जानलेवा कोरोना को लेकर सरकार और मीडिया के रुख पर छत्तीसगढ़ सिविल सोसाइटी ने उठाया प्रश्न चिन्ह

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कोरोना संक्रमितों की संख्या 47 लाख 54 हजार हुई, 78,586 लोगों की हो चुकी मौत

चैनल एवं मीडिया को मरीजों की बेहतर देखभाल एवं महामारी के विस्फोट को सीमित करने हेतु समन्वयक की भूमिका निभानी चाहिए

रायपुर (khabargali) आज हमारा देश अत्यंत गंभीर आपदा से गुजर रहा है। दुनिया में सबसे ज्यादा तेजी से कोरोना संक्रमण भारत में ही फैल रहा है। देश में पिछले 24 घंटों में 94,372 नए मामले सामने आए हैं। इससे पहले 11 सितंबर को रिकॉर्ड 97,570 संक्रमण के मामले दर्ज हुए थे। वहीं 24 घंटे में 1114 लोगों की जान चली गई है। देश में दो सितंबर से लगातार हर दिन एक हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार, देश में अब कुल कोरोना संक्रमितों की संख्या 47 लाख 54 हजार हो गई है. इनमें से 78,586 लोगों की मौत हो चुकी है. एक्टिव केस की संख्या 9 लाख 73 हजार हो गई और 37 लाख लोग ठीक हो चुके हैं। प्रतिदिन चाइनीस कोरोनावायरस की वजह से करीब 1 लाख मरीज संक्रमित हो रहे हैं जो कि एक प्रकार का अवांछनीय विश्व रिकॉर्ड है। आश्चर्यजनक बात है कि केंद्र सरकार तथा मीडिया दोनों इस पर मौन है। छत्तीसगढ़ सिविल सोसाइटी की ओर से संयोजक डॉ कुलदीप सोलंकी ने ख़बरगली को भेजे अपने बुलेटिन में राष्ट्र की वर्तमान परिस्थितियों तथा उन पर मीडिया के रुख पर सबका ध्यान आकृष्ट किया है।

कोरोना काल में टीवी मीडिया की संदिग्ध भूमिका

इस कोरोना काल मे भी टीवी मीडिया के लिए सुशांत सिंह राजपूत की मृत्यु और कंगना रनावत के ऑफिस में बीएमसी की कार्रवाई आपदा है, पिछले 3 महीनों से सुशांत सिंह राजपूत पर लगातार चर्चा चल रही है किंतु कोरोना संक्रमण से प्रतिदिन मरने वाले 1000 लोगों पर कोई चर्चा नहीं होती। आखिर क्यों? आखिर कोरोनावायरस की मृत्युदर को रोक लगाने हेतु सरकार कोई प्रयास नहीं कर रही । क्यों?.. जंग में शहीद हुए प्रत्येक सैनिक को गार्ड ऑफ ऑनर मिलता है, परिवार को मान सम्मान मिलता है किंतु जान पर खेलकर इलाज करते हुए चिकित्सक एवं चिकित्साकर्मी के जीवन का कोई मोल नहीं। ऐसा क्यों?

मीडिया एक बहुत ही शक्तिशाली माध्यम है तथा इसे प्रजातंत्र का चौथा स्तंभ भी माना जाता है किंतु पिछले करीब 3 महीनों से मीडिया में सुशांत सिंह राजपूत की मृत्यु एवं उनसे जुड़े लोग मसलन रिया चक्रवर्ती, कंगना रानावत इत्यादि ने अधिकार जमाया हुआ है। ऐसा केवल एक या दो चैनल में नहीं हो रहा बल्कि पूरा मेनस्ट्रीम मीडिया केवल और केवल सुशांत के संदर्भ में ही खबरें चला रहा है। ऐसा प्रतीत होता है जैसे कोई प्रायोजित कार्यक्रम चल रहा हो। निश्चित रूप से प्रायोजक केंद्र एवं राज्य सरकारें होगी, विपक्ष तो हो नहीं सकता। क्या यह केवल इत्तेफाक है या बहुत बड़ा षड्यंत्र?

पिछले कई दिनों से चाइनीस कोरोनावायरस के संक्रमित मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं तथा तकरीबन 1000 लोगों की रोज मृत्यु हो रही है। ऐसी परिस्थिति में सारे चैनल एवं मीडिया को मरीजों की बेहतर देखभाल एवं महामारी के विस्फोट को सीमित करने हेतु समन्वयक की भूमिका निभानी चाहिए किंतु ऐसा बिल्कुल नहीं हो रहा है।

यह घोर विडंबना है

केंद्र सरकार ने महामारी से निपटने की जिम्मेदारी राज्य सरकारों को सौंपी.. राज्य सरकारों ने नगरीय प्रशासन एवं कलेक्टर को सौंपी.. और कलेक्टर ने जिम्मेदारी मरीजों को सौंप दी है। अब मरीजों को केवल ईश्वर का ही आसरा है। हमारी सरकारें महामारी की रफ्तार को रोकने का रोडमैप भी नहीं बना पाई है उसे कंट्रोल करने की बात तो बेमानी है।

यह वक्त कड़े फैसले लेने का

मौजूदा हालात में  कोरोना के इलाज में होने वाली समस्याएं जैसे- 1. कोविड-19 की दवाइयों की किल्लत, 2. अस्पतालों में बेड की किल्लत, 3. अत्याधिक चिकित्सा कर्मियों के संक्रमित एवं मृत्यु होने की रोकथाम के प्रयास, 4. मरीजों के उपचार में प्रयुक्त होने वाले संसाधनों की कालाबाजारी रोकने के उपाय इत्यादि। इन समस्याओं के निराकरण पर सरकार एवं मीडिया का प्रयास होना चाहिए। समस्त देशवासियों को माननीय प्रधानमंत्री से अत्याधिक उम्मीदें हैं किंतु पता नहीं किन मजबूरियों की वजह से मन की बात में भी वे इस विषय पर कुछ भी बोलने से बचते रहे। छत्तीसगढ़ सिविल सोसाइटी आप सब से आग्रह करती है कि ऐसी विषम परिस्थितियों में हमें एकजुट होना होगा। हमारे पास केवल सोशल मीडिया का ही सहारा है।

अतःआपसे निवेदन है कि आज हम निम्नलिखित  3 संकल्प लें

1. कोरोना महामारी का बेहतर इलाज एवं प्रबंधन हम सबका अधिकार है । हमें इसकी जानकारी को सोशल मीडिया पर जल्द से जल्द साझा करना होगा ताकि हम केंद्र एवं राज्य सरकारों पर उचित कार्रवाई करने हेतु दबाव बना सकें।

2. मीडिया एवं सरकार की कोताही पर अपनी नाराजगी जाहिर करें

3. हम अत्याधिक एकता का परिचय देते हुए; सीमित संसाधनों में ही एक-दूसरे की अत्याधिक मदद करने का संकल्प करें। अंत में हम आपसे से आग्रह करते हैं कि कोरोना वायरस की गाइडलाइंस का पालन करें, जांच करवाने से ना डरे तथा जल्द से जल्द इलाज करवाएं। क्योंकि सावधानी से बचाव होगा तथा जल्द से जल्द जांच एवं इलाज से जीवन बचेगा।

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