वायुसेना को मिलेगी नई ताकत, सेना को मिलेंगे 97 तेजस मिग-21 की जगह लेंगे, रक्षा मंत्रालय-एचएएल के बीच समझौता

The Air Force will get a new boost, the Army will get 97 Tejas aircraft to replace the MiG-21, an agreement between the Ministry of Defense and HAL hindi News big News latest News khabargali

नई दिल्ली (खबरगली)  रक्षा मंत्रालय ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के साथ 62,370 करोड़ रुपए का ऐतिहासिक सौदा किया है। इस समझौते के तहत भारतीय वायुसेना के लिए 97 तेजस लड़ाकू विमान खरीदे जाएंगे। यह सौदा भारत की स्वदेशी रक्षा उत्पादन क्षमता को मजबूत करने और वायुसेना को आधुनिक हथियारों से लैस करने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है। इस समझौते पर गुरुवार को हस्ताक्षर किए गए।

रक्षा मंत्रालय ने बताया कि 97 तेजस एमके-1ए विमानों के साथ संबंधित उपकरण भी खरीदे जाएंगे। इस सौदे में टैक्स शामिल नहीं है। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट समिति ऑन सिक्योरिटी की बैठक में एक महीने पहले इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी। माना जा रहा है कि वायुसेना में बड़ी तादाद में तेजस का शामिल होना गेमचेंजर साबित होगा।

तेजस एमके-1ए विमानों में %स्वयम् रक्षा कवच’ और आधुनिक कंट्रोल एक्ट्यूएटर्स जैसे एडवांस फीचर होंगे। इनमें 64 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी पुर्जे होंगे और 67 नए स्वदेशी आइटम जोड़े गए हैं। तेजस एक मल्टी-रोल फाइटर है, जो एयर डिफेंस, समुद्री निगरानी और स्ट्राइक मिशन में इस्तेमाल किया जा सकता है।

पहले भी हुआ था बड़ा अनुबंध

इससे पहले फरवरी, 2021 में रक्षा मंत्रालय ने एचएएल के साथ 48,000 करोड़ रुपए का सौदा किया था। उस अनुबंध के तहत भारतीय वायुसेना को 83 तेजस एमके-1ए विमान मिलने हैं। अब नया सौदा उस श्रृंखला को आगे बढ़ाता है और भारत की एयरोस्पेस क्षमता में बड़ा इजाफा करता है।

कब से शुरू होगी डिलीवरी

रक्षा मंत्रालय ने बताया कि तेजस की डिलीवरी 2027-28 से शुरू होगी और छह वर्षों में पूरी हो जाएगी। यह सिंगल-इंजन जेट भारतीय वायुसेना के पुराने पड़ चुके मिग-21 विमानों की जगह लेगा। वायुसेना के पास वर्तमान में केवल 31 स्क्वाड्रन बचे हैं, जबकि अधिकृत संख्या 42 स्क्वाड्रन की है।

भारत की रणनीतिक बढ़त

इस सौदे को भारत के लिए रणनीतिक रूप से अहम माना जा रहा है। तेजस न केवल वायुसेना की ताकत बढ़ाएगा बल्कि रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को भी गति देगा। स्वदेशी टेक्नोलॉजी व नए डिजाइन के साथ बना तेजस आने वाले वर्षों में भारत को इजराइल, अमरीका व अन्य शक्तिशाली देशों के बराबर खड़ा करने में मदद करेगा।

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