रोज 8 ग्राम नमक खा रहे भारतीय...बीपी, स्ट्रोक की मुख्य वजह
12 हजार लोगों पर हुए राष्ट्रीय एनसीडी निगरानी सर्वेक्षण में खुलासा, कई बीमारियों की जताई आशंका
नई दिल्ली (khabargali) नमक को लेकर इंसान की ये दीवानगी नई नहीं है। तमाम चेतावनियों के बावजूद पूरी दुनिया भरपूर नमक खाती है। कई बार तो ये नुक़सानदेह होने की हद के पार भी जाता है। अब नमक को लेकर नए तर्क गढ़े जा रहे हैं। बरसों के शोध को चुनौती दी जा रही है। कहा जा रहा है कि नमक कोई विलेन नहीं, जिसे हमें अपने खाने से मिटा देना है बल्कि ये ज़रूरी है हमारी सेहत के लिए। नमक में सबसे अहम तत्व होता है सोडियम। ये हमारे शरीर के लिए बहुत ज़रूरी है।सोडियम इंसान के शरीर में पानी का सही स्तर बनाने से लेकर ऑक्सीजन और दूसरे पोषक तत्व सभी अंगों तक पहुंचाने के काम में मददगार होता है। यही नहीं, सोडियम हमारी तंत्रिकाओं में बिजली सी फुर्ती डालता है। लेकिन, ऐतिहासिक रूप से नमक को कम से कम खाने की सलाह दी जाती रही है। लेकिन भारतीय अपने भोजन में जरूरत से ज्यादा नमक का सेवन कर रहे हैं।
सर्वेक्षण में आया डराने वाला नतीजा
एक सर्वेक्षण में सामने आया है कि प्रत्येक भारतीय रोजाना आठ ग्राम नमक खा रहा है, जबकि रोजाना अधिकतम पांच ग्राम नमक ही पर्याप्त है। अधिक नमक रक्तचाप (बीपी), ब्लॉकेज और स्ट्रोक जैसी बीमारियों की वजह बन रहा है। राष्ट्रीय एनसीडी निगरानी सर्वेक्षण (एनएनएमएस) की रिपोर्ट में भारतीयों के यूरिन में सोडियम की मात्रा भी अधिक पाई जा रही है। इस रिपोर्ट को बंगलूरू स्थित भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद-राष्ट्रीय रोग सूचना विज्ञान और अनुसंधान केंद्र (आईसीएमआर-एनसीडीआईआर) के शोधकर्ताओं ने पूरा किया है। सर्वे में भाग लेने वालों की यूरिन जांच दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के डॉक्टरों ने की है।
महिलाओं से ज्यादा पुरुषों को नमक ज्यादा पसंद
मेडिकल जर्नल नेचर में प्रकाशित सर्वेक्षण में शोधकर्ताओं ने बताया कि देश के 150 केंद्रों पर दो तरह से 12 हजार लोगों पर अध्ययन किया गया। इनमें से एक समूह के यूरिन नमूने लेकर जांच की गई, जबकि दूसरे समूह से बातचीत से सर्वे पूरा किया। 18 से 69 साल की आयु के 10,659 लोगों ने सर्वे में भाग लिया, जिनमें से 2,266 की यूरिन जांच की गई। n महिलाओं की तुलना में पुरुषों को नमक का स्वाद ज्यादा पसंद है। इतना ही नहीं, शहरी लोग नमकीन और चिप्स के जरिये नमक का अधिक सेवन कर रहे हैं, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में लोग भोजन के साथ चुटकी भर नमक ऊपर से लेते हैं।
जबकि पांच ग्राम नमक ही काफी है सेहत के लिए
गैर संचारी रोगों को लेकर उच्च सोडियम युक्त आहार लोगों के लिए नुकसानदायक हो सकता है। डब्ल्यूएचओ ने सभी सदस्य देशों से कहा है कि एक व्यक्ति के लिए दिनभर में अधिकतम पांच ग्राम नमक का सेवन ही काफी होता है, लेकिन भारत में इससे 60 फीसदी अधिक नमक खा रहे हैं। गैस्ट्रिक कैंसर जैसी बीमारियों का भी खतरा एनसीडीआईआर के निदेशक डॉ. प्रशांत माथुर ने बताया, आहार में सोडियम का उच्चस्तर स्ट्रोक और हृदय विफलता के जोखिम को भी बढ़ाता है। नमक के सेवन के हानिकारक हृदय संबंधी प्रभावों के अलावा यह गैस्ट्रिक कैंसर के लिए एक संभावित जोखिम कारक भी हो सकता है। भारत में गैर संचारी रोगों का भार काफी अधिक है। सालाना होने वाली कुल मौतों में अकेले हृदय रोगों (सीवीडी) का अनुमान 28.1 फीसदी है। इतना ही नहीं, साल 1990 में 7.8 लाख मौतों की तुलना में 2016 में 16.3 लाख मौतें उच्च रक्तचाप के कारण हुईं।
- Log in to post comments