52 साल पहले देश में पहली बार दूरदर्शन पर इंग्लिश लैंग्वेज में न्यूज पढ़ने वालीं गीतांजलि हमारे लिए कहानी के साथ प्रेरणा भी

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सरस्वती शिक्षा मंदिर इंग्लिश लैंग्वेज टीचर्स एसोसिएशन ने गीतांजलि को किया याद

रायपुर (khabargali)आज के समय में व्यावसायिक जीवन के लिए इंग्लिश लैंग्वेज का महत्व सर्वाधिक है। इसे देखते हुए बोलचाल की इंग्लिश कैरियर निर्माण का अभिन्न अंग बन गई। इंग्लिश बोलने वालों के लिए प्रेरणा तो बहुत से लोग रहे हैं। मोटिवेशनल स्पीकर भी बहुत हैं लेकिन इसके बावजूद दूरदर्शन पर अंग्रेजी समाचार पढ़ने वालीं गीतांजलि अय्यर का नाम विशेष रुप से याद किया जाता है। गत 7 जून को उनका निधन हो गया। इस अवसर पर सरस्वती शिशु मंदिर इंग्लिश लैंग्वेज टीचर्स एसोसिएशन छत्तीसगढ़ में उनको श्रद्धांजलि दी।

आज से कोई 52 साल पहले जब अंग्रेजी के प्रति महिलाओं का इतना लगाव नहीं था। तब उन्होंने अपनी आवाज से पूरे देशवासियों का ध्यान अपनी ओर खींचा। उन्हें 1989 में इंदिरा गांधी प्रियदर्शनी पुरस्कार से नवाजा गया था। उन्होंने 52 साल पहले 1971 में दूरदर्शन का रुख किया और यहां न्यूज़ एंकर की भूमिका निभाई। गीतांजलि को 4 बार सर्वश्रेष्ठ न्यूज़ एंकर के खिताब से भी नवाजा गया।

इंग्लिश लैंग्वेज टीचर्स एसोसिएशन के सदस्य देश की पहली महिला इंग्लिश न्यूज एंकर के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए उनके पुराने दिनों को याद कर रहें हैं। जब वो न्यूज़ एंकर थीं। उनके न्यूज़ पढ़ने का अंदाज अनोखा था, वह जिस शालीनता और सहज लहजे के साथ खबर पढ़ती थीं। वो सबसे अलग अंदाज होता था।

एसोसिएशन के संस्कार श्रीवास्तव ने बताया कि आज से कोई 40 साल पहले अपने बचपन में हम जब गीतांजलि अय्यर को दूरदर्शन पर समाचार पढ़ते देखते थे। तो वह भी हमारे लिए स्कूल जैसा होता था। थीं। वो एक अलग ही अनुभव था। उनके आने से टीवी स्क्रीन की शोभा बढ़ जाती थी। गीतांजलि भारत की सबसे अच्छी टीवी न्यूज़ एंकर में से एक थीं।