नयी दिल्ली (khabargali) केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मसौदा राष्ट्रीय फार्मेसी आयोग विधेयक, 2023 जारी कर दिया है जिसमें 1948 के फार्मेसी अधिनियम को निरस्त करने और भारतीय फार्मेसी परिषद की जगह एक राष्ट्रीय आयोग बनाने का प्रावधान प्रस्तावित है। मंत्रालय ने विधेयक के मसौदे को 14 नवंबर को अपनी वेबसाइट पर डाला है और इस पर जनता की राय मांगी है।
प्रस्तावित विधेयक में क्या है?
प्रस्तावित विधेयक का उद्देश्य एक फार्मेसी शिक्षण प्रणाली बनाना है, जो गुणवत्तापूर्ण और किफायती फार्मेसी या फार्मास्युटिक शिक्षा तक पहुंच को सुगम बनाए। इसके साथ विधेयक का उद्देश्य देश के सभी हिस्सों में पर्याप्त और उच्च गुणवत्ता वाले फार्मेसी पेशेवरों की उपलब्धता सुनिश्चित करना, समान और सार्वभौमिक स्वास्थ्य देखभाल को बढ़ावा देना और फार्मेसी पेशेवरों की सेवाएं सभी नागरिकों के लिए सुगम बनाना है।
फार्मेसी पेशेवरों का रखा जाएगा विवरण
मसौदा विधेयक में फार्मेसी संस्थानों के समय-समय पर और पारदर्शी मूल्यांकन का प्रस्ताव है। विधेयक के मसौदे के अनुसार, फार्मेसी आचार और पंजीकरण बोर्ड के पास एक राष्ट्रीय फार्मेसी पंजी होगी, जिसमें पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए फार्मेसी पेशेवरों का विवरण रखा जाएगा।
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