बड़ी खबर: 'कोविशील्ड' के बाद अब स्वदेशी ‘कोवैक्सिन’ भी अप्रूवल

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इमरजेंसी यूज के लिए अब तक तीन कंपनियों ने अप्रूवल मांगा, दो को मिली मंजूरी

नई दिल्ली (khabargali) भारत में कोरोना वायरस महामारी से जूझ रहे लोगों के लिए एक और बड़ी खुशखबरी आई है। कोरोना वैक्सीन से जुड़ी सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (CDSCO) की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी (SEC) ने शनिवार को भारत बायोटक के वैक्सीन 'कोवैक्सिन' को देश में सीमित आपात इस्तेमाल की मंजूरी देने की सिफारिश की है। इससे पहले शुक्रवार को कमेटी ने एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा तैयार की गई वैक्सीन 'कोविशील्ड' को मंजूरी देने की सिफारिश की थी। बता दें कि बीते दिन 1 जनवरी को सीरम इंस्टिट्यूट की ‘कोविशील्ड’ को इमरजेंसी यूज के लिए अप्रूवल दिया गया था। अब दोनों वैक्सीन का मामला ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया के पास है। किसी भी दिन दोनों वैक्सीन को फाइनल अप्रूवल मिल जाएगा और देश में वैक्सीनेशन शुरू हाे सकेगा। इससे पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा, कोरोना का टीका पहले चरण में तीन करोड़ लोगों को मुफ्त मिलेगा। इनमें एक करोड़ स्वास्थ्य कर्मी और दो करोड़ अग्रिम पंक्ति के कर्मचारी होंगे।

ट्रायल्स के नतीजे अच्छे आए थे

कोवैक्सिन के फेज-2 क्लीनिकल ट्रायल्स के नतीजे 23 दिसंबर को सामने आए थे। ट्रायल्स 380 सेहतमंद बच्चों और वयस्कों पर किए गए। 3 माइक्रोग्राम और 6 माइक्रोग्राम के दो फॉर्मूले तय किए गए। दो ग्रुप्स बनाए गए। उन्हें दो डोज चार हफ्तों के अंतर से लगाए गए। फेज-2 ट्रायल्स में कोवैक्सिन ने हाई लेवल एंटीबॉडी प्रोड्यूस की। दूसरे वैक्सीनेशन के 3 महीने बाद भी सभी वॉलंटियर्स में एंटीबॉडी की संख्या बढ़ी हुई दिखी। इन नतीजों के आधार पर कंपनी का दावा है कि कोवैक्सिन की वजह से शरीर में बनी एंटीबॉडी 6 से 12 महीने तक कायम रहती है। एंटीबॉडी यानी शरीर में मौजूद वह प्रोटीन, जो वायरस, बैक्टीरिया, फंगी और पैरासाइट्स के हमले को बेअसर कर देता है। इस वैक्सीन के अभी देश में फेज-3 के ट्रायल्स चल रहे हैं।

अब तक तीन कंपनियों ने अप्रूवल मांगा, दो को मंजूरी मिल गई

भारत में अब तक तीन फार्मा कंपनियों ने कोरोना वैक्सीन के इमरजेंसी यूज के लिए अप्रूवल मांगा है। इनमें से कोवीशील्ड और कोवैक्सीन को सशर्त मंजूरी मिल गई है। कोवीशील्ड या AZD1222 को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने ब्रिटिश फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका के साथ मिलकर बनाया है। अदार पूनावाला का सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (SII) इसके भारत में ट्रायल्स कर रहा है।

मंजूरी से देश को मिलेगी बड़ी राहत

भारत द्वारा कोवैक्सिन को सीमित आपात इस्तेमाल की मंजूरी देना बड़ा कदम माना जा रहा है। वैक्सीन के इस्तेमाल से कोरोना के नए स्ट्रेन के खतरे से जूझ रहे देश को सुरक्षा मिलने की उम्मीद जताई जा सकती है। बता दें UK में मिला कोरोना का नया स्ट्रेन 70 प्रतिशत अधिक संक्रामक बताया जा रहा है और भारत में भी इसके 33 मामले सामने आ चुके हैं। सरकार UK से आए सभी यात्रियों का जीनोम अनुक्रमण कराने में जुटी है।

भारत इकलौता देश, जहां चार टीके तैयार

भारत शायद इकलौता देश, जहां चार टीके तैयार हो रहे हैं। इनमें से एक टीके (कोविशील्ड) को शुक्रवार को आपातकालीन इस्तेमाल की मंज़ूरी मिली। कम से कम तीन और टीके भारत में इस्तेमाल की अनुमति मिलने का इंतजार कर रहे हैं।

जल्द शुरू हो सकता है वैक्सीनेशन

दोनों वैक्सीनों को आपात इस्तेमाल की मंजूरी मिलने के साथ ही देश में कोरोना के खिलाफ वैक्सीनेशन अभियान के जल्द शुरू होने की उम्मीद बढ़ गई है। सरकार ने पहले ही इसकी तैयारी कर ली है।

देशभर के 116 जिलों में 259 जगहों पर ड्राई रन हुआ

सरकार ने पहले गत 29 और 30 दिसंबर को असम, गुजरात, आंध्र प्रदेश और पंजाब के आठ जिलों में दो दिवसीय ड्राई रन (पूर्वाभ्यास) किया था। इसके बाद शनिवार को भी देशभर के 116 जिलों में 259 जगहों पर ड्राई रन आयोजित किया है। कोरोना के टीके के दूसरा पूर्वाभ्यास शनिवार को दिल्ली, यूपी, असम, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, केरल, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, गोवा, गुजरात, राजस्थान, कर्नाटक और तेलंगाना में किया गया। यह पूर्वाभ्यास सफल रहा। पहला पूर्वाभ्यास असम, गुजरात, आंध्र प्रदेश और पंजाब में किया गया था।