शर्मा परिवार ने दादा का जन्मदिन और फादर्स डे मनाया फिल्मी थीम पर
रायपुर (khabargali) आज पूरा विश्व फादर्स डे मन रहा है। फादर्स डे एक ऐसा अवसर है जो आपके पिताजी को विशेष महसूस कराने और पूरे परिवार के लिए उनके योगदान का एहसान मानने और उन्हें सम्मानित करने का अवसर लेकर आता है और हमें हमारे जीवन में पिता का महत्व समझाता है।बच्चों के लिए पिता शब्द बहुत मायने रखता है, हर कोई इस शब्द में सहारा, संबल और प्रेरणा ढूंढ़ता है। हर कोई अपने पिता से प्रेम करता है, लेकिन कई बार इसे जाहिर नहीं कर पाता। इसलिए ही फादर्स डे मनाया जाता है।
आज के दौर में देखा जा रहा है कि परिवार के सदस्य अपनी अपनी दिनचर्या में व्यस्त रहते हैं जिसके चलते घर के बुजुर्ग माता-पिता उपेक्षित महसूस करते हैं। जबकि हमें चाहिए कि हम हमारे घर के बुजुर्गों को किसी ना किसी बहाने आनंद में शामिल करें, उन्हें महत्व दें, नई पीढ़ी को पुरानी पीढ़ी से जोड़ें, अपने परिवार के सदस्यों को महत्व दें, पारिवारिक आयोजन में सिर्फ़ रिश्तेदार और परिवार के लोगों को ही आमंत्रित करें, जो रिश्तेदार सिर्फ़ शिकायत करते हैं या सिर्फ़ मीन मेख निकालते हैं उनसे बचें, जो आसानी से आ सकता हो उसे ही ऐसे छोटे आयोजनों में आमंत्रित करें, दूर के रिश्तेदारों को आमंत्रित कर उन्हें धर्म संकट में ना डालें।
ख़बरगली एक ऐसे ही अनोखे आयोजन से आपको रूबरू करा रही है। जिसमें एक बुजुर्ग पिता का जन्मदिन और फादर्स डे को उनके परिवार ने बड़े उत्साह और मजेदार तरीके से मनाया जो कि सभी के लिए अनुकरणीय है। दरअसल छत्तीसगढ़ के भिलाई निवासी 83 वर्षीय श्री मृत्युंजय शर्मा का जन्मदिन और फादर्स डे का आयोजन उनके परिवार ने फ़िल्मी थीम पर मनाया।
उनके ज्येष्ठ पुत्र त्र्यम्बक शर्मा जो कि एक वरिष्ठ कार्टूनिस्ट हैं उन्होंने ख़बरगली को बताया कि उनके परिवार में दादा-दादी से सब बच्चे बहुत प्यार करते हैं और हर त्योहार और विशेष आयोजनों में उनकी खुशी का विशेष ख्याल रखा जाता है।
इस बार भी परिवार के छोटे बच्चों ने तय किया कि दादा जी का बर्थडे और फादर्स डे में कुछ अलग करेंगे। उन्होंने तय किया कि सभी सदस्य फिल्मी कैरेक्टर बन कर आएंगे और छोटा छोटा परफॉरमेंस भी देंगे। बच्चों के सामने दादा- दादी की नहीं चली और दादा को बनाया गया शम्मी कपूर तो दादी को कश्मीर की कली। दादी को उस गेटअप में दादा ने भी शम्मी के अंदाज में देखा।
श्री शर्मा ने बताया कि हमारे पिता जी का परिवार 7 भाई और एक बहन का था। इन आठ लोगों में हमारे साथ अब सिर्फ़ तीन हैं। पापा, रमेश चाचा और निर्मल चाचा। आयोजन में रमेश चाचा “प्रेम चोपड़ा” के गेटप में थे और निर्मल चाचा ने “एक चतुर नार” में महमूद के गेटअप में तैयार होकर ज़बरदस्त परफॉर्म किया। श्री मृत्युंजय के बड़े बेटे त्र्यम्बक आमिताभ बन कर आए तो छोटे बेटे कौशल अजय देवगन बने। घर की बहुएं और बच्चों ने भी फिल्मी किरदार में अपना परफॉर्मेंस प्रस्तुत किया। परिवार ने तय किया है कि आने वाले वर्षों में अलग- अलग थीम पर ऐसे आयोजन कर दादा- दादी का दिल जीतेंगे।
श्री शर्मा ने बताया कि उनके पिताजी बेहद जिंदादिल इंसान हैं और हर खास अवसर पर वे इसका परिचय भी देते हैं। हालांकि काफी समय से पिताजी डाइपर पहने व्हीलचेयर पर बैठ कर ही कहीं आ जा पाते हैं और इसी स्थिति में वे देश और विदेश की सैर पर जा चुके हैं। पूरा परिवार दादा दादी की सेवा में तत्पर रहता है पर छोटे बेटे कौशल और उनकी पत्नी की विशेष भूमिका रहती है।
इस लिंक पर क्लिक कर आप भी इस रंगारंग अनोखे आयोजन को देख सकते हैं
तश्वीरें कहती हैं
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