वरिष्ठ पत्रकार और जाने-माने फिल्म समीक्षक थे
इंदौर (khabargali) वरिष्ठ पत्रकार, जाने-माने फिल्म समीक्षक और हिंदी अखबार 'दैनिक भास्कर' में करीब 26 वर्षों से दैनिक भास्कर में ‘पर्दे के पीछे’ कॉलम के नायक जयप्रकाश चौकसे का बुधवार को निधन हो गया है। करीब 83 साल के चौकसे लंबे समय से फेफड़ों के कैंसर से जूझ रहे थे। उन्होंने इंदौर के निजी अस्पताल में सुबह करीब आठ बजे आखिरी सांस ली। जानकारी के मुताबिक, जयप्रकाश चौकसे के छोटे बेटे आदित्य मुंबई में रहते हैं, फिलहाल उनका इंतजार किया जा रहा है। शाम करीब पांच बजे जयप्रकाश चौकसे का अंतिम संस्कार किया जाएगा।
इंदौर से पत्रकारिता की शुरूआत
जयप्रकाश चौकसे का जन्म एक सितंबर 1939 को मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में हुआ था। चौकसे ने अंग्रेजी ओर हिंदी साहित्य में एमए किया था।पत्रकारिता की शुरुआत उन्होंने इंदौर से की थी। वह फिल्म निर्माण से लेकर फिल्म रियलिटी शो के लिए स्क्रिप्ट राइटिंग का काम भी करते थे। वह फिल्म डिस्ट्रीब्यूशन बिजनेस से भी जुड़े रहे। हालांकि, उनकी असली पहचान फिल्म पत्रकार के रूप में ही रही। चौकसे ने बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान अभिनीत ‘बॉडीगार्ड’ फिल्म की कहानी भी लिखी थी। इसके अलावा उन्होंने ‘दराबा’, 'और ‘ताज: बेकरारी का बयान’ शीर्षक से उपन्यास भी लिखे थे।
अंतिम कॉलम में यह लिखा था
‘पर्दे के पीछे’ में वह फिल्म संसार के अलग-अलग पहलुओं पर बात करते थे। उन्होंने 4 दिन पहले ही 'पर्दे के पीछे' की अंतिम किस्त लिखकर इसे विराम दिया था। इस कॉलम में चौकसे ने लिखा था कि यह उनका अंतिम कॉलम है। चौकसे का कहना था कि उन्होंने बीमारी से जूझने के बाद भी अपने पाठकों के लिए लिखना नहीं छोड़ा, लेकिन अब उनका शरीर व याददाश्त उनका साथ नहीं दे रही हैं। हालांकि चौकसे ने यह वादा भी किया था कि यदि उनके स्वास्थ्य में सुधार हुआ तो वह एक बार फिर पाठकों के लिए इस कॉलम को लेकर हाजिर हो जाएंगे। उनके निधन पर दैनिक भास्कर ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर सुधीर अग्रवाल ने भी उनके 26 वर्षों की सेवा के लिए अपनी कृतज्ञता प्रकट की है।
कॉलम की आखिरी किस्त
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