दत्तात्रेय होसबाले पुन: आरएसएस के सरकार्यवाह चुने गए

Dattatreya Hosabale again elected Sarkaryavah of RSS, Nagpur, All India Pratinidhi Sabha of Rashtriya Swayamsevak Sangh, Khabargali

चुनावी बॉन्ड और यूसीसी पर यह कहा

नागपुर (khabargali) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा ने रविवार को दत्तात्रेय होसबाले को पुन: सरकार्यवाह निर्वाचित किया। संघ में जनरल सेक्रेटरी (महासचिव) को सरकार्यवाह कहते हैं। आरएसएस में सरसंघचालक (प्रमुख) के बाद दूसरा सबसे बड़ा पद सरकार्यवाह का ही होता है। दत्तात्रेय होसबाले 2021 से सरकार्यवाह की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। आरएसएस ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में यह जानकारी देते हुए कहा कि होसबाले 2021 से सरकार्यवाह हैं और उन्हें 2024 से 2027 तक की अवधि के लिए पुन: इस पद पर चुना गया है। आरएसएस की तीन दिवसीय अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की शुरुआत यहां रेशिमबाग में स्मृति भवन परिसर में शुक्रवार को हुई। नागपुर में संघ मुख्यालय में छह साल के बाद यह बैठक हो रही है।

पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होने चुनावी बॉण्ड पर कहा कि यह एक ‘प्रयोग’ है और वक्त आने पर पता चलेगा कि यह कितना फायदेमंद और प्रभावी रहा। उन्होंने कहा कि यह नियंत्रण और संतुलन के साथ किया गया और ऐसा नहीं है कि चुनावी बॉण्ड आज अचानक पेश किए गए, ऐसी योजना पहले भी लायी गयी थी। जब भी कोई बदलाव होता है तो सवाल उठाए जाते हैं। जब ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनें) लायी गयी थीं तब भी सवाल उठाए गए थे।

नरेन्द्र मोदी सरकार के 10 साल के कार्यकाल के बारे में पूछे जाने पर, उन्होंने कहा कि संघ समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का स्वागत करता है। उन्होंने कहा कि इसे लागू करने की मांग वाला एक प्रस्ताव कई साल पहले संगठन की ‘अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा’ में पारित किया गया था। होसबाले ने कहा कि इसे (भाजपा शासित) उत्तराखंड में लागू किया गया है। हम चाहेंगे कि इसे पूरे देश में लागू किया जाये लेकिन उत्तराधिकार, गोद लेना, विवाह और अन्य मुद्दे जैसे कुछ विवरण हैं जिन पर चर्चा करने की आवश्यकता है और फिर वे आगे बढ़ सकते हैं।

कौन हैं दत्तात्रेय होसबाले?

दत्तात्रेय होसबाले का जन्म 1 दिसंबर 1954 को कर्नाटक के शिमोगा जिले के होसबाले गांव में हुआ था। विश्व संवाद केंद्र, भारत के अनुसार, दत्तात्रेय होसबाले का परिवार पहले से ही आरएसएस से जुड़ा हुआ था, इसलिए 1968 में वह भी संघ में शामिल हो गए। वह जब संघ के स्वयंसेवक बने तब वह 13 वर्ष के थे। उन्होंने बैंगलोर विश्वविद्यालय से अंग्रेजी से पोस्ट ग्रेजुएशन की थी। 1978 में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री पूरी करने के बाद वे संघ के प्रचारक बन गए थे।  देश में आपातकाल के दौरान दत्तात्रेय होसबाले अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के सदस्य थे और आंतरिक सुरक्षा रखरखाव अधिनियम (एमआईएसए) के तहत 14 महीने से ज्यादा समय तक जेल में रहे थे। वह 1972 में एबीवीपी से से जुड़े थे. विद्यार्थी परिषद में उन्होंने क्षेत्रीय और अखिल भारतीय स्तर पर कई जिम्मेदारियां संभाली। 1992 से 2003 तक यानी 11 वर्षों तक वह एबीवीपी के संगठन मंत्री रहे। 2003 में वह आरएसएस के अखिल भारतीय सह-बौद्धिक प्रमुख बने। दत्तात्रेय होसबाले 2009 से 2021 तक आरएसएस के सह-सरकार्यवाह रहे। उनकी मातृभाषा कन्नड़ है लेकिन वह अंग्रेजी, हिंदी, तमिल, मराठी और संस्कृत के भी जानकार हैं। वह कन्नड़ मासिक पत्रिका असीमा के संस्थापक संपादक हैं. वह भारत में पढ़ने वाले विदेशी छात्रों के संगठन विश्व विद्यार्थी युवा संगठन के संस्थापक महासचिव भी हैं।