"आदिपुरुष" में अमर्यादित भाषा पर लोगों ने जताई गहरी नाराजगी..

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रामायण के असली ‘लक्ष्मण’ ने फिल्म के संवाद और कलाकारों को लेकर जताई गहरी निराशा

भूपेश बघेल ने कहा - हमारे आराध्य देव के पात्रों से ऐसा शब्द बुलवाना आपत्तिजनक ... मांग आएगी तो आदिपुरूष होगी छत्तीसगढ़ में बैन ..कश्मीर फाइल्स और केरल स्टोरी पर बोलने वाले भाजपा नेता चुप क्यों ?

कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने फिल्म के संवाद को टपोरी बताया

बीजेपी नेताओं को पूरे हिंदू समाज से माफी मांगनी चाहिये : आप पार्टी

जानबूझकर ऐसा किया है, ताकि लोग इन डायलॉग्स से खुद को जोड़ सके: मुंतशिर

ओम राउत का कहना है कि जो लोग कहते हैं कि वे रामायण को समझते हैं, वे मूर्ख हैं

नई दिल्ली/ रायपुर (khabargali) बॉलीवुड की हाल में ही रिलीज हुई प्रभाष की फिल्म आदिपुरुष का कलेक्शन 150 करोड़ के पार पहुंच चुका है लेकिन इसके संवाद को लेकर देशभर में बवाल मचा हुआ है। इसमें भगवान श्रीराम के चरित्र और संघर्ष का वर्णन है। इस फिल्म में लीड रोल में प्रभास, कृति सेनन,सैफ अली खान है। फिल्म को लेकर जनता से लेकर राजनितिक गलियारों में भी इसको लेकर बहस मची हुई। फ़िल्म अपने कैरेक्टर्स समेत कई कमियों को लेकर विरोध का सामना कर रही है। फिर चाहे वह फिल्म के डायलॉग हो या फिर उसके अभिनेता लोगों ने सभी पर सवाल उठाया है और श्रीराम का अपमान बताया है। नेताओं से लेकर सिनेमा जगत के एक्टर और एक्ट्रेसों ने भी अब अपनी-अपनी प्रतिक्रिया देनी शुरू कर दी है। कई लोग सोशल मीडिया पर अपनी अपनी प्रतिक्रिया कमेंट के द्वारा दे रहे है। जहां कई सामाजिक संघटनो ने फ़िल्म को लेकर कोर्ट का रुख किया तो वही कई राजनितिक दलों ने भी फ़िल्म का विरोध करते हुए उसे बैन तक करने की बात कह डाली।

फिल्म पर बैन लगाने की मांग को लेकर हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने गत शुक्रवार को दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है। इस याचिका में उन्होंने फिल्म पर रोक लगाने की मांग के अलावा किरदारों द्वारा बोले गए संवाद में परिवर्तन करने की भी मांग की है। बहरहाल, अब देखना होगा कि आगामी दिनों में हाईकोर्ट का इस पूरे मामले में क्या रुख रहता है।

नेपाल में फ़िल्म के प्रदर्शन पर रोक

 इधर फिल्म को लेकर एक बार फिर नेपाल में बवाल है नाराजगी भी ऐसी कि नेपाल में फिल्म को रिलीज नहीं होने की धमकी तक दे डाली गई है। नेपाल की राजधानी काठमांडू के सिनेमाघरों में आदिपुरुष का प्रदर्शन रोक दिया गया है।

काठमांडू के मेयर मेयर बालेंद्र शाह ‘बलेन’ ने निर्माताओं से कहा है- सीता के जन्मस्थान के बारे में गलती सुधारें तभी फिल्म को नेपाल में रिलीज करने दिया जाएगा। बता दें कि आदिपुरुष फिल्म में एक प्रसंग के दौरान माता सीता को भारत की बेटी बताया गया है। पर इस पौराणिक और ऐतिहासिक तथ्य से भी कैसे इनकार किया जा सकता है कि भारत में बिहार के सीतामढ़ी जिले में एक पुनौरा धाम भी है। यही वो पुनौरा धाम है जहां राजा जनक को हल चलाते हुए मिट्टी का घड़ा मिला। इसी में माता सीता के रूप में उन्हें पुत्री की प्राप्ति हुई।

अभिनेता सुनील लहरी ने निंदा की

 इस बीच अब रामानंद सागर निर्देशित ‘रामायण’ में लक्ष्मण का किरदार करने वाले सुनील लहरी की प्रतिक्रिया आई है। रामानंद सागर की रामायण में लक्ष्मण का किरदार निभाने वाले सुनील लहरी ने आदिपुरुष को लेकर अपना रिएक्शन दिया है। उन्होंने फिल्म के संवाद और कलाकारों को लेकर निराशा जताई है साथ ही इसे बेहद शर्मनाक भी कहा है।

अपनी पोस्ट में सुनील ने लिखा

 कहते हैं फिल्म आदिपुरुष रामायण को ध्यान में रखकर बनाई गई है, अगर यह सच है तो इस तरह की भाषा का प्रयोग बहुत शर्मनाक है। पोस्ट शेयर कर जताई नाराजगी- सुनील ने एक पोस्टर शेयर किया जिस पर फिल्म के कई डायलॉग लिखे हैं। इनमें हनुमान का बोला हुआ डायलॉग ‘कपड़ा तेरे बाप का, तेल तेरे बाप का, जलेगी भी तेरी बाप की’ लिखा है। इसके अलावा रावण के भी डायलॉग हैं। सुनील लहरी ने कहा कि इस तरह की भाषा शर्मनाक है। उन्होंने कैप्शन में लिखा, ‘कहते हैं फिल्म आदिपुरुष रामायण को ध्यान में रखकर बनाई गई है। अगर यह सच है तो इस तरह की भाषा का प्रयोग बहुत शर्मनाक है।

फिल्म के संवाद को टपोरी: सुप्रिया

कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने आदिपुरुष को लेकर जारी बवाल पर फिल्म के डॉयलॉग राइटर मनोज मुंतशिर पर निशाना साधा है। सुप्रिया ने फिल्म में बोले गए संवाद को टपोरी बताया है।

आदिपुरुष में संवाद और भाषा अमर्यादित: भूपेश बघेल

इसी क्रम में आज फ़िल्म को लेकर छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल मीडिया के सामने फ़िल्म निर्माताओं को आड़े हाथों लिया। सीएम बघेल ने कहा कि जनता की मांग आएगी तो आदिपुरूष को छत्तीसगढ़ में बैन करने की बात सोची जाएगी।सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि पहले बॉलीवुड पर कोई नियंत्रण नहीं था, लेकिन आज सबको नियंत्रित करने की कोशिश की जा रही है। डायरेक्टर और लेखक दिल्ली के इशारे पर काम कर रहे हैं। कश्मीर फाइल्स और केरल स्टोरी पर बोलने वाले भाजपा नेता चुप क्यों है। आदिपुरुष में संवाद और भाषा अमर्यादित है। तुलसी रामायण में भगवान राम को मर्यादा पुरुषोत्तम बताया गया है, लेकिन इसमें अमर्यादित शब्दो का चयन किया गया है। आदिपुरुष में हनुमान जी के पात्र का डायलॉग बेहद ही निम्न स्तर का है।

राजीव गांधी जब प्रधानमंत्री थे तब उन्होंने रामानंद सागर से कहकर रामायण सीरियल बनवाया था। जो उस समय काफी लोकप्रिय हुआ था बाजार बंद हो जाता था, गाड़ियां रुक जाती थी, काम-धाम छोड़कर सब रामायण का इंतजार करते थे। भूपेश बघेल ने आगे कहा, राजनीतिक दल के लोग जो धर्म के ठेकेदार बनते हैं आखिर वे इस मामले में मौन क्यों हैं। कश्मीर फाइल्स और केरल स्टोरी को लेकर बीजेपी के नेता बयान देते रहे हैं। लेकिन आदिपुरुष को लेकर ये मौन क्यों हैं? बीजेपी के निचले स्तर के नेता कुछ नहीं बोल पा रहे हैं। बचपन से ही हमारा परिचय हनुमान से ज्ञान,शक्ति और भक्ति के प्रतीक के रूप में कराया गया है। आदिपुरुष के बहाने भगवान राम और हनुमान की तस्वीर को पहले विकृत किया गया, और उनके पात्रों द्वारा अमर्यादित शब्द बुलवाए गए है। हमारे आराध्य देव जिनके प्रति हमारी आस्था है उनके पात्रों से ऐसा शब्द बुलवाना आपत्तिजनक है और मैं इसकी निंदा करता हूं।

फिल्म बीजेपी नेताओं के आशीर्वाद से बनी : आप

 आम आदमी पार्टी (AAP) नेता संजय सिंह बीजेपी पर भगवान राम, माता सीता और भगवान हनुमान का अपमान करने का आरोप लगाया है। संजय सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि "आदिपुरुष" फिल्म बीजेपी नेताओं के आशीर्वाद से बनी है। बीजेपी नेताओं को पूरे हिंदू समाज से माफी मांगनी चाहिये।

 डायलॉग्स से लोगों को जोड़ने का था प्रयास : मुंतशिर

वहीं फ़िल्म के लेखक मनोज मुंतशिर ने कहा कि फ़िल्म को आज से नहीं डे-वन से टारगेट कर रहे हैं। हमने कभी फ़िल्म को शुद्धता के पैमाने पर सेल नहीं किया। हमने आज तक ये नहीं बोला कि हम ऐसी फ़िल्म बना रहे हैं जो प्रामाणिक तौर पर उसी भाषा का प्रयोग कर रही है जो भाषा वाल्मिकी ने लिखी थी। अगर मुझे शुद्धता पर जाना था तो फिर मैं अपनी ग़लती मानता हूं क्योंकि तब इसे संस्कृत में लिखना था और तब मैं लिखता ही नहीं क्योंकि मुझे संस्कृत लिखनी नहीं आती” । मैंने जानबूझकर ऐसा किया है, ताकि लोग इन डायलॉग्स से खुद को जोड़ सके।

वहीं एक लेटेस्ट इंटरव्यू में ओम राउत का कहना है कि जो लोग कहते हैं कि वे रामायण को समझते हैं, वे मूर्ख हैं।