बड़ी खबर: उद्धव ठाकरे का फ्लोर टेस्ट पास.. 169 विधायकों का प्रचंड समर्थन मिला..BJP विधायकों ने किया वॉकआउट

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महीने भर तक चली राजनीतिक नूरा कुश्ती के बाद बनी है सरकार
प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति गलत..संविधान के आधार पर शपथ नहीं ली गई: फडणवीस

​​नाना पटोले अध्यक्ष चुनावों में अघाड़ी के उम्मीदवार,  दाखिल किया अपना नामांकन


मुंबई (khabargali) उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास आघाडी सरकार का फ्लोर टेस्ट पास हो गया है। उद्धव को 169 विधायकों का विश्वास मत प्राप्त हुआ। MNS और AIMIM के 4 विधायकों ने अपने आप को तटस्था रखा। यानी यह 4 विधायकों ने उद्धव सरकार को समर्थन नहीं किया है।बता दें कि 288 सदस्यों वाली विधानसभा में कांग्रेस, शिवसेना और एनसीपी के कुल 154 विधायक हैं। ऐसे में ठाकरे सरकार को कुछ निर्दलीय विधायकों और बहुजन विकास अघाड़ी के विधायकों का भी साथ मिला है।  इस दौरान बीजेपी के विधायकों ने नारेबाजी कर महाराष्ट्र विधानसभा में हंगामा करते हुए सदन से वॉकआउट किया। बीजेपी ने विधानसभा में उद्धव ठाकरे के विश्वास प्रस्ताव रखने से पहले अपना अंतिम दाव चल दिया है। पार्टी ने प्रोटेम स्पीकर के मामले को राज्यपाल से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक में चुनौती देने का फैसला किया है। देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि नियमों के खिलाफ अधिवेशन बुलाया गया। उन्होंने कहा कि वंदे मातरम से विधानसभा की कार्यवाही शुरू क्यों नहीं हुई। प्रोटेम स्पीकर दिलीप वलसे ने कहा राज्यपाल के मंजूरी से ही यह अधिवेशन बुलाया गया है और यह नियमों के अनुसार है। तो आपका प्वाइंट खारिज किया जाता है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सभी नेताओं का परिचय सदन से कराया। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार सदन की इस कार्यवाही की लाइव रिकॉर्डिंग की जा रही है। इन सबसे पहले ठाकरे ने शुक्रवार को दोपहर 1 बजे मुख्यमंत्री कार्यालय जा कर कार्यभार संभाला। 

 नाना पटोले का मुकाबला किशन कथोले से

गठबंधन सरकार के तरफ से स्पीकर पद के लिये नाना पटोले ने नामांकन पत्र दाखिल किया है। उनका मुकाबला बीजेपी के किशन कथोले से है।
इस बीच एनसीपी नेता अजित पवार से बीजेपी सांसद के मुलाकात से फिर से गहममागहमी शुरु हो गई है। उधर कांग्रेस के खाते में स्पीकर पद जाने की ही पूरी संभावना जताई जा रही है। स्पीकर पद के लिये नाना पटोले के नाम पर लगभग सहमति बन गई है। तीनों दलों के बीच मंत्रालय के बंटवारे भी हो गया है। कांग्रेस को राजस्व, पीडब्ल्यूडी, आबकारी विभाग तो एनसीपी को गृह, वित्त, पर्यावरण और वन विभाग मिल सकते हैं तो शिवसेना को शहरी विकास, आवास, सिंचाई विभाग पर ही संतोष करना पड़ेगा।

 रविवार को विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव होगा जिसके बाद राज्यपाल के अभिभाषण पर सदन में धन्यवाद प्रस्ताव पेश किया जाएगा। नए विधानसभा अध्यक्ष इसके बाद विधानसभा में नेता विपक्ष के नाम की घोषणा करेंगे। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने ठाकरे को बहुमत साबित करने के लिये तीन दिसंबर तक का वक्त दिया है। प्रदेश की 288 सदस्यीय विधानसभा में सत्ताधारी गठबंधन ने 162 विधायकों के समर्थन का दावा किया था। मुख्यमंत्री पद ढाई-ढाई साल रखने के मुद्दे पर शिवसेना ने अपने गठबंधन सहयोगी भाजपा से रिश्ते तोड़ लिये थे इसके बाद उद्धव ने राकांपा और कांग्रेस के साथ हाथ मिलाकर सरकार बनाई।

पिछले चुनावों में भाजपा ने105 सीटें जीती थी

प्रदेश में 21 अक्टूबर को हुए चुनावों में भाजपा 105 सीटें जीतकर सबसे बड़े दल के तौर पर उभरी थी। शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस ने क्रमश: 56,54 और 44 सीटें जीती थीं। राकांपा के वरिष्ठ नेता दिलीप वलसे पाटिल को शुक्रवार को महाराष्ट्र विधानसभा का अस्थायी (प्रोटेम) अध्यक्ष नियुक्त किया गया। उन्होंने भाजपा के कालिदास कोलंबकर की जगह ली जिन्हें विधायकों को शपथ दिलाने के दौरान पूर्व में अस्थायी अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। पाटिल पूर्व में भी विधानसभा के अध्यक्ष रहे हैं। शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने गुरुवार को मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली थी। ठाकरे के अलावा छह अन्य मंत्रियों- शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस से दो-दो - ने भी शपथ ली थी।


 

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