पर्चा लिखने वाले बाबाओं को लेकर पंडित प्रदीप मिश्रा ने तंज कसा

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कहा- हमें भगवान पर भरोसा करना चाहिए

साईं विवाद पर उन्होंने कहा कि सनातन धर्म में देवताओं की कोई कमी नहीं है, हम उन्हीं को पूज लें, वहीं आनंद है

उज्जैन (khabargali) सीहोर वाले पंडित प्रदीप मिश्रा ने पर्चा लिखने वाले बाबाओं को लेकर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि न मैं कोई पर्चे लिखता हूं, न भविष्यवाणी करता हूं। किसी साधारण मनुष्य पर भरोसा न कर हमें भगवान पर भरोसा करना चाहिए। इससे हमारा जीवन सार्थक होगा। साईं विवाद पर उन्होंने कहा कि सनातन धर्म में देवताओं की कोई कमी नहीं है, हम उन्हीं को पूज लें, वहीं आनंद है। पंडित मिश्रा उज्जैन के मुरलीपुरा में 4 अप्रैल से 10 अप्रैल तक शिव महापुराण कथा सुना रहे हैं।

मीडिया ने जब उनसे पूछा कि आपने अपनी कथा के दौरान भविष्यवाणी नहीं करने की बात कही तो वो क्या बागेश्वर धाम को लेकर थी। इस पर उन्होंने कहा कि हमें उससे मतलब नहीं। हम इतना जानते हैं शंकर भगवान का भजन करें स्वयं कालाधिपति बैठा है दुनिया का भाग्य लिखने वाला, वही है जो राम जी, कृष्ण जी की माता का हाथ देखकर बता देते हैं। हमें हमारे भगवान पर भरोसा करना है, किसी साधारण मनुष्य पर भरोसा नहीं करेंगे। भगवान पर भरोसा करेंगे तो हमारा जीवन सार्थक होगा।

प्रसिद्ध कथा वाचक पं.प्रदीप मिश्रा ने उज्जैन पर चल रही श्री शिव महापुराण कथा के दूसरे दिन बुधवार को भक्तों से कहा कि क्रोध के समय वाणी व विचारों पर संयम रखें, फिर देखिए आपकी ओर से शिव जवाब देंगे। मैनावती ने अपनी भाई राजा भर्तृहरि को पत्नी वियोग के समय यही सीख दी थी। अगर गुरु प्रबल है, तो वह शिष्य को भी प्रबल बना देगा।

उज्जैन की धर्मधरा ऐसे ही साधक, आराधक, तपस्वी और मनीषियों की भूमि है। भगवान महाकाल ने उज्जैन के लोगों को इस नगरी का महत्व बताने के लिए ही यहां शिव महापुराण का आयोजन कराया है। उन्होंने कथा के शुरुआती चालीस मिनट उज्जैन के महत्व को रेखांकित किया और माता हरसिद्धि, सम्राट विक्रमादित्य व भर्तृहरि से जुड़े अनेक प्रसंग सुनाए।

कथा सुनने के लिए देशभर से लोगों का उज्जैन पहुंचने का सिलसिला जारी है। श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। इसके लिए आयोजकों को अतिरिक्त इंतजाम जुटाना पड़ रहे हैं। भक्तों की भीड़ को देखते हुए कथा स्थल पर अतिरिक्त पंडाल लगाए जा रहे हैं।

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