
वाशिंगटन (khabargali) अमेरिका की यात्रा पर गए PM मोदी ट्विटर पर टॉप ट्रेंड में हैं। करीब 9 करोड़ फोलोअर्स के साथ वह दुनिया के सबसे लोकप्रिय राजनेता माने जाते हैं।वॉशिंगटन पोस्ट, न्यूयॉर्क टाइम्स , सीएनएन जैसे मीडिया संगठनों ने पीएम मोदी के दौरे की जबरदस्त कवरेज की है। ज्यादातर अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट्स ने पीएम मोदी की तारीफ की।
पीएम मोदी के ऐतिहासिक अमेरिका दौरे पर दुनिया अपनी नजर बनाए हुए है। अमेरिकी धरती पर पीएम मोदी के उतरते ही भारत माता की जय की गूंज सुनाई दी। पीएम मोदी का ये दौरा कई मायनों में खास है मोदी पहले भारतीय पीएम है,जिन्होंने दूसरी बार अमेरिकी संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित किया। पीएम मोदी के भव्य स्वागत के साथ अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने सरकारी आवास पर भोजन का आयोजन किया। इस यात्रा के दौरान पीएम मोदी और राष्ट्रपति जो बाइडेन ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की। दोनों नेताओं ने कई मुद्दों पर खुलकर बातचीत की। अमेरिकी संसद के संयुक्त सत्र में पीएम मोदी का संबोधन ऐतिहासिक रहा। पीएम मोदी के संबोधन के दौरान जोरदार तालियां बजी। पीएम मोदी के भाषण में स्टैंडिंग ओवेशन मिला। पीएम मोदी के साथ सांसदों में सेल्फी लेने की उत्सुकता भी दिखाई दी। इस दौरान बहुत से नेताओं ने पीएम मोदी का ऑटोग्राफ भी लिया।
जानिए कि अब अमेरिकी मीडिया ने क्या कुछ कहा…
अमेरिकी मीडिया रिपोर्टस ने लिखा कि पीएम मोदी दुनिया के लोकप्रिय नेताओं में से एक है। मोदी की लोकप्रियता पुराने कुछ खास लोगों की याद दिलाती है। अमेरिका और भारत के रिश्ते पहले से कहीं ज्यादा मजबूत है।
न्यूयॉर्क टाइम्स के दक्षिण एशिया के ब्यूरो चीफ मुजीब मशाल ने मोदी की लोकप्रियता पर आर्टिकल में लिखा- मोदी केवल इसलिए लोकप्रिय नहीं है कि वो दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के पीएम हैं, बल्कि मोदी इसलिए भी लोकप्रिय हैं, क्योंकि उनका प्रभाव देश के लोगों पर बहुत ज्यादा है। पीएम मोदी की लोकप्रियता की सबसे बड़ी वजह उनका रेडियो का शो 'मन की बात' है। 'मन की बात' कार्यक्रम में मोदी लोगों से सीधे संवाद भी करते हैं, वो जागरुक करने का काम भी करते हैं। पीएम मोदी का 'मन की बात' कार्यक्रम स्थानीय लोगों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जोड़ने का मौका देता है।
न्यूयॉर्क टाइम्स ने लिखा- मोदी की जो नीतियां हैं, वो उनकी इसी विरासत को दर्शाती हैं।अपने आधे घंटे के कार्यक्रम के जरिए मोदी ने सबसे ज्यादा आबादी वाले देश की विशालता में खुद को सर्वव्यापी बना लिया है। इसने देश की कल्पना शीलता पर इस कदर पकड़ बना ली है कि उसमें सरकार की आलोचना के प्रति लोगों को उदासीन बना दिया है ।
न्यूयॉर्क टाइम्स के ब्यूरो चीफ मुजीब के मुताबिक, 'पीएम मोदी की सबसे बड़ी ताकत, उनकी जमीनी स्तर की समझ, और दूसरी उनकी कहानी कहने की क्षमता है। अपनी इन खासियतों की वजह से मोदी भारत के लोगों से न केवल खुद को जोड़ पाते हैं, बल्कि अपनी सरकार की योजनाओं को प्रभावी तरीके से लोगों के सामने रख लेते हैं।

वॉशिंगटन पोस्ट ने लिखा कि मोदी की अमेरिकी यात्रा चीन जैसे देशों के लिए बड़ा संदेश है। समय-समय पर अमेरिका और भारत के संयुक्त बयानों में उत्तर कोरिया के मिसाइल परीक्षणों की निंदा की गई है। तालिबान के मुद्दे पर भी गहन चर्चा हुई है और म्यांमार में हुई हिंसा को भी समाप्त करने की अपील की गई। मोदी का व्हाइट हाउस में स्वागत करना अमेरिकी कूटनीति का बेहतरीन उदाहरण माना जा रहा है।
दूसरे एक मीडिया ने अपने आर्टिकल में रुस से भारत का तेल आयात करना और अमेरिका के घनिष्ठ संबंधों को लेकर बात की गई। एक जगह लिखा गया कि कुछ पश्चिमी देशों को भारत को लेकर कई आपत्तियां भी है,लेकिन फिर भी वो भारत के साथ नजदीकी संबंध बनाना चाहते है। इसका एक प्रमुख कारण है कि दुनिया में भारत की साख काफी ज्यादा बढ़ी है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र होने के अलावा सबसे ज्यादा आबादी वाला देश है।
सीएनएन ने अपनी खबर में लिखा है कि बाइडेन ने व्यापारिक सौदों से भरी यात्रा के लिए मोदी के लिए रेड कॉर्पेट बिछाया है। इसमें राजकीय यात्रा पर अमेरिका पहुंचे पीएम मोदी का व्हाइट हाउस में स्वागत करना अमेरिकी कूटनीति का सबसे अच्छा उदाहरण बताया गया है। लेख में बताया गया है कि पश्चिमी देशों को भारत को लेकर कई आपत्तियां भी हैं। इसके बावजूद सभी देश भारत के साथ नजदीकी संबंध स्थापित करना चाहते हैं। इसका प्रमुख कारण दुनिया में भारत की बढ़ती साख है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र होने के अलावा सबसे ज्यादा आबादी वाला देश भी है। बाइडन के विचार से जलवायु परिवर्तन से लेकर प्रौद्योगिकी में प्रगति तक किसी भी बड़ी वैश्विक चुनौती को भारत की भागीदारी के बिना संबोधित नहीं किया जा सकता है। अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते तनाव के दौर में उन्हें भारत से बहुत उम्मीदें भी है।
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