चुनावी प्रदेशों में किसी भी तरह के प्रलोभन को कतई बर्दाश्त नहीं -निवार्चन आयोग
नई दिल्ली (khabargali) हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2022 का बिगुल बज चुका है. निवार्चन आयोग ने चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है. आपको बता दें कि प्रदेश में 12 नवंबर को विधानसभा चुनाव होंगे और 8 दिसंबर को नतीजे आएंगे. प्रदेश में कुल 68 विधानसभा क्षेत्रों में कुल 55,07,261 वोटर मतदान करेंगे. बीजेपी की अगुवाई वाली एनडीए के पास 43 सीटें तो कांग्रेस की अगुवाई वाला यूपीए के पास 22 सीटें हैं.
हालांकि CEC राजीव कुमार के सिर्फ हिमाचल की चुनावी तारीखों का ऐलान किए जाने के बाद पत्रकारों ने उन पर सवालों की बौछार कर दी. उनसे गुजरात को लेकर पूछा गया कि एक साथ दोनों राज्यों में चुनाव क्यों नहीं कराए जा रहे, इसके पीछे क्या वजह है? तो इस पर सीईसी ने अपने जवाब दिए. CEC राजीव कुमार ने कहा कि ‘चुनाव आयोग परंपरा, मतदान की तारीखों में अंतर और मौसम सहित विभिन्न कारकों पर विचार के बाद चुनाव की घोषणा में जाता है. हिमाचल प्रदेश के मसले में मौसम का फैक्टर है, जिसे ध्यान में रखा गया. सभी चीजों को देखने के बाद ये तय हुआ है कि अभी हिमाचल की ही घोषणा करें’.
एक सवाल के जवाब में उन्होंने आगे कहा कि ‘दोनों राज्यों यानि हिमाचल और गुजरात में काउंटिंग साथ में होगी या नहीं, हम तब बताएंगे जब गुजरात की घोषणा करेंगे’. उन्होंने पत्रकारों से आगे कहा कि चुनाव की तैयारी और ताना-बाना विस्तृत कवायद है. 2012 का चुनाव संयुक्त, संपूर्ण चुनाव था. अभी त्योहारी सीजन भी चल रहा है. जब हम गुजरात के नतीजों पर आएंगे तो आपको जरूर बताएंगे. पार्टी घोषणा पत्रों में चुनावी वायदों को लेकर उन्होंने कहा कि इस बारे में विचार-विमर्श जारी है. मुफ्त चुनावी घोषणाओं, सौगातों पर सीईसी राजीव कुमार ने स्पष्ट कहा कि हम सभी चुनावी प्रदेशों में किसी भी तरह के प्रलोभन को कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति रखेंगे.
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