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रायपुर (khabargali) भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि रिपब्लिक भारत न्यूज़ चैनल के संपादक अर्णव गोस्वामी को सुप्रीम कोर्ट से दी गई राहत से साफ हो गया है कि कांग्रेस नेतृत्व प्रेस की आज़ादी का गला घोटने के अपने कुत्सित इरादों में कामयाब नहीं होगा। श्री श्रीवास्तव ने कहा कि महाराष्ट्र के पालघर में दो निरपराध संतों की पीट-पीटकर की गई हत्या के मामले में कांग्रेस और महाराष्ट्र सरकार का रवैया शुरू से तुष्टिकरण की राजनीति का परिचायक रहा है।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्रीवास्तव ने कहा कि संतों की हत्या को लेकर तथ्यों को सामने लाने वाले पत्रकार श्री गोस्वामी के ख़िलाफ़ देशभर में एफ़आईआर कराके कांग्रेस ने आतंक और दबाव का वातावरण बनाने का काम किया है जो न्याय की दहलीज़ पर दम तोड़ गया। छत्तीसगढ़ में श्री गोस्वामी के ख़िलाफ़ 101 एफआईआर दर्ज करवा कांग्रेस ने अपनी असहिष्णुता का जो परिचय दिया है, वह कांग्रेस के नितांत अलोकतांत्रिक राजनीतिक चरित्र का ही प्रदर्शन है। श्री श्रीवास्तव ने कहा कि कोरोना संक्रमण का ख़तरा बढ़ाने वाले तब्लीगी जमात के मौलाना साद के ख़िलाफ़ एफआईआर कराना तो दूर, कांग्रेस और उसके पाले में खड़ा समूचा विपक्ष ‘मोदी विरोध’ के एजेंडे पर चलकर शर्मनाक चुप्पी साधे बैठा है। पालघर मामले में कोई ठोस व निर्णायक क़दम उठाने के लिए महाराष्ट्र सरकार को निर्देशित करने के बजाय एक पत्रकार पर कायराना हमला करवाकर कांग्रेस नेतृत्व प्रेस और अभिव्यक्ति की आज़ादी को कुचलने पर आमादा नज़र आ रहा है।
न्यायालय ने गोस्वामी के खिलाफ एक एफआईआर को छोड़कर सभी को किया निरस्त
न्यायालय ने अरनब गोस्वामी के खिलाफ एक एफआईआर को छोड़कर सभी को निरस्त कर दिया है। यह एफआईआर नागपुर में दायर की गई थी और उसे अब मुंबई स्थानांतरित कर दिया गया है। शीर्ष अदालत ने मुंबई के पुलिस आयुक्त को निर्देश दिए हैं कि वह अरनब गोस्वामी और रिपब्लिक टीवी को सुरक्षा प्रदान करें। न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ और एमआर शाह की पीठ ने याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि उनके खिलाफ दो हफ्ते तक कोई भी सख्त कार्रवाई नहीं की जाएगी। पीठ ने याचिकाकर्ता को जांच में सहयोग करने का आदेश दिया है। गोस्वामी के खिलाफ महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना और जम्मू-कश्मीर में मामला दर्ज किया गया है। जिसमें से नागपुर को छोड़कर सभी मामलों पर आगे के आदेश तक रोक लगा दी गई है।
कौन है अर्णव गोस्वामी..क्या था मामला
अर्णव गोस्वामी एक भारतीय पत्रकार एवं टीवी समाचार प्रस्तोता हैं। वे रिपब्लिक टीवी के प्रबन्ध सम्पादक हैं। कांग्रेस का आरोप है कि अर्णव ने अपने चैनल में करोना महामारी के विषय में 16 अप्रैल को राहुल गांधी के एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा पत्रकार वार्ता की खबर को जानबूझकर गलत प्रस्तुत किया और देश को गुमराह किया। अर्णव के खिलाफ कांग्रेस ने देश भर में एफआईआर दर्ज करवाई थी।
अर्णव पर कथित तौर पर हुआ था हमला
मोटरसाइकिल सवार दो लोगों ने मुंबई में गुरुवार देर रात पत्रकार अर्णब गोस्वामी की कार पर उस समय कथित तौर पर हमला किया जब गोस्वामी लोअर परेल में बॉम्बे डाइंग कॉम्प्लेक्स स्थित एक स्टूडियो से लौट रहे थे।वह अपनी पत्नी के साथ अपने घर जा रहे थे। हमले में कार का शीशा तोड़ने की कोशिश की गई। पुलिस सूत्रों ने बताया कि दोनों हमलावरों को गिरफ्तार कर लिया गया है। बाद में पकड़े जाने पर खुद की पहचान यूथ कॉन्ग्रेस के सदस्यों के रूप में बताई और कहा कि वे उन्हें सबक सिखाने आए थे।
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