बिलासपुर (खबरगली) बिलासपुर के गतौरा रेलवे लाइन के पास मंगलवार को मेमू ट्रेन सामने चल रही एक मालगाड़ी से जा टकराई थी। इस हादसे में अब तक 12 लोगों के मौत की पुष्टि हो चुकी है। इस बीच एक बड़ी खबर सामने आ रही है। यहाँ कोटमीसोनार और जयरामनगर स्टेशनों के बीच एक ही ट्रैक पर तीन ट्रेनें दिखाई दीं। जानकारी के अनुसार दो मालगाड़ियां और एक यात्री ट्रेन एक ही लाइन पर थीं। यात्रियों की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई क्योंकि यात्री ट्रेन के आगे और पीछे मालगाड़ियां खड़ी थीं। इस दौरान कई यात्रियों में हड़कंप मच गया और कुछ लोग ट्रेन से उतर गए।
जानकारी के बाद रेलवे अधिकारियों ने तुरंत कंट्रोल रूम को सूचित किया और ट्रैक पर अन्य ट्रेनों की आवाजाही रोक दी। हालांकि रेलवे प्रशासन ने इस घटना को रूटीन प्रक्रिया बताया है। अफसरों का कहना है कि ऑटो सिग्नल सिस्टम के तहत एक रूट पर एक से अधिक ट्रेनें चल सकती हैं, लेकिन हाल ही में हुए हादसे के बाद यात्री दहशत में आ गए और ट्रेन से उतर गए।
बता दें कि, यह सब उस समय हुआ जब एक यात्री ट्रेन चल रही थी। अचानक उसके आगे और पीछे दो मालगाड़ियां खड़ी दिखी। यानी यात्री ट्रेन बीच में फंस गई। आगे मालगाड़ी थी, पीछे मालगाड़ी थी। गनिमत यह रही की किसी तरह की कोई हानि नहीं हुई। थोड़ी सी चूक हो जाती तो बड़ा हादसा हो सकता था।
रेल हादसे का खुलासा
बिलासपुर रेल हादसे मामले में रेलवे की शुरुआती जांच में खुलासा हुआ है। खुलासे में यह बात सामने आई है कि ट्रेन को गलत सिग्नल वाली लाइन पर चलाया गया, जिससे यह हादसा हुआ। पैसेंजर ट्रेन के मृत चालक पर जुर्म दर्ज किया गया है। असिस्टेंट चालक की हालत गंभीर बताई जा रही है और उनका इलाज जारी है।
ट्रेन के मृत चालक विद्या सागर के खिलाफ स्टेशन अधीक्षक निखलेश विठालकर ने तोरवा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है। तोरवा थाना पुलिस ने ट्रेन चालक के खिलाफ बीएनएस की धारा 106 ए, 125 एवं रेलवे एक्ट की धारा 153, 154, 175 के तहत जुर्म दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। बता दें कि 4 नवंबर को लालखदान क्षेत्र में रेल हादसा हुआ था जिसमें अभी तक अधिकृत तौर पर 11 यात्रियों की दर्दनाक मौत की पुष्टि हुई है। इसके अलावा 20 घायलों का इलाज जारी है।
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