
कानून विशेषज्ञों के अनुसार राहुल के पास अभी सिर्फ दो विकल्प..वरना जाना होगा जेल
नई दिल्ली (khabargali) राहुल गांधी की संसद की सदस्यता समाप्त कर दी गई है। सूरत कोर्ट ने कल ही उन्हें दो साल की सजा सुनाई थी। लोकसभा सचिवालय की तरफ से इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गई है। बता दें कि मानहानि के मामले में सूरत की अदालत ने गुरुवार को ही राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाई थी। राहुल गांधी पर 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान मोदी सरनेम को लेकर विवादित टिप्पणी का आरोप लगा था। जिसके खिलाफ राहुल के खिलाफ गुजरात भाजपा के विधायक पूर्णेश मोदी ने मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था।
जारी हुई अधिसूचना-
लोकसभा सचिवालय की तरफ से इस बारे में सात पंक्तियों की एक अधिसूचना जारी की गई है। इसमें कहा गया है कि सूरत के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत की तरफ से दोषी करार दिए जाने के बाद केरल के वायनाड से लोकसभा सदस्य राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य किया जाता है। यह अयोग्यता उन पर दोष साबित होने के दिन यानी 23 मार्च 2023 से लागू रहेगी। यह निर्णय संविधान के अनुच्छेद 102 (1) (e) के प्रावधानों और जनप्रतिनिधित्व कानून 1951 की धारा आठ के तहत लिया गया है। यह अधिसूचना लोकसभा महासचिव उत्पल कुमार सिंह के नाम से जारी हुई है। इसकी एक-एक प्रति राहुल गांधी, राष्ट्रपति सचिवालय, प्रधानमंत्री सचिवालय, राज्यसभा सचिवालय, चुनाव आयोग, केंद्र सरकार के सभी मंत्रालय और विभाग, केरल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी, लायसन अधिकारी, संपदा निदेशालय, संसद भवन एनेक्सी, एनडीएमसी सचिव, दूरसंचार लायसन अधिकारी और लोकसभा सचिवालय के सभी अफसरों और शाखाओं को भेजी गई है।
कानून विशेषज्ञों के अनुसार राहुल के पास अभी सिर्फ दो विकल्प
1. सजा के खिलाफ सेशंस कोर्ट में जाना होगा
राहुल गांधी को सजा सुनाने वाली सूरत की अदालत ने उन्हें एक महीने का समय दिया है। इस एक महीने के अंदर राहुल को कोर्ट के फैसले के खिलाफ सेशंस कोर्ट में याचिका दायर करना होगा। इसके बाद कोर्ट के फैसले पर राहुल गांधी का भविष्य निर्भर होगा।
2. संसद की सदस्यता बचाने के लिए हाईकोर्ट
सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैं : सूरत की अदालत का फैसला आने के बाद नियम के अनुसार ही राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता खत्म की गई है। ऐसे में अगर वह अपनी सदस्यता वापस हासिल करना चाहते हैं तो उन्हें हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट का रूख अख्तियार करना पड़ेगा। हालांकि, उम्मीद कम है कि हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट से राहुल को इस मसले पर राहत मिले। ऐसा इसलिए क्योंकि राहुल पर दोष साबित हो चुका है। ऐसे में अगर राहुल को मानहानि केस में सजा से राहत मिले तब ही वह अपनी सदस्यता बचाए रख सकते हैं।
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