नई दिल्ली (khabargali) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अपना 73वां जन्मदिन मना रहे हैं और इस मौके पर उन्होंने देश को एक बड़ी सौगात दी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर पीएम विश्वकर्मा योजना की शुरुआत की और इसके तहत कारीगरों व शिल्पकारों को तीन लाख रुपये तक कर्ज उपलब्ध कराए जाने की व्यवस्था का उल्लेख करते हुए कहा कि सबको सम्मान का जीवन देना तथा सभी को सुविधा पहुंचाना ‘मोदी की गारंटी’ है। इस योजना के तहत सरकार की तरफ से 13000 करोड़ रुपये की राशि रखी गई है। जो फरवरी में पेश किए गए बजट में ही शामिल थी। आपको बता दें कि इसके तहत कौशल विकास की ट्रेनिंग देने के साथ ही लाभार्थियों को 15,000 रुपये की राशि टूलकिट प्रोत्साहन के रूप में प्रदान की जाएगी। वहीं लाभार्थियों को 500 रुपये प्रतिदिन का स्टाइपेंड भी मिलेगा। इस योजना में 18 पारंपरिक व्यापारों को शामिल किया गया है। इस योजना के लाभार्थियों को बिना किसी सिक्योरिटी 1 लाख रुपए की राशि भी प्रदान की जाएगी जिसे 18 महीने में लौटाना होगा। इसके बाद और ज्यादा पैसा लिया जा सकता है।
यहां नवनिर्मित इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन एंड एक्सपो सेंटर ‘यशोभूमि’ में देशभर के कारीगरों व शिल्पकारों को प्रधानमंत्री ने ‘विश्वकर्मा’ कहकर संबोधित किया और कहा कि जैसे शरीर में रीढ. की हड्डी की भूमिका होती है वैसे ही ‘विश्वकर्मा’ लोगों की समाज के जीवन में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होती है। उन्होंने कहा, ‘उनके बगैर रोजमर्रा की जिंदगी की कल्पना भी मुश्किल है। यह योजना उन लाखों कारीगरों और शिल्पकारों के लिए आशा की किरण है जो हाथों और औजारों से काम करते हैं।’ मोदी ने कहा, ‘जब बैंक आपसे गारंटी नहीं मांगता है... तो आपकी गारंटी मोदी देता है। बिना गारंटी मांगे तीन लाख रुपये तक का आपको कर्ज मिलेगा और यह भी सुनिश्चित किया गया है कि इस कर्ज का ब्याज बहुत ही कम रहे।’ उन्होंने कहा कि आज देश में एक ऐसी सरकार है जो वंचितों को वरीयता देती है और ‘एक जिला, एक उत्पाद’ योजना के तहत हर जिले के विशेष उत्पादों को बढ़ावा दे रही है। ये लोग होंगे योजना के लिए पात्र- राजमिस्त्री नाई, मालाकार, धोबी, दर्जी, ताला बनाने वाले, अस्त्रकार, मूर्तिकार, पत्थर तराशने वाले, लोहार, सुनार, पत्थर तोड़ने वाले, मोची/जूता बनाने वाले कारीगर, गुडि़या और खिलौना निर्माता, नाव निर्माता, फिशिंग नेट निर्माता, टोकरी/चटाई/झाड़ू बनाने वाला, हथौड़ा और टूलकिट निर्माता।
कैसे कर सकते हैं आवेदन?-
अगर आप प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना में आवेदन करना चाहते हैं, तो इसके लिए आप अपने नजदीकी जनसेवा केंद्र पर जा सकते हैं और कुछ दस्तावेजों की मदद से आवेदन कर सकते हैं।
कहां मिलेगी योजना की सारी जानकारी?-
अगर आप भी प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना से जुड़ना चाहते हैं या इसके बारे में जानना चाहते हैं, तो आप पीएम विश्वकर्मा योजना की आधिकारिक वेबसाइट पीएम विश्वकर्मा डाट जीओवी डाट इन पर जा सकते हैं।
योजना का लाभ कैसे मिलेगा?-
इस योजना के तहत, बायोमेट्रिक आधारित पीएम विश्वकर्मा पोर्टल का उपयोग करके सामान्य सेवा केंद्रों के माध्यम से विश्वकर्माओं का निशुल्क पंजीकरण किया जाएगा। उन्हें पीएम विश्वकर्मा प्रमाण पत्र और पहचान-पत्र, मूलभूत और उन्नत प्रशिक्षण से जुड़े कौशल उन्नयन, 15,000 रुपये का टूलकिट प्रोत्साहन, पांच प्रतिशत की रियायती ब्याज दर पर एक लाख रुपये (पहली किश्त) और दो लाख रुपये (दूसरी किश्त) तक मुक्त ऋण सहायता, डिजिटल लेनदेन के लिए प्रोत्साहन और विपणन सहायता के माध्यम से मान्यता प्रदान की जाएगी।
इतनी मिलेगी प्रोत्साहन राशि:
1. लाभार्थियों को 15,000 रुपये का टूलकिट प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा। 2. 500 रुपये प्रतिदिन का स्टाइपेंड मिलेगा और साथ ही आधारभूत कौशल प्रशिक्षण भी। 3. इस विश्वकर्मा योजना पर 13000 करोड़ रुपये खर्च किए जाने हैं। 4. विश्वकर्मा योजना में पहली बार में 18 पारंपरिक व्यापारों को शामिल किया गया है। 5. बिना सिक्योरिटी 1 लाख रुपये कर्ज मिलेगा, जिसे18 महीने में वापस करना होगा और आगे आप और ज्यादा पैसे ले सकते हैं। 6. इंसेंटिव जैसी सुविधाएं लाभार्थियों को मिलेगी। 7.आवेदक की उम्र 18 साल या उससे अधिक हो।
समझें योजना को-
1. कुल 13 हजार करोड़ रुपये का फंड बनेगा 2. पारंपरिक काम करने वालों को फायदा 3. बेसिक और एडवांस ट्रेनिंग दी जाएगी 4. 5 फीसदी की दर से लोन मिलेगा 5. 3 लाख रुपये तक का लोन 6. 18 करोबार योजना में शामिल किए गए हैं 7. कारीगरों ओर शिल्पकारों को लाभ मिलेगा।
क्या है पीएम विश्वकर्मा?
पीएम विश्वकर्मा पारंपरिक कौशल वाले लोगों का समर्थन करने वाली योजना है। इस योजना के तहत उदार शर्तों पर तीन लाख रुपये तक का लोन दिया जाएगा। इस योजना के शुरू होने से देशभर के करीब 30 लाख विश्वकर्मा परिवारों को फायदा मिल सकता है। इसके जरिए पारंपरिक शिल्प में लगे लोगों को सहायता प्रदान करने पर ध्यान के्द्रिरत होगा।
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