RBI का तोहफा: कम होगी आपकी EMI, एटीएम जाने का झंझट कम किया। RTGS-NEFT से पैसा ट्रांसफर करने पर अब नहीं लगेगा चार्ज

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रेपो रेट को 6.0% से घटाकर 5.75% कर दिया

नई दिल्ली (khabargali)भारतीय रिजर्व बैंक ने तीसरी बार रेपो रेट में कटौती की है, आरबीआई ने अपनी क्रेडिट पॉलिसी का एलान करते हुए रेपो रेट को 6.0% से घटाकर 5.75% कर दिया है, यानी उसने रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती है, वहीं रिवर्स रेपो रेट भी 5.75% से घटाकर 5.50% किया गया है | बताया जा रहा है कि रेपो रेट में कटौती से बैंकों के धन की लागत कम होगी और वह आगे अपने ग्राहकों को सस्ता कर्ज दे पायेंगे, आने वाले दिनों में इससे होम लोन, ऑटो लोन और दूसरे कर्ज सस्ते हो सकते हैं. रेपो रेट वह दर होती है जिस पर रिजर्व बैंक दूसरे वाणिज्यक बैंकों को अल्पावधि के लिये नकदी उपलब्ध कराता है

जीडीपी का अनुमान घटाया

इस बीच, रिजर्व बैंक ने जीडीपी का अनुमान घटा दिया है. रिजर्व बैंक के मुताबिक जीडीपी ग्रोथ रेट 7 फीसदी रहने का अनुमान है. इससे पहले आरबीआई ने जीडीपी ग्रोथ को 7.2 फीसदी का अनुमान लगाया था. वहीं केंद्रीय बैंक ने 2019-20 की पहली छमाही में महंगाई दर 3 से 3.1 फीसदी तक रहने का अनुमान जताया है. वहीं साल की दूसरी छमाही में यह आंकड़ा 3.4%-3.7% तक रह सकता है |

ऑनलाइन ट्रांजेक्‍शन करने वालों को तोहफा

इसके अलावा ऑनलाइन ट्रांजेक्‍शन करने वालों को भी आरबीआई की बैठक से खुशखबरी मिली है. दरअसल, रिजर्व बैंक ने RTGS और NEFT लेनदेन पर लगाए गए शुल्क को हटा दिया है. इसका मतलब यह हुआ कि अब RTGS और NEFT के जरिए ट्रांजेक्‍शन करने वाले लोगों को किसी भी तरह का एक्‍स्‍ट्रा चार्ज नहीं देना होगा |

डिजिटल पेमेंट से नगद राशि की होगी अदला बदली

देश में एक तरफ जहां बैंक अपने एटीएम बंद कर के देश में आर्थिक संकट जैसा माहौल उत्पन्न कर रहे हैं। वहीं दूसरी और भारतीय रिजर्व बैंक ने इस चुनौती से निपटने के लिए एक नया तरीका खोज निकाला है। आरबीआई द्वारा गठित एक कमेटी ने छोटे शहरों के दुकानदारों से अनुरोध किया है कि वह अपने गल्ले में जमा नगद राशि की ग्राहकों के डिजिटल पेमेंट से अदला बदली का चलन शुरू करें। 6 लाख स्वाईपिंग मशीनें वितरित बताया गया कि बीते एक साल में छह लाख से ज्यादा कार्ड स्वाइपिंग मशीनें वितरित की गई हैं। कहा जा रहा है कि छोटे शहरों में डिजिटल पेमेंट की बढ़ती लोकप्रियता की एक सकारात्मक कदम हो सकता है। इससे ना केवल आम जनता को एटीएम की विभिन्न परेशानियों से निजात मिलेगा बल्कि दुकानदारों का भी अत्यधिक पैसा बिना बैंक की झंझट के उनके खाते में पहुंच जाएगा। इस पूरी प्रक्रिया में दुकान से बैंक और फिर बैंक से एटीएम तक नकदी ले जाने में होने वाला खर्च भी बचेगा। रिपोर्ट के मुताबिक नई व्यवस्था से एटीएम प्राइमरी सोर्स की तरह उपयोग होंगे।

 

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