बिहार में CBI टीम पर हमला, रांची में शिक्षा मंत्री का पुतला फूंका
देशभर के 67 अभ्यर्थियों के रिजल्ट पर रोक, खत्म होगा ग्रेस मार्क का सिस्टम
नई दिल्ली (khabargali) नीट प्रश्न पत्र लीक मामले में रोजाना नए-नए खुलासे होते नजर आ रहे हैं . नीट पेपर लीक मामले की जांच में अब तक बिहार, गुजरात, महाराष्ट्र, झारखंड और उत्तर प्रदेश जैसे पांच राज्यों का कनेक्शन सामने आया है. इस मामले में बिहार की आर्थिक अपराध शाखा की ताबड़तोड़ कार्रवाई जारी है. केंद्र सरकार ने एनटीए के महानिदेशक सुबोध कुमार सिंह को पद से हटा दिया है. शिक्षा मंत्रालय ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी है. साथ ही परीक्षा में सुधार के लिए इसरो के पूर्व प्रमुख के. राधाकृष्णन की अध्यक्षता में सात सदस्यीय समिति का गठन भी किया है. रांची में कांग्रेस नेताओं ने शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का पुतला दहन कर परीक्षा को रद्द करने और उनके इस्तीफे की मांग की.
नीट पेपर लीक मामले में दिल्ली से बिहार के नवादा पहुंची सीबीआई की टीम पर हमले की खबर सामने आई है. रजौली के कसियाडीह गांव के लोगों ने सीबीआई को नकली समझकर मारपीट शुरू कर दी और गाड़ियों में जमकर तोड़फोड़ की.
इस बीच शित्रा मंत्रालय ने नीट यूजी मामले में कथित अनियमितताओं की जांच के लिए कई शहरों में प्रदर्शन कर रहे छात्रों की मांग मानते हुए शनिवार (22 जून) को सीबीआई को जांच सौंप दी थी. इसके बाद सीबीआई ने रविवार (23 जून) धारा 120-बी (आपराधिक साजिश) और 420 (धोखाधड़ी) के तहत मामला दर्ज किया. और जांच भी शुरू कर दी गई है. इस मामले की जांच के लिए सीबीआई की टीम बिहार भी आएगी. बिहार पुलिस ने इस मामले में पहले 13 लोगों को गिरफ्तार किया था. उसके बाद 6 अन्य लोगों को झारखंड के देवघर से पकड़ा गया था. जिनका रविवार को पटना में मेडिकल टेस्ट भी काराया गया. बिहार में पेपेर लीक मामले से जुड़े कई तथ्य निकलकर सामने आएं हैं, जिसके बाद छात्र और विपक्ष ने सीबीआई जांच की मांग भी की थी.
बताते चलें कि नीट-यूजी एग्जाम पांच मई को देशभर में 4,750 केंद्रों पर आयोजित की गई थी और इसमें करीब 24 लाख अभ्यार्थी शामिल हुए थे. इस परीक्षा के नतीजे 14 जून को घोषित होने वाले थे, लेकिन चार जून को घोषित कर दिए गए थे.
परीक्षा में अनियमितताओं के आरोप में मामला दर्ज
सीबीआई ने नीट-2024 परीक्षा में अनियमितताओं के आरोपों से संबंधित मामले में केस दर्ज किया है. सीबीआई ने शिक्षा मंत्रालय के निदेशक की एक लिखित शिकायत के आधार पर एक आपराधिक मामला दर्ज किया है. एफआईआर में आरोपों में कहा गया है कि एनईईटी (यूजी) 2024 परीक्षा राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) द्वारा 5 मई 2024 को 571 शहरों में 4,750 केंद्रों पर आयोजित की गई. जिसमें विदेश के 14 शहर भी शामिल थे. 23 लाख से अधिक उम्मीदवार परीक्षा में शामिल हुए थे. शिकायत में आगे आरोप लगाया गया है कि NEET (UG) 2024 परीक्षा के आयोजन के दौरान कुछ राज्यों में कुछ अलग-अलग घटनाएं हुईं. इसलिए शिक्षा मंत्रालय ने सीबीआई से उम्मीदवारों, संस्थानों और बिचौलियों द्वारा साजिश, धोखाधड़ी, जालसाजी, अमानत में ख्यानात और सबूतों को नष्ट करने सहित कथित अनियमितताओं की पूरी साजिश की व्यापक जांच करने का अनुरोध किया है. मंत्रालय ने परीक्षा के करवाने वाले से जुड़े पब्लिक सर्वेंट की भूमिका की जांच करने के लिए कहा है और साथ ही घटनाओं के पूरे पहलू और बड़ी साजिश की भी जांच के लिए सीबीआई से अनुरोध किया है.
पूरे देश में 67 स्टूडेंट का रिजल्ट रोका गया
नीट यूजी पेपर लीक के आरोपों के बीच देशभर में कई अभ्यार्थियों के रिजल्ट रोके गए हैं. सूत्रों से हवाले से बताया गया है कि शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि एनटीए की ओर से पूरे देश में 67 स्टूडेंट का रिजल्ट रोका गया है. पटना में कुल 70 एग्जाम सेंटर बनाए गए थे, जिसमें से 17 अभ्यार्थियों की परीक्षा में गड़बड़ी पाई गई और उनके रिजल्ट पर रोक लगा दी गई है.
'अभ्यार्थियों की मांगें मानी गई'
सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, "अभ्यार्थियों की जो भी मांगें थी, उसे माना गया है. एनटीए पर कार्रवाई की मांग थी, वो हो गई. एनटीए के डीजी बदल दिए गए हैं. छात्रों के मन में आ गया था कि NTA की व्यवस्था में गड़बड़ी है, जिसे सरकार ने समझा और हमने उसे ठीक किया. ग्रेस मार्क की व्यवस्था का कोई प्रावधान ही नहीं था, लेकिन एनटीए ने किया." सूत्रों के अनुसार सरकार की ओर से इसी को गड़बड़ी का कारण माना जा रहा है और इसी के आधार पर एनटीए के डीजी को बदला गया. '
एक्सपर्ट कमेटी की सिफारिशें की जाएगी लागू'
सूत्रों के अनुसार शिक्षा मंत्री ने कहा, "एनटीए की ओर से आयोजित की जाने वाली सभी परीक्षाओं से पहले एक्सपर्ट कमेटी की सिफारिशों को लागू कर दिया जाएगा. एनटीए के रिफॉर्म को लेकर बनाई गई कमेटी 22 अगस्त तक अपनी रिपोर्ट दे देगी. कमेटी की ओर से जो भी सिफारिशे होंगी, उसे अगली परीक्षा से पहले NTA लागू करेगी."
1,563 अभ्यर्थियों में से 813 दोबारा परीक्षा में शामिल हुए
नीट-स्नातक में जिन 1,563 अभ्यर्थियों को पहले कृपांक दिए गए थे, उनमें से 813 अभ्यर्थी रविवार को दोबारा परीक्षा में शामिल हुए. उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद सात केंद्रों पर दोबारा परीक्षा आयोजित की गई.पांच मई को नीट-स्नातक की परीक्षा के दौरान जिन छह केंद्रों पर परीक्षा देर से शुरू हुई वहां समय की हानि की भरपाई के लिए कृपांक दिए गए थे. एनटीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, कम से कम 52 प्रतिशत (1,563 उम्मीदवारों में से 813) रविवार को पुन: परीक्षा में शामिल हुए. मेडिकल प्रवेश परीक्षा में कथित अनियमितताओं को लेकर उठे विवाद के बीच एनटीए ने रविवार को 17 अभ्यर्थियों को परीक्षा देने से रोक दिया जो पांच मई को बिहार के केंद्रों पर परीक्षा देने पहुंचे थे. एजेंसी ने पहले भी परीक्षा में अनुचित साधन अपनाने के आरोप में 63 अभ्यर्थियों को परीक्षा से बाहर कर दिया था. शनिवार को गुजरात के गोधरा से 30 अतिरिक्त अभ्यर्थियों के भी परीक्षा देने पर रोक लगा दी गई थी.
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