किन-किन सामानों पर कितना टैक्स घटेगा, GST की बैठक में आज हो गया फाइनल? देख लीजिए लिस्ट

How much tax will be reduced on which goods, was it finalized in the GST meeting today? See the list, Finance Minister Nirmala Sitharaman, Khabargali

नई दिल्ली (खबरगली) जीएसटी परिषद की बैठक में टैक्स स्लैब को चार से दो में घटाने और रोजमर्रा की वस्तुओं पर टैक्स घटाने पर चर्चा हुई। बैठक में कई उत्पादों पर कर की दर में कमी के प्रस्ताव दिए गए हैं। माल एवं सेवा कर (GST) के स्लैब सिस्टम में व्यापक बदलाव की कवायद बुधवार को जीएसटी परिषद की बैठक के साथ शुरू हो गई। इसमें रोजमर्रा की कई उपभोक्ता वस्तुओं पर टैक्स घटाने और कर ढांचे (Tax structure) को सरल बनाने पर चर्चा हुई। जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक में बड़े फैसले जीएसटी से संबंधित मामलों की सर्वोच्च संस्था जीएसटी परिषद की 56वीं बैठक वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में शुरू हुई। इस बैठक में लिए गए फैसलों की घोषणा गुरुवार को किए जाने की उम्मीद है।

सूत्रों ने कहा कि परिषद ने बैठक के पहले दिन रोजमर्रा के इस्तेमाल वाले कई उत्पादों के अलावा जीवन एवं स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर टैक्स घटाने और कारोबारों के लिए अनुपालन नियमों को आसान बनाने पर चर्चा हुई।

चार से दो रह जाएंगे टैक्स स्लैब, 12 और 28 प्रतिशत टैक्स स्लैब की विदाई

बैठक में टैक्स स्ट्रक्चर को चार स्लैब से घटाकर दो स्लैब में डालने और बड़ी कारों, तंबाकू एवं सिगरेट जैसी चुनिंदा वस्तुओं को 40 प्रतिशत टैक्स के विशेष स्लैब में रखने से संबंधित अंतिम रूपरेखा पर भी विचार-विमर्श हुआ। अभी 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत के चार टैक्स स्लैब्स हैं जो घटकर सिर्फ 5 और 18 प्रतिशत रह जाएंगे। यानी 12 और 28 प्रतिशत के टैक्स स्लैब्स जीएसटी से हट जाएंगे।

कौन-कौन से सामान पर कितना घटेगा टैक्स, पूरी लिस्ट देख लीजिए

बैठक में मक्खन, घी, ड्राई फ्रूट्स, कंडेंस्ड मिल्क, सॉसेज, मांस, जैम एवं जेली, नारियल पानी, नमकीन, पीने के पानी की 20 लीटर वाली बोतल, फल का गूदा और जूस, दूध वाले पेय, आइसक्रीम, पेस्ट्री, बिस्कुट, कॉर्न फ्लेक्स एवं अनाज जैसे उत्पादों पर कर की दर को 18 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत करने पर विचार किया गया। बिना पैक खाद्य पदार्थों पर शून्य कर (Zero tax) जारी रहेगा।

सूत्रों के मुताबिक, जूते-चप्पल और रेडिमेड कपड़ों पर भी राहत का प्रस्ताव है। अभी तक 1,000 रुपये तक की कीमत वाले उत्पादों पर 5 प्रतिशत और उससे अधिक दाम वाले उत्पादों पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगता है। जीएसटी परिषद ने जूते-चप्पल एवं परिधानों पर 5 प्रतिशत कर की सीमा बढ़ाकर 2,500 रुपये करने का फैसला किया है। इससे ऊपर की श्रेणी के रेडिमेड कपड़े एवं जूते 18 प्रतिशत कर के दायरे में आएंगे। टूथपाउडर, दूध पिलाने वाली बोतल, बर्तन, साइकिल, बांस के फर्नीचर और कंघी जैसी वस्तुओं पर जीएसटी को 12 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत किए जाने की संभावना है। वहीं, शैम्पू, टैल्कम पाउडर, टूथपेस्ट, ब्रश, फेस पाउडर, साबुन और हेयर ऑयल पर कर को 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करने पर चर्चा हुई। सीमेंट पर कर 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत और छोटे पेट्रोल-डीजल वाहनों एवं 350 सीसी इंजन तक के दोपहिया वाहनों पर कर 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत करने पर भी विचार हुआ है। सूत्रों ने कहा कि टेलीविजन, एयर कंडीशनर, डिशवॉशर जैसे उपभोक्ता उत्पादों पर भी टैक्स को घटाकर 18 प्रतिशत के स्लैब में लाने का प्रस्ताव है।

प्रधानमंत्री ने कहा था- जीएसटी पर मिलेगा दिवाली गिफ्ट

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर जीएसटी दरों में कटौती की घोषणा की थी। यह कदम ऐसे समय उठाया जा रहा है जब अमेरिका ने भारत पर 50 प्रतिशत तक का शुल्क लगा दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि जीएसटी सुधार लागू होने के दो साल में अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर में 0.5 प्रतिशत अंक तक की तेजी आ सकती है। ऐसा होने पर अमेरिका की तरफ से लगाए गए उच्च शुल्कों के असर को कम करने में मदद मिलेगी।

विपक्ष शासित राज्यों ने जताई राजस्व के नुकसान की चिंता

इस बीच, जीएसटी बैठक शुरू होने से पहले विपक्षी दलों के शासन वाले आठ राज्यों ने अलग से बैठक कर अपनी रणनीति तय की और दरों में कटौती से होने वाली राजस्व क्षति की भरपाई करने की मांग दोहराई। झारखंड के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि उनके राज्य को टैक्स स्लैब में बदलाव से 2,000 करोड़ रुपये का नुकसान होगा और केंद्र को इसकी भरपाई करनी चाहिए। किशोर ने कहा, 'अगर केंद्र सरकार इस बदलाव से हमें होने वाले नुकसान की भरपाई करने के लिए तैयार हो जाती है तो हमें परिषद की बैठक में रखे जाने वाले एजेंडा को मंजूरी देने में कोई समस्या नहीं है।'