राजस्थान: सचिन पायलट कल अपना बयान जारी करेंगे..कांग्रेस ने उपमुख्यमंत्री व प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाया

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बीजेपी के साजिश में पायलट शामिल थे : गहलोत

'सत्य को परेशान किया जा सकता है पराजित नहीं.'' :सचिन पायलट

जयपुर /नई दिल्ली (khabargali) राजस्थान में कांग्रेस में मचे राजनीति गहमा गहमी के बीच कांग्रेस आलाकमान ने सचिन पायलट को कांग्रेस ने उपमुख्यमंत्री पद से हटा दिया है. पायलट को राजस्थान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के पद से भी हटा दिया गया है. साथ ही पायलट समर्थक विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीणा को उनके पदों से हटाने की घोषणा कर दी. इसके बाद सचिन पायलट ने पहली प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने ट्वीट कर कहा, ''सत्य को परेशान किया जा सकता है पराजित नहीं.'' साथ ही सचिन पायलट ने अपने ट्विटर का बायो भी बदल दिया है. पार्टी ने सचिन पायलट की जगह राजस्थान सरकार में वर्तमान शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा को राजस्थान कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष बनाया है. जयपुर में सोमवार को विधायक दल की बैठक हुई जिसके बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र से मिलने पहुँचे . गहलोत ने पत्रकारों से ये भी कहा कि बीजेपी के साजिश में सचिन पायलट शामिल थे .

बैठक में सचिन गुट के सभी विधायक नदारद रहे

जयपुर शहर के उत्तर में स्थित होटल फ़ेयरमाउंट में मंगलवार सुबह 11 बजे कांग्रेस विधायक दल की बैठक शुरू हुई थी. इस बैठक से सचिन पायलट गुट के सभी विधायक नदारद रहे. जयपुर में मंगलवार कांग्रेस विधायक दल की बैठक के बाद कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने पायलट से अपील की थी कि 'वे मंगलवार को होने वाली दूसरी बैठक में ज़रूर शामिल हों', पर सचिन पायलट बैठक में नहीं पहुँचे थे. विधायकों की बैठक में पायलट के ख़िलाफ़ कार्रवाई प्रस्ताव पारित किया गया और सभी विधायकों ने तालियों की गड़गड़ाहट के साथ इस प्रस्ताव का स्वागत किया था. विधायकों की बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, राजस्थान कांग्रेस के इंचार्ज अविनाश पांडे, पार्टी प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला के अलावा वरिष्ठ नेता केसी वेणुगोपाल और अजय माकन भी शामिल थे.

धन बल और सत्ता बल के दुरुपयोग: सुरजेवाला

जयपुर में अभी अभी पत्रकारों को संबोधित करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, "धन बल और सत्ता बल के दुरुपयोग से, ईडी और आयकर विभाग का दुरुपयोग करके विधायकों को ख़रीदने का नाक़ाबिल-ए-माफ़ी जुर्म किया है". सुरजेवाला ने कहा कि "राजस्थान के विधायकों को ख़रीदने की साज़िश की जा रही थी, हमें अफ़सोस है कि हमारे युवा साथी उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और उनके साथी दिग्भ्रमित होकर कांग्रेस की सरकार गिराने की बीजेपी की साज़िश में शामिल हो गए हैं." उन्होंने हरियाणा सरकार पर इस काम में मदद करने का आरोप लगाते हुए कहा, "मनोहर लाल खट्टर की पुलिस की सुरक्षा में, मानेसर में फाइव स्टार होटल में विधायकों को क़ैद किया गया, यह बीजेपी की सरकार को गिराने और आठ करोड़ राजस्थानियों के स्वाभिमान को चुनौती देने का मामला है".

सचिन पायलट कल बयान जारी करेंगे

सचिन पायलट ने सोमवार शाम को कहा था कि 'उनका राहुल गांधी से मुलाक़ात करने का कोई विचार नहीं है. एक टीवी चैनल से बातचीत में उन्होंने साफ़ कर दिया था कि 'वे पार्टी की मनाने की कोशिशों से दूर हैं.' उन्होंने आज कहा कि वे कल बयान जारी करेंगे .

किसके पास कितने विधायक?

पायलट की बग़ावत के बावजूद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पास सरकार चलाने के लिए बहुमत तो है, मगर कुछ लोगों के हेरफेर से ही उनकी सरकार मुसीबत में आ सकती है.बहरहाल, मंगलवार को हुई बैठक में अशोक गहलोत के समर्थकों की संख्या 102 रही. जबकि गहलोत समर्थकों का दावा है कि 'उनकी टीम में 106 विधायक हैं' जो राजस्थान में बहुमत के लिए ज़रूरी नंबर 101 से पाँच अधिक हैं. राजस्थान विधानसभा में कुल 200 सीटें हैं. कांग्रेस के पास अब तक 122 विधायकों का समर्थन था, इनमें 107 कांग्रेसी और 15 निर्दलीय विधायक थे. लेकिन सचिन पायलट की बग़ावत से ये गणित बिगड़ गया. गहलोत के समर्थन में छोटी पार्टियाँ भी शामिल हैं जिसमें सीपीएम, बीटीपी और आरएलडी है. पर भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) की भूमिका यहाँ अचानक से बड़ी हो गई है.

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