती है। यदि उसे राष्ट्रपति के पास भेज रहें तब अलग बात है। लेकिन आरक्षण तो राज्य का विषय है। उसे राज्यपाल चार-पांच महीने से रोककर बैठे हैं ।

मुख्यमंत्री ने कहा, बिल को लौटा दें या हस्ताक्षर करें। इसे रोकने का क्या है? क्या राज्यपाल को इतना अधिकार है कि प्रदेश के युवाओं के जीवन को खतरे में डाल दें। भविष्य अंधकार में डाल दें । यह अधिकार किसी को नहीं मिलना चाहिए। ऐसी स्थिति में भी विधेयक रोका जाता है तो निश्चित तौर पर समीक्षा होना चाहिए।

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