बड़ी खबर: चार प्राॅयरिटी लिस्ट बनेगी जिन्हें कोरोना की पहली दवा मुफ्त में दी जाएगी..जानिए किन-किन लोगों को पहले दी जाएगी वैक्सीन

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वायरस की पहली वैक्सीन भारत बाॅयोटेक की Covaxin फरवरी में होगी लाॅच

शुरूआती चरण में 30 करोड़ लोगों को मिलेगी दवा

वैक्सीन वितरण के लिए ई-विन परियोजना का इस्तेमाल किया जाएगा

नई दिल्ली (khabargali) कोरोना वायरस का असर खत्म करने की वैक्सीन आने के पहले केंद्र सरकार ने इसकी डिस्ट्रीब्यूशन की तैयारियां तेज कर दी है. भारत बाॅयोटेक ने अपनी वैक्सीन Covaxin फरवरी में लाॅच किए जाने की बात कही है. माना जा रहा है कि यह भारत में उपलब्ध होने वाली पहली वैक्सीन हो सकती है. केंद्र सरकार ने वैक्सीन के वितरण को लेकर प्राथमिकता सूची तय किए हैं, जिन्हें पहली वैक्सीन दी जाएगी.

शुरूआती चरण में 30 करोड़ लोगों को मिलेगी

बताया जा रहा है कि यह वैक्सीन मुफ्त में दी जाएगी. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने अपने एक बयान में यह कहा है कि शुरूआती चरण में 30 करोड़ भारतीयों को यह वैक्सीन लगेगा.

चार प्राॅयरिटी लिस्ट तैयार

केंद्र सरकार ने चार प्राॅयरिटी लिस्ट तैयार की है. बताते हैं कि पहले ग्रुप में एक करोड़ हेल्थ प्रोफेशनल्स जिनमें डाॅक्टर्स, नर्सेज, पैरामेडिक्स स्टाॅफ और आशा वर्कर्स इसका हिस्सा होंगी. इन्हें सबसे पहले वैक्सीन लगाया जाएगा. इसके बाद करीब दो करोड़ फ्रंटलाइन वर्कर्स को वैक्सीन दी जाएगी. ये वे लोग हैं, जो महामारी के दौरान भी व्यवस्था संभालने में जुटे रहे. इनमें नगर निगम, पुलिस के अलावा प्रशासन से जुड़े लोग शामिल हैं. तीसरे ग्रुप में 50 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को वैक्सीन दी जाएगी. ऐसे 26 करोड़ लोग हैं, जिन्हें वैक्सीन लगाई जाएगी. स्पेशल कैटेगरी में एक करोड़ लोग ऐसे भी होंगे, जिनकी उम्र 50 साल से कम होगी, मगर उन्हें दूसरी बीमारी है. कोरोना मामले में यह भी देखा गया है कि दूसरी बीमारियों से ग्रस्त लोगों को संक्रमण के बाद जान का खतरा ज्यादा हुआ है. ऐसे में उन्हें पहले वैक्सीन दी जाएगी.

राज्यों में टीकाकरण केंद्र बनेंगें

केंद्र सरकार वैक्सीन के वितरण के लिए राज्य सरकारों से समन्वय बना रही है. सरकार सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम के साथ-साथ कोरोना टीकाकरण अभियान भी चलाएगी. वैक्सीन के लिए ई-विन परियोजना का इस्तेमाल किया जाएगा. केंद्र ने राज्य से ऐसी बिल्डिंग की लिस्ट तैयार करने को कहा है, जहां टीकाकरण केंद्र बनाए जा सकते हैं.

क्या है ई-विन परियोजना ?

ई-विन (Electronic Vaccine Intelligence Network : E-VIN) भारत की स्वदेश में विकसित तकनीक प्रणाली है जो टीका भंडारों का डिजिटलीकरण करती है और स्मार्टफोन के माध्यम से कोल्ड चेन की निगरानी करती है. भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा अपने ‘सार्वभौम टीकाकरण कार्यक्रम’ के तहत 12 राज्यों में ई-विन परियोजना का कार्यान्वयन किया जा रहा है। अक्टूबर, 2015 में प्रारंभ हुई यह परियोजना असम, बिहार, छत्तीसगढ़, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, मध्य प्रदेश, मणिपुर, नगालैंड, ओडिशा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के 371 जिलों में लागू की गई है। ई-विन परियोजना का लक्ष्य उपर्युक्त राज्यों में टीका भंडार एवं वितरण और सभी ‘कोल्ड चेन प्वॉइंट्स’ में भंडारण तापमान पर वास्तविक समय जानकारी प्रदान कर ‘सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम’ की सहायता करना है।