भूपेश सरकार नें रद्द किए रमन कार्यकाल में हुए 158 MOU

Khabargali politics desk

रायपुर(khabargali)। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में राज्य निवेश प्रोत्साहन बोर्ड की 15 वीं बैठक हुई. इस बैठक में रमन कार्यकाल में हुए 158 MOU को निरस्त कर दिया गया है. ग्लोबल इंवेस्टर्स मीट में 103 और वर्ष 2001 से वर्ष 2018 तक के 55 एमओयू हुए थे. अब इनको भूपेश सरकार ने निरस्त करने का निर्णय लिया है. साथ ही प्रभावशील एमओयू के क्रियान्वयन में तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं.

158 MOU निरस्त करने का निर्णय

राज्य निवेश प्रोत्साहन बोर्ड की बैठक में वर्ष 2001-18 और वर्ष 2012 में आयोजित ग्लोबल इंवेस्टर्स मीट के दौरान राज्य में उद्योगों की स्थापना के लिए किए गए एमओयू के क्रियान्वयन की स्थिति की समीक्षा की गई. वर्ष 2001 से 2018 तक के 55 एमओयू और वर्ष 2012 में ग्लोबल इंवेस्टर्स मीट के दौरान किए गए 103 एमओयू में निष्क्रियता के चलते किसी भी प्रकार की कार्रवाई प्रारंभ नहीं होने के कारण इन दोनों को मिलाकर कुल 158 MOU निरस्त करने का निर्णय लिया गया.

बैठक में जानकारी दी गई कि वर्ष 2001 से 2018 के बीच 3 लाख 3 हजार 115 करोड़ 70 लाख रूपए के पूंजी निवेश के 211 एमओयू किए गए थे, इनमें वास्तविक पूंजी निवेश 78776.36 करोड़ रूपए का हुआ है. 67 एमओयू में उत्पादन प्रारंभ हो चुका है, 61 एमओयू में क्रियान्वयन प्रारंभ हो गया है, जबकि 55 एमओयू में कार्य प्रारंभ नहीं हुए हैं, जिन्हें निरस्त करने का निर्णय लिया गया.

इसी प्रकार ग्लोबल इंवेस्टर्स मीट में 93 हजार 830 करोड़ रूपए 69 लाख रूपए पूंजी निवेश के 275 एमओयू किए गए थे. इनमें से वास्तविक पूंजी निवेश 2003.59 करोड़ रूपए का हुआ है. 6 परियोजनाओं में उत्पादन प्रारंभ हो चुका है. 25 परियोजनाओं में स्थल चयन कर क्रियान्वयन प्रारंभ हो गया है. शेष 103 एमओयू में कोई कार्य प्रारंभ नही हुआ है, जिन्हें निरस्त करने का निर्णय लिया गया.

बैठक में अधिकारियों ने बताया कि वर्ष 2019 से अब तक 115 एमओयू प्रभावशील हैं. इनमें प्रस्तावित पूंजी निवेश 46 हजार 937 करोड़ रूपए हैं. 92 परियोजनाओं में क्रियान्वयन प्रारंभ हो चुका है और एक में उत्पादन भी शुरू हो गया है. 23 नवीन एमओयू में कार्य प्रारंभ होना है.

सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि प्रदेश में मक्का और गन्ना से एथेनाॅल तैयार करने के प्लांट की स्थापना के लिए पूंजी निवेश के प्रस्तावों को परीक्षण के बाद जल्द से जल्द स्वीकृति प्रदान की जाए. मुख्यमंत्री आज यहां अपने निवास कार्यालय में राज्य निवेश प्रोत्साहन बोर्ड की 15 वीं बैठक को सम्बोधित कर रहे थे.

उन्होंने कहा कि सभी उद्योगों की समस्याओं को दूर करने के लिए दो समितियों का गठन किया जाए. नीतिगत मामलों के संबंध में उद्योग मंत्री की अध्यक्षता और क्रियान्वयन संबंधी मामलों के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समिति का गठन किया जाए. उन्होंने कहा कि इन समितियों के माध्यम से कृषि आधारित उद्योगों तथा बस्तर अंचल में लौह खनिज आधारित उद्योगों की स्थापना के कार्य में भी तेजी लाने के प्रयास किए जाएं.

बैठक में उद्योग मंत्री कवासी लखमा, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री मोहम्मद अकबर, कृषि एवं जलसंसाधन मंत्री रविन्द्र चौबे, राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, वाणिज्य एवं उद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, प्रमुख सचिव मनोज कुमार पिंगुआ, मुख्यमंत्री के सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, विशेष सचिव ऊर्जा अंकित आनंद समेत कई अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा बैठक में शामिल हुए.