अच्छी खबर: अब एक-वर्षीय पीजी की अनुमति, विषय बदल सकेंगे छात्र

UGC draft, one-year PG permission for four-year UG students, students will be able to change subjects, University Grants Commission Chairman Professor M Jagadish Kumar, Khabargali

यूजीसी अध्यक्ष बोले-पीजी प्रोग्राम की नई पाठ्यचर्या तैयार, इसी हफ्ते मसौदा राज्यों व विश्वविद्यालयों को भेजेंगे

नयी दिल्ली (khabargali) देश में पहली बार शैक्षणिक सत्र-2024 से चार साल की स्नातक (यूजी) डिग्री वाले छात्रों को एक साल की स्नातकोत्तर (पीजी) की पढ़ाई करने की अनुमति दी जा सकती है और सभी पीजी छात्र विषयों को बदलने के साथ ही ऑफलाइन, दूरस्थ, ऑनलाइन अथवा हाइब्रिड (मिश्रित) जैसे वैकल्पिक तरीकों को चुन सकेंगे। स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों पर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के मानदंडों के मसौदे में यह प्रस्ताव किया गया है।

यूजीसी ने पीजी पाठ्यक्रमों के लिए एक मसौदा पाठ्यक्रम और खाका तैयार किया है जिसे जल्द सार्वजनिक किया जाएगा। नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) में की गई सिफारिशों के अनुसार ऑनर्स/शोध के साथ ऑनर्स चार साल का स्नातक कार्यक्रम पूरा करने वाले छात्रों के लिए एक साल का मास्टर कार्यक्रम हो सकता है। मसौदा मानदंडों के अनुसार, ‘‘प्रतीत होता है कि पीजी के तीन स्वरूप हैं जैसे एक-वर्षीय मास्टर, दो-वर्षीय मास्टर और एक एकीकृत पांच-वर्षीय कार्यक्रम।’’

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के अध्यक्ष प्रोफेसर एम जगदीश कुमार ने बताया कि यूजीसी की तीन नवंबर को हुई काउंसिल बैठक में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी)-2020 के तहत तैयार पीजी प्रोग्राम के लिए नए पाट्यक्रम व क्रेडिट फ्रेमवर्क को मंजूरी दे दी गई है।

मसौदा मानदंड के मुताबिक, ‘‘कोई छात्र यूजी कार्यक्रम में मुख्य या अन्य विषय के अनुरूप किसी भी विषय में मास्टर कार्यक्रम के लिए पात्र होगा। इस मामले में विश्वविद्यालय यूजी कार्यक्रम में छात्र के प्रदर्शन के आधार पर या प्रवेश परीक्षा के माध्यम से छात्रों को मास्टर कार्यक्रम में प्रवेश दे सकता है।’’

नए पाठ्यक्रम में बहुविषयक पढ़ाई की सुविधा होगी। अभी यदि छात्र ने यूजी प्रोग्राम कॉमर्स स्ट्रीम में पास किया है, तो मास्टर्स भी कॉमर्स में ही कर सकते हैं। नए नियमों में यही सबसे बड़ा बदलाव है। उदाहरण के तौर पर, चार वर्षीय यूजी प्रोग्राम में यदि किसी छात्र ने मुख्य विषय में भौतिक विज्ञान और अप्रमुख विषय में अर्थशास्त्र की पढ़ाई की है तो अब वह मुख्य और अप्रमुख दोनों में से किसी विषय को भी मास्टर्स में चुन सकेगा। यदि कोई छात्र मास्टर्स में स्ट्रीम बदलना चाहता है तो वह विकल्प भी मिलेगा।