विधानसभा में बेमौसम बारिश से हुए फसलों के नुकसान का और फर्जी प्रमाण पत्र पर नौकरी का उठा मुद्दा

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एकलव्य विद्यालयों में सामग्री की खरीदी में अनियमितता, मंत्री के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने किया वॉकऑउट...सदन में और क्या हुआ पढ़े

रायपुर (khabargali) विधानसभा सभा के बजट सत्र के दौरान मंगलवार को बेमौसम बारिश से हुए फसलों के नुकसान का मुद्दा उठा। बीजेपी के सदस्य शिवरतन शर्मा ने आरोप लगाया कि बरसात से हुए नुकसान का सरकार ने संज्ञान नहीं लिया। अजय चंद्राकर बोले- रबी की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है। किसान सरकार की नीतियों से बेबस हो गया है। नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने नुकसान का मूल्यांकन कराकर उचित मुआवजा देने की मांग की। इस पर राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने कहा कि सभी जिला कार्यालयों को निर्देशित किया गया है। आंधी-तूफान और आकाशीय बिजली से 8 व्यक्ति और 36 पशुओं की जान गई है। फसल क्षति का आंकलन अभी जारी है। 15 दिनों के भीतर मुआवजा राशि देने का प्रावधान है, जल्द ही आंकलन के बाद सहायता राशि जारी कर दी जाएगी।

फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी का मुद्दा उठा

 प्रदेश में फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों की कई शिकायतें है। कई प्रकरणों में जांच चल रहीहै, कई प्रकरणों में जांच पूरी कर कार्रवाई भी की गयी है। विधानसभा में फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी का मुद्दा उठा। कांग्रेस विधायक गुलाब कमरो ने गलत फर्जी जाति प्रमाण पत्रों से नौकरी प्राप्त करने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जानकारी आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक विकास मंत्री से मांगी।

एकलव्य विद्यालयों में सामग्री की खरीदी में अनियमितता का मुद्दा उठा

राजनांदगांव और मोहला मानपुर के एकलव्य विद्यालयों में सामग्री की खरीदी में अनियमितता के मामले पर मंगलवार को विधानसभा में विपक्षी सदस्यों ने जमकर हंगामा किया। आदिमजाति विकास मंत्री डा. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने माना कि अनियमितता हुई है और नियमों का पालन नहीं किया गया। इस पूरे मामले में दो प्राचार्य और एक अन्य अफसर के खिलाफ विभागीय जांच की जा रही है। मंत्री के जवाब से विपक्षी सदस्य संतुष्ट नहीं हुए और उन्होंने सदन से वॉकऑउट कर दिया।

प्रश्नकाल के दौरान धरम लाल कौशिक ने आत्मसात किए गए जनघोषणा-पत्र 2018 में क्या बंद स्कूलों को प्रारंभ करने की घोषणा भी की गई थी? प्रदेश में जनवरी 2019 से 31.1.2023 तक कितने नक्सल प्रभावित बंद स्कूलों को प्रारंभ किया गया है? इसमें कितने शिक्षक कार्यरत हैं तथा कितने बंद स्कूलों को चालू करने की योजना है? आदिम जाति विकास मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने बताया कि प्रश्नाधीन अवधि में 275 बंद स्कूलों को प्रारंभ किया गया है तथा इनमें 185 शिक्षक कार्यरत हैं। वर्तमान में कोई योजना नहीं है।

भाजपा सदस्य डॉ. कृष्णमूर्ति बांधी के सवाल के जवाब में आदिम जाति विकास मंत्री ने बताया कि विभाग में वर्ष 2020-21, 2022-23, और 31 जनवरी 2023 तक कुल 9 करोड़ 17 लाख से अधिक राशि स्वीकृत की गई थी। उन्होंने माना कि स्वीकृत राशि के अंतर्गत हुई खरीदी में वित्त विभाग के निर्देश, भंडार क्रय नियमों का पूरी तरह पालन नहीं किया गया है। उन्होंने बताया कि जांच कमेटी गठित की गई थी, और दोषियों में एक नरेन्द्र मारिया प्राचार्य की अब मृत्यु हो चुकी है। इसलिए उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं हो सकती। जबकि बाद के प्राचार्य संगीता राबिंस, और सहायक आयुक्त छबिलाल चंद्रवंशी के खिलाफ विभागीय जांच की जा रही है। भाजपा सदस्य शिवरतन शर्मा ने कहा कि जांच रिपोर्ट के आधार पर दोषियों के खिलाफ एफआईआर कराने पर जोर दिया। नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल जवाब पर असहमति जाहिर की, और स्पीकर से आग्रह किया कि मंत्रियों को तैयारी से आना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि मंत्री ने स्वीकार किया है कि गड़बड़ी हुई है। ऐसे में दोषियों को निलंबित कर एफआईआर किया जाना चाहिए। इस पर मंत्री ने कहा कि जिम्मेदार लोगों के खिलाफ विभागीय जांच चल रही है। मंत्री के जवाब से असंतुष्ट विपक्षी सदस्यों ने सदन से वॉकऑउट कर दिया।

एक हजार करोड़ रुपए का घोटाला उजागर हुआ : कौशिक

विधानसभा में आज BJP ने राशन के 1 हजार करोड़ रुपए की गड़बड़ी स्थगन लाया। जिसे लेकर आज पूर्व नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया, आज महत्वपूर्ण विषय में स्थगन लाया गया। इसमें सहकारी समिति के माध्यम से सरकार के द्वारा चावल, शक्कर, गुड़, चना की आपूर्ति में एक हजार करोड़ रुपए का घोटाला उजागर हुआ है। जिन वस्तुओं को गरीबों को दिया जाना चाहिए था। उसमें बड़ी लापरवाही बरती गई। सरकार ने आज जो जवाब दिया है। उसमें 41 हजार 975 टन चावल, शक्कर 2 हजार 162 टन,गुड़ 270 टन और चना की भारी मात्रा है। लिखित रूप से सरकार ने सदन में बताया कि अब 4 करोड़ 55 लाख रुपए की वसूली की गई है। 13 दुकान संचालकों पर एफआईआर किया गया है। वहीं 119 दुकानों का आवंटन निरस्त किया गया है। कहा, आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत बड़ा घोटाला उजागर हुआ है।, जिसे सरकार ने लिखित रूप से स्वीकार किया है। कहा, इससे साबित होता है कि इस सरकार में भ्रष्टाचार किस हद तक अपनी जड़ें जमा चुका है।

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