
यूपीआई के जरिये कर भुगतान की सीमा एक लाख से बढ़ाकर पांच लाख रुपये करने की भी घोषणा
नई दिल्ली (khabargali) वर्तमान में चेक जमा करने से लेकर राशि आने तक दो दिन का समय लग जाता है। लेकिन नई व्यवस्था में चेक जमा करने के कुछ ही घंटों में यह ‘क्लियर’ हो जाएगा। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने चेक समशोधन में लगने वाले समय को कुछ घंटे करने और उससे जुड़े जोखिम कम करने के मकसद से कदम उठाने की घोषणा की है। मौद्रिक नीति समीक्षा के तहत अन्य उपायों में यूपीआई के माध्यम से कर भुगतान की सीमा एक लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये किये जाने की भी घोषणा की गयी।
आरबीआई के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने बृहस्पतिवार को चालू वित्त वर्ष की तीसरी मौद्रिक नीति समीक्षा की घोषणा करते हुए कहा, ‘चेक समाशोधन को दुरुस्त करने, निपटान जोखिम कम करने और ग्राहकों को बेहतर सेवाएं उपलब्ध कराने के मकसद से चेक ट्रंकेशन सिस्टम (सीटीएस) की वर्तमान प्रक्रिया में बदलाव का प्रस्ताव है।’ उन्होंने कहा कि इसके तहत मौजूदा सीटीएस व्यवस्था के तहत ‘बैच’ में प्रसंस्करण की जगह कारोबारी समय में निरंतर आधार पर समाशोधन की व्यवस्था की जाएगी।
आरबीआई के अनुसार, ‘नई व्यवस्था में चेक को ‘स्कैन’ किया जाएगा, उसे प्रस्तुत किया जाएगा और कुछ घंटों में समाशोधन किया जाएगा। इससे चेक का समाशोधन कुछ घंटे में हो जाएगा जबकि अभी दो दिन तक का समय (टी प्लस 1) लगता है। दास ने कहा कि इस संबंध में विस्तृत दिशानिर्देश जल्दी ही जारी किए जाएंगे। इसके अलावा, आरबीआई ने बैंकों की तरफ से अपने ग्राहकों के बारे में ‘के्रडिट’ सूचना कंपनियों को दी जाने वाली रिपोर्ट हर पखवाड़े देने का प्रस्ताव किया है। वर्तमान में महीने में एक बार यह रिपोर्ट दी जाती है।
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