जांजगीर-चांपा (खबरगली) जांजगीर-चांपा जिले में अंतरराष्ट्रीय बाल दिवस के मौके पर यूनिसेफ और पुलिस प्रशासन के तत्वाधान में 12वीं कक्षा की छात्रा दीक्षा सारथी को 15 मिनट के लिए जांजगीर-चांपा का कलेक्टर बनाया गया।
तीन प्रस्ताव पर अमल करने के निर्देश
कलेक्टर की कुर्सी संभालने के बाद दीक्षा ने तीन प्रस्ताव पर अमल करने के निर्देश दिए। इस अनुभव ने न केवल दीक्षा बल्कि कई छात्राओं में यूपीएससी परीक्षा पास कर आईएएस बनने की ललक जगा दी है। कलेक्टर कार्यालय में शुक्रवार सुबह 11 बजे निजी स्कूल में पढ़ने वाली छात्राओं ने कलेक्टर से मुलाकात की. इसके बाद जिला प्रशासन ने अनोखी पहल करते हुए कलेक्टर की कुर्सी 15 मिनट के लिए एक छात्रा को सौंपी।
दीक्षा सारथी ने जांजगीर चांपा जिले का प्रतीकात्मक कलेक्टर बनाने जनहित से जुड़े तीन महत्वपूर्ण – डिजिटल फास्टिंग को बढ़ावा देना, पॉलिथीन मुक्त जिला बनाने और “एक पेड़ माँ के नाम अभियान के तहत पौधों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
कार्यक्रम के दौरान कलेक्टर जन्मेजय महोबे ने कहा कि छात्राओं को नेतृत्व का अवसर देना बेहद महत्वपूर्ण है। ग्रामीण अंचल के निजी स्कूल मे पढ़ने वालीं दीक्षा ने आज से पहले कभी कलेक्टर से सीधे मुलाक़ात भी नहीं की थी। लेकिन अंतराष्ट्रीय बाल दिवस के अवसर पर जिले का कामना संभालने का अवसर मिला. दीक्षा ने अब यूपीएससी पास कर आईएएस बनने का लक्ष्य निर्धारित कर लिया है।
युवा पीढ़ी एवं जिलेवासियो से की तीन सार्थक अपील
महीने में एक दिन बिना मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक गैजेट-किताबों, लाइब्रेरी और स्पोर्ट्स से जुड़ने दीक्षा ने की डिजिटल फास्टिंग अपील की। प्लास्टिक मुक्त जिला और एक पेड़ माँ के नाम अभियान को जन-आंदोलन बनाने एवं लगाये गए पौधों के देखरेख का आह्वान।
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