छत्तीसगढ़ में भी हलाल उत्पादों पर प्रतिबंध लगाने की हिंदुत्वनिष्ठ संघटनो की मांग !

Ban on Halal products, Chhattisgarh and Maharashtra Organizer, Hindu Janajagruti Samiti, Balkdasji Maharaj, Pandit Neelkanth Tripathi Maharaj, Sunil Ghanwat, Mrs. Jyoti Sharma, Halal India Pvt.  Ltd., Halal Certification Services India Pvt.  Ltd., Jamiat Ulema-e-Hind Halal Trust Mumbai, Jamiat Ulema-e-Maharashtra, Khabargali

रायपुर (khabargali) अवैध रूप से ‘हलाल प्रमाणपत्र’ देने के काले धंधे पर उत्तर प्रदेश राज्य में जिस प्रकार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रतिबंध लगाया है; वैसा ही प्रतिबंध छत्तीसगढ़ में राज्य में भी लगाया जाए, ऐसी मांग प. पू. बालकदासजी महाराज, पंडित नीलकंठ त्रिपाठी महाराज, सुनील घनवट, श्रीमती ज्योति शर्मा ने यहां पत्रकार वार्ता में की। इस समय हलाल प्रमाणपत्र द्वारा की जाने वाली करोड़ों रुपयों की अवैध वसूली की जानकारी तथ्यों और प्रमाणों सहित हिन्दू जनजागृति समिति के महाराष्ट्र राज्य संगठक श्री. सुनील घनवट ने उपस्थित पत्रकारों को दी। इस समय पाटेश्‍वर धामके प.पू. बालकदासजी महाराज, नीलकंठ सेवा संस्थान के पंडित निलकंठ त्रिपाठी महाराजजी, मिशन सनातन के संस्थापक श्री. मदनमोहन उपाध्याय, राष्ट्रसेविका समीति की प्रांत सहसंयोजिका श्रीमती ज्योति शर्मा, बजरंग दल के श्री. अंकित दिवेदी, श्री. विशाल ताम्रकार, हिंदू जनजागृती समिति छत्तीसगड समन्वयक श्री. हेमंत कानस्कर एवं श्री. मंगेश खंगन उपस्थित थे ।

प.पू. बालकदासजी महाराजजी ने कहा, ‘‘जिस प्रकार से उत्तर प्रदेश सरकार ने हलाल उत्पादों पर प्रतिबंध लगाया है, उसी प्रकार से छत्तीसगढ में भी नई सरकार से हम सभी हिंदुत्वनिष्ठ और संत समाज ‘हलाल’ अर्थव्यवस्थापर तुरंत प्रतिबंध लगाने की मांग करते हैं !’’ पंडित निलकंठ त्रिपाठी महाराजजी ने कहा, ‘‘हलाल उत्पादों से मिलने वाला धन राष्ट्रीय सुरक्षा पर संकट है ! इसके बारे में हम लगातार जागृति कर रहे हैं ! जब तक हलाल अर्थव्यवस्थापर पूर्ण प्रतिबंध नही लगता, तब तक ये आंदोलन जारी रहेगा ! ’’

 मदनमोहन उपाध्याय ने कहा, ‘‘छत्तीसगढ में पिछले दो-ढाई साल से लगातार हिंदू जनजागृती समिति, बजरंग दल, मिशन सनातन और पुरा संत समाज इस बारेमे जागृती कर रहा है ! ’’ सुनील घनवट ने आगे कहा, ‘‘दुग्धजन्य पदार्थ, शक्कर, बेकरी उत्पाद, नमकीन, रेडी-टू-ईट, खाद्यतेल, औषधियां, वैद्यकीय उपकरण तथा सौंदर्यप्रसाधनों से संबंधित सरकारी नियमों में उत्पादों के आवरण (कवर) पर हलाल सर्टिफाइड चिन्ह अंकित करने का कानूनी प्रावधान नहीं है । साथ ही औषधि एवं सौंदर्य प्रसाधन कानून, 1940 तथा संबंधित नियमों में हलाल प्रमाणपत्र का कोई प्रावधान नहीं है । ऐसी स्थिति में किसी भी औषधि, वैद्यकीय उपकरण अथवा कॉस्मेटिक के आवरण (कवर) पर हलाल प्रमाणपत्र से संबंधित कोई भी तथ्य प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से लिखे हों, तो वह एक दंडनीय अपराध है ।

खाद्यपदार्थों के संदर्भ में लागू कानून तथा नियमों के अनुसार, भारतीय खाद्य सुरक्षा तथा मानक प्राधिकरण (FSSAI) को खाद्यपदार्थों का मानक निर्धारित करने का अधिकार दिया गया है । इसके आधार पर खाद्यपदार्थों की गुणवत्ता सुनिश्‍चित की जाती है । इसके विपरीत हलाल प्रमाणन एक समांतर प्रणाली है, जो खाद्य पदार्थ की गुणवत्ता के विषय में भ्रम निर्माण कर सरकारी नियमों का उल्लंघन करती है । छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश में ‘हलाल इंडिया प्रा. लिमिटेड’, ‘हलाल सर्टिफिकेशन सर्विसेस इंडिया प्रा. लिमिटेड’, ‘जमियत उलेमा-ए-हिंद हलाल ट्रस्ट मुंबई’, ‘जमियत उलेमा-ए-महाराष्ट्र’ आदि अनेक संस्थाएं अवैध रूप से हलाल प्रमाणपत्र वितरित करती हैं । साथ ही यह पैसा लष्कर-ए-तोयबा, इंडियन मुजाहिदीन, इस्लामिक स्टेट तथा अन्य आतंकवादी संगठनों के लगभग 700 आरोपियों की कानूनी सहायता करने के लिए उपयोग किया जाता है ।’’ प्रशासन इसकी गंभीरता को देखते हुए जल्द से जल्द हलाल प्रमाणित उत्पादों पर प्रतिबंध लगाए, ऐसी मांग की जा रही है ।

कल ही संसद के अधिवेशन मे केंद्रीय अर्थमंत्री निर्मला सीतारामन् ने कहा कि ‘हलाल’ प्रमाणपत्र केवल शासन दे सकता है, तो अन्य सभी संस्थाएं इसमे ‘हलाल’ प्रमाणपत्र दे रही हैं वो तुरंत रोके, ऐसी हम सबकी मांग है !’’

Category