

सेक्स की इच्छा बढ़ाने की दवा का ओवर डोज से मौत होने की वजह बताई जा रही है..जाँच से होगा खुलासा
गरियाबंद (khabargali) छत्तीसगढ़ प्रदेश के गरियाबंद जिले के उदंती अभ्यारण में एक वर्ष में ही पहले जुगाडू, फ़िर श्यामू अब वंश वृद्धि करने वाली मादा जंगली वन भैसे आशा की मौत हो गई है. एक साल भर में तीन राजकीय पशु की मौत से अभ्यारण्य प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है. सुत्रों के मुताबिक बीती सोमवार की रात को अभ्यारण्य के रेस्क्यू सेंटर में आशा नामक मादा वनभैंसा की मौत हो गई है. तार से घिरे बाड़ा के मुख्य द्वार से लगभग 200 मीटर भीतर जंगल में वन अमले के ट्रेकरो ने आशा को मृत पाकर इसकी सूचना अफसरों को दिया है. डब्ल्यूटीआई से नियुक्त चिकित्सक आर पी मिश्रा ने इस मौत की पुष्टि करते हुए बताया कि आशा उम्र दराज होने के कारण लंबे समय से बीमारी से ग्रसित थी. उसका इलाज भी जारी था. आशा की मौत की सूचना के बाद रायपुर से अभयारण प्रशासन के आला अफसर भी यहां पहुंचने वाले हैं.
आशा ने 7 नर वन भैंसों को जन्म दिया था
आपको बता दें कि आशा ने अब तक 7 नर वन भैंसों को जन्म दिया है. इसके अधिकतर संतान वन भैसा के रुप में विधमान है. मादा वन भैसा की मौत को लेकर वन विभाग चिंतित है. हालांकि ख़बरगली के सूत्रों के अनुसार आशा को विभाग द्वारा दिए जा रहे सेक्स की इच्छा बढ़ाने की दवा का ओवर डोज की वजह से बीमार हो कर मौत होने की वजह बताई जा रही है. इस पूरे मामले की सही जांच से मौत होम की वजह की पुष्टि हो सकती है.
संख्या बढ़ाने अभियान पर करोड़ों ख़र्च
जुगाडू और श्यामू के बाद आशा की मौत ने राजकीय पशु की संख्या बढ़ाने चलाये जा रहे अभियान व उसमें फूंके जा रहे करोड़ों रूपये के खर्च पर सवाल खड़ा कर दिया है.
आशा ही एक मात्र मादा वन भैसा थी
साल भर पहले तक आशा ही एक मात्र मादा वन भैस थी. जिससे वंश वृद्धि के तरह तरह के प्रयोग किये जा रहे थे. हालांकि अभी आशा की चौथी संतान खुशी भी है, जो अभियान को आगे बढ़ाने में सहायक होगी. इसके अलावा आशा के क्लोन से तैयार बिपाशा भी है, जो इस समय हरियाणा के करनाल में मौजूद है.
एक अन्य वन भैसे प्रिंस भी बीमार
अभ्यारण के सूत्रों के अनुसार एक अन्य वन भैंसा प्रिंस भी बीमार चल रहा है. उसके आंखों में तकलीफ है, जिसका इलाज जारी है.
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