माता कौशल्या बसेंगी अब महिलाओं के आंचल में: मंत्री गुरु रूद्रकुमार

Khabargali, Innovation, Handloom, Kaushalya Collection

नवाचार: हाथकरघा ने लॉन्च किया कौशल्या कलेक्शन की नई श्रृंखला

रायपुर (khabargali) पर्यटन के राष्ट्रीय मानचित्र में अब छत्तीसगढ़ राज्य में विकसित हो रहे राम वन गमन पथ का विशेष रूप से उल्लेख होने लगा है। ग्रामोद्योग मंत्री गुरु रूद्रकुमार की पहल पर चंदखुरी स्थित माता कौशल्या के प्राचीन मंदिर की मनमोहक बनावट एवं वास्तुशिल्प को अब बुनकरों द्वारा साड़ियों का आंचल और वस्त्रों में डिजाइन के रूप में बुना जाने लगा है। मंत्री गुरु रूद्रकुमार ने कहा कि राज्य की महत्वाकांक्षी योजना राम वन गमन पथ को राष्ट्रीय पर्यटन स्थल के रूप में पहचान दी जा रही है। माता कौशल्या मंदिर परिसर में उकेरी गई वास्तुकला की छाप को अब हाथ करघा के माध्यम से बुनकरों द्वारा वस्त्रों व साड़ियों के आंचल पर बुना जा रहा है। उन्होंने बताया कि बुनकरों के इस नवाचार को हाथ करघा विभाग ने कौशल्या कलेक्शन के नाम से लॉन्च किया है।

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उल्लेखनीय है कि ग्रामोद्योग मंत्री गुरु रूद्रकुमार की पहल पर विभाग द्वारा बुनकरों और शिल्पियों के उत्पादों को ऑनलाइन मार्केटिंग की व्यवस्था शुरू की गई है। प्रमुख सचिव ग्रामोद्योग डॉ. श्रीमती मनिंदर कौर द्विवेदी ने बताया कि राम वन गमन पथ में शामिल सभी पर्यटन स्थलों पर कौशल्या कलेक्शन के वस्त्रों का स्टॉल लगाकर प्रदर्शनी सह विक्रय किया जाएगा। जिससे माता कौशल्या मंदिर के दर्शन करने आने वाले सभी श्रद्धालुओं को इन वस्त्रों की स्मृति स्वरूप खरीदारी कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि कौशल्या कलेक्शन के लिए कौशल्या मंदिर चंदखुरी की दीवारों में उकेरी गई वास्तु कला से डिजाइन ली गई है। मंदिर के मुख्य द्वार से लेकर अंदर की दीवारों की सजावट के डिजाइन का रेखा चित्र बनाकर बुनकर समितियों को प्रदाय किया गया था। समितियों से जुड़े बुनकर इन डिजाइनों को रंग-बिरंगे रेशमी धागों से साड़ियों एवं वस्त्रों पर इसकी डिजाइन बुनने लगे हैं।

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ग्रामोद्योग संचालक सुधाकर खलखो ने बताया कि चन्दखुरी स्थित माता कौशल्या का मंदिर छत्तीसगढ़ के जन मानस में आस्था का केन्द्र है। चंदखुरी भगवान राम का ननिहाल है। इसकी धार्मिक महत्ता एवं मंदिर की मान्यता को देखते हुए हाथ करघा विभाग द्वारा कौशल्या कलेक्शन के नाम से साड़ियों एवं वस्त्रों की नई श्रृंखला लॉन्च की गई है। उन्होंने उम्मीद जताई कि इसे अच्छा प्रतिसाद और बुनकरों को फायदा मिलेगा। उन्होंने बताया कि कौशल्या मंदिर पर आधारित कौशल्या कलेक्शन के वस्त्र और साड़ियां इतनी आकर्षक है कि लोग इसको पसंद करने के साथ ही हाथों-हाथ खरीदने लगे हैं। कौशल्या कलेक्शन की साड़ियां और वस्त्रों की पूरी श्रृंखला बिलासा एंपोरियम में उपलब्ध होने के साथ-साथ ऑनलाइन भी बिक्री के लिए उपलब्ध है।

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