गणेशोत्सव में अश्लील गाने तथा फूहड़ डांस करने करने वालों पर हो कार्रवाई :छत्तीसगढ़ सिविल सोसायटी

Action should be taken against those who sing vulgar songs and do vulgar dances during Ganeshotsav: Chhattisgarh Civil Society CCS has prepared a detailed guideline regarding Ganeshotsav and submitted it to the state government... Demand to implement it across the state, Convenor Dr. Kuldeep Solanki, Raipur, Chhattisgarh, Khabargali

सीसीएस ने गणेशोत्सव को लेकर विस्तृत गाइडलाइन तैयार कर सौंपी राज्य सरकार को...प्रदेशभर में लागू करने की मांग

 रायपुर (खबरगली) गणेशोत्सव को लेकर छत्तीसगढ़ सिविल सोसायटी ने विस्तृत गाइडलाइन तैयार कर राज्य सरकार को सौंपी है। संगठन का कहना है कि इन नियमों के पालन से उत्सव न केवल अधिक सुव्यवस्थित और सुरक्षित होगा, बल्कि सामाजिक समरसता और पर्यावरणीय संतुलन को भी बढ़ावा मिलेगा। छत्तीसगढ़ सिविल सोसायटी के संयोजक डॉ. कुलदीप सोलंकी ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इन गाइडलाइनों को पूरे प्रदेश में लागू करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यह पहल जनहितकारी साबित होगी और समाज में शांति, सहयोग तथा अनुशासन की भावना मजबूत होगी।

मूर्तियों पर सख्त नियम

गाइडलाइन के अनुसार भगवान गणेश की प्लास्टर ऑफ पेरिस (PoP) और प्लास्टिक से बनी मूर्तियों की बिक्री पर पूरी तरह से प्रतिबंध हो। इसका उल्लंघन करने पर नगर पालिका और नगर निगम ऐसे विक्रेताओं पर 10,000 से 50,000 रुपये तक का जुर्माना लगाएं। साथ ही जब्त मूर्तियों के निस्तारण का खर्च भी उन्हीं विक्रेताओं से वसूला जाए। केवल मिट्टी, शिल्पकला और पर्यावरण अनुकूल सामग्री से बनी मूर्तियों की बिक्री को अनुमति दी जाए।

पंडालों में प्रवेश पर निगरानी

गाइडलाइन में यह स्पष्ट किया गया है कि किसी भी व्यक्ति को नशे की हालत में पंडालों में प्रवेश की अनुमति नहीं होनी चाहिए। सुरक्षा कर्मियों और स्वयंसेवकों को नशे की जांच करने का अधिकार हो और उल्लंघन करने वालों को पुलिस के हवाले किया जाए। पुलिस भारतीय न्याय संहिता की धाराओं के तहत कार्रवाई करे। इसी तरह अश्लील गानों और फूहड़ नृत्यों पर भी रोक रहे। आयोजन समिति इसके लिए जिम्मेदार होगी और उनके खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई का प्रावधान  रखा जाए, प्रत्येक पंडाल में सीसीटीवी कैमरे और अग्निशमन यंत्र लगाना अनिवार्य हो।

शोभायात्रा और जुलूस पर दिशा-निर्देश

गणेश जुलूस या शोभायात्रा में नशे में शामिल होने वालों पर कड़ी रोक हो। पुलिस किसी भी संदिग्ध व्यक्ति का अल्कोहल टेस्ट करे। यदि कोई व्यक्ति नशे की हालत में पाया जाता है तो उसके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 355 (सार्वजनिक स्थान पर अनुचित आचरण) के तहत कार्रवाई हो। साथ ही अश्लील गाने या फूहड़ नृत्य करने पर आयोजकों के खिलाफ धारा 296 (सार्वजनिक उपद्रव) के तहत सख्त कार्रवाई का प्रावधान है। ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए समय सीमा और ध्वनि स्तर का पालन अनिवार्य किया गया है।

विसर्जन की व्यवस्था

अनंत चतुर्दशी के दिन ही पूरे प्रदेश में बड़े गणेशजी की मूर्तियों का विसर्जन किया जाएगा। छोटे गणेशजी की मूर्तियों का विसर्जन परंपरा अनुसार किया जा सकता है। विसर्जन केवल प्रशासन द्वारा चिन्हित स्थानों पर हो। निर्देशों के अनुसार विसर्जन की शोभायात्रा शाम 6 बजे से शुरू होकर रात 12 बजे तक समाप्त हो जानी चाहिए। आयोजन समिति पर समयसीमा और मर्यादाओं का पालन कराने की जिम्मेदारी होनी चाहिए।

सुरक्षा और प्रशासनिक सहयोग

गाइडलाइन के अनुसार पुलिस और प्रशासनिक टीम को नियमित गश्त करने और नियमों के पालन की निगरानी करने की जिम्मेदारी को पालन करने को कहा गया है। वहीं स्वयंसेवक दल को भी सुरक्षा और अनुशासन व्यवस्था में सहयोग करना होगा।

जनहित में पहल

सिविल सोसायटी का मानना है कि इन नियमों के लागू होने से न केवल कानून व्यवस्था मजबूत होगी, बल्कि धार्मिक आयोजनों में अनुशासन और स्वच्छता भी बनी रहेगी। साथ ही पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाली गतिविधियों पर रोक लगेगी। यदि राज्य सरकार इन गाइडलाइनों को प्रदेशव्यापी स्तर पर लागू करती है तो गणेशोत्सव का आयोजन सुरक्षित, शांतिपूर्ण और जनहितकारी रूप से संपन्न होगा।