
विदेशों से भी भक्त कर सकेंगे दान
अयोध्या (khabargali) अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर के लिए विदेशों में रह रहे भारतीय एवं अन्य लोग भी दान कर सकेंगे। इसके लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को एफसीआरए लाइसेंस की मंजूरी दी। इसके बाद अब ट्रस्ट देश से बाहर रह रहे लोगों से दान स्वीकार कर सकेगा। गृह मंत्रालय की विदेश डेस्क की ओर से बुधवार को इस संबंध में मंजूरी प्रदान की गई। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने बुधवार को यह जानकारी दी। ट्रस्ट ने सोशल मीडिया पर बताया, गृह मंत्रालय के एफसीआरए सेक्शन ने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पंजीकरण को मंजूर कर लिया है। अब विदेशों से स्वैच्छिक दान को स्वीकार किया जा सकेगा। राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेन्द्र मिश्रा ने पिछले दिनों बताया था कि अयोध्या में निमार्णाधीन तीन मंजिला राम मंदिर के भूतल का निर्माण कार्य दिसंबर के अंत तक पूरा हो जाएगा।
तय बैंक खातों में ही दान के पैसे स्वीकार
इस मंजूरी के तहत कुछ तय बैंक खातों में ही रकम को स्वीकार किया जा सकेगा। किसी अन्य ब्रांच या फिर खाते में विदेशों से राम मंदिर के नाम पर चंदा नहीं लिया जा सकेगा। नियमों के मुताबिक कोई भी संस्थान या ट्रस्ट विदेशों से फंड स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में खोले गए एफसीआरए अकाउंट में ही स्वीकार कर सकेगा। यह अकाउंट भी दिल्ली की संसद मार्ग स्थित एसबीाई शाखा में ही खुलता है।
2020 में हुआ था ट्रस्ट का गठन
इसी साल जून में राम मंदिर निर्माण से जुड़े ट्रस्ट ने एफसीआरए लाइसेंस के लिए गृह मंत्रालय में आवेदन किया था। श्री राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का गठन 2020 में किया गया था। इस ट्रस्ट को ही श्रद्धालुओं और देश भर के लोगों से फंड स्वीकार करने की परमिशन दी गई थी। अब ट्रस्ट को विदेशों में रह रहे भारतीयों एवं अन्य लोगों से भी चंदे के रूप में रकम स्वीकार करने की अनुमति होगी। अब तक ट्रस्ट विदेशों में बसे भारतीयों से रकम नहीं ले पा रहा था। इसके लिए भारत से बाहर बसे हिंदू कई बार आग्रह कर चुके थे और फिर ट्रस्ट ने भी एफसीआरए लाइसेंस के लिए अप्लाई किया। गौरतलब है कि अगले साल जनवरी में राम मंदिर के एक हिस्से का निर्माण हो जाएगा।
22 जनवरी को पीएम करेंगे उद्घाटन
बता दें कि मंदिर का शिलान्यास भी पीएम नरेंद्र मोदी ने ही 2020 में किया था। अब उद्घाटन भी पीएम नरेंद्र मोदी ही 22 जनवरी को करेंगे। गौरतलब है कि 9 नवंबर, 2019 को सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अगुवाई वाली 5 जजों की संवैधानिक बेंच ने राम मंदिर निर्माण का आदेश दिया था। इसके अलावा मुस्लिम पक्ष को अयोध्या में ही मस्जिद के लिए अलग जगह देने की भी बात कही गई थी। कुछ ही महीनों में मस्जिद भी तैयार होने वाली है, जिसका नाम पैगंबर रखे जाने की बात है।
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