
रायपुर (khabargali) मेडिकल कॉलेजों से संबद्ध अस्पतालों में मीडियाकर्मियों को कवरेज के लिए पहले अस्पताल प्रबंधन की अनुमति लेनी होगी। इस संबंध में स्वास्थ्य सचिव अमित कटारिया के आदेश के बाद विवाद बढ़ गया। इसके बाद स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने वीडियो जारी कर कहा कि यह आदेश अभी लागू नहीं होगा। इसमें जरूरी संशोधन कर नया आदेश जारी किया जाएगा।
आदेश में कहा गया किसी भी प्रकार के कवरेज के लिए पीआरओ या जिम्मेदार अधिकारी से अनुमति लेनी होगी। इस आदेश के बाद मीडिया कर्मी भड़क गए और आंदोलन की तैयारी कर रहे थे। विवाद न बढ़े इसलिए स्वास्थ्य मंत्री को वीडियो जारी करना पड़ा है। उनका कहना है कि स्वास्थ्य सचिव अभी विदेश दौरे पर हैं। उनके आने के बाद संशोधित आदेश जारी किया जाएगा। दरअसल मीडियाकर्मियों में इस बात का रोष है कि शासन मीडिया को कवरेज से दूर करना चाहता है। इससे अस्पताल की खामियां उजागर न हो सके।
मीडिया से बात कर आदेश करवाएंगे लागू
जायसवाल ने ये भी कहा कि जो भी नया आदेश या निर्णय लागू करवाएंगे, वे मीडिया से बातचीत के बाद करवाएंगे। उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण संक्रमण फैलने की आशंका रहती है। इसलिए ऐसा आदेश जारी किया गया।
कवरेज को लेकर पहले भी हुआ था विवाद
हालांकि आदेश में ये भी कहा है कि मीडिया को सही जानकारी दी जाए। ताकि बाद में कोई विवाद की स्थिति न बनें। आंबेडकर अस्पताल में बीते दिनों मीडियाकर्मी व सुरक्षा कर्मियों के बीच कवरेज को लेकर जमकर विवाद हुआ था। इसके बाद स्वास्थ्य मंत्री ने कहा था कि वे कवरेज के लिए किसी को नहीं रोकेंगे। इसके बाद नया आदेश जारी कर दिया गया, जिससे मीडियाकर्मी भड़क गए। दरअसल कई मौकों पर अस्पताल प्रबंधन व स्टाफ कवरेज करने से रोकता है। इससे कई बार विवाद की स्थिति बनती रहती है।
अव्यवस्था छिपाने मीडिया बैन कर रही सरकार
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कड़ा ऐतराज जताया है। उन्होंने कहा कि जब से राज्य में भाजपा की सरकार बनी है तब से प्रदेश की स्वास्थ्य सुविधा बदहाल हो चुकी है। साय सरकार ने अस्पतालों की व्यवस्था सुधारने के बजाय सभी बड़े अस्पतालों में मीडिया कवरेज पर प्रतिबंध लगा दिया। मीडियाकर्मी अस्पताल में भर्ती मरीजों के फोटो और अव्यवस्था का जायजा नहीं ले पाएंगे, यह सीधी तानाशाही है।
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