
पटना (khabargali) बिहार की नीतीश कुमार सरकार ने राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर से सहमति मिलने के बाद मंगलवार को राज्य सरकार की नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में वंचित जातियों के लिए आरक्षण 50 से बढ़ाकर 65 प्रतिशत करने के लिए गजट अधिसूचना जारी कर दी. इसके ठीक बाद, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य सरकार के सीनियर अधिकारियों की एक उच्च-स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की.
बैठक में क्या बोले नीतीश कुमार
बैठक में नीतीश कुमार ने संबंधित विभागों को ‘व्यापक जाति सर्वेक्षण के बाद बढ़े हुए आरक्षण के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने’ का निर्देश दिया. मुख्यमंत्री ने कहा-राज्य सरकार की नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में बढ़े हुए आरक्षण के प्रावधानों को उन लोगों के लाभ के लिए अक्षरशः लागू किया जाना चाहिए, जिन्हें इसकी आवश्यकता है.
कई और निर्देश
इतना ही नहीं, सीएम नीतीश कुमार ने यह भी कहा कि जाति आधारित गणना में लोगों की आर्थिक स्थिति की भी गणना कराई गई है. इसके आधार पर तय किया गया है कि प्रत्येक गरीब परिवार (6,000 रुपये प्रति माह से कम कमाने वाले परिवार) को दो लाख रुपये की राशि उपलब्ध कराई जाएगी. भूमिहीन परिवारों को मकान बनाने के लिए, जमीन खरीद के लिए एक लाख रुपये की राशि उपलब्ध कराई जाएगी. सतत जीविकोपार्जन योजना के प्रत्येक लाभार्थी को 2 लाख रूपये तक का लाभ दिया जाएगा. राज्य में अब तक एक करोड़ 30 लाख जीविका दीदियां स्वयं सहायता समूह से जुड़ चुकी हैं, अब एक करोड़ 50 लाख जीविका दीदियों को स्वयं सहायता समूह से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है.
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