
सात जून को होगी राजग की अगली बैठक, जिसके बाद राष्ट्रपति से मिलकर करेंगे सरकार बनाने का दावा पेश
शपथ ग्रहण समारोह की तारीख सप्ताहांत तक, सहयोगी दल मांग सकते हैं महत्वपूर्ण विभाग
नई दिल्ली (khabargali) लोकसभा चुनाव में सत्तारूढ़ गठबंधन को बहुमत मिलने के एक दिन बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल की सलाह पर बुधवार को 17वीं लोकसभा को भंग कर दिया। राष्ट्रपति भवन ने यह जानकारी दी। मौजूदा लोकसभा का कार्यकाल 16 जून को समाप्त होना था। इससे पहले दिन में प्रधानमंत्री मोदी ने बुधवार को अपना इस्तीफा राष्ट्रपति मुर्मू को सौंप दिया जिसे राष्ट्रपति ने स्वीकार कर लिया और उनसे नई सरकार के कार्यभार संभालने तक पद पर बने रहने को कहा।

भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) 290 से अधिक सीट हासिल कर 543 सदस्यीय लोकसभा में बहुमत के लिये जरूरी 272 के जादुई आंकड़े को पार कर गया है। हालांकि, भाजपा 2014 के बाद पहली बार अपने दम पर बहुमत का जादुई आंकड़ा हासिल करने से पीछे रह गई है। अब उसे अपने सहयोगियों पर निर्भर रहना पड़ेगा।
राजग के वरिष्ठ नेताओं का सरकार गठन के मुद्दे पर हुआ मंथन
उसके बाद राजग के वरिष्ठ नेताओं ने सात लोक कल्याण मार्ग स्थित प्रधानमंत्री आवास पर एक बैठक में सरकार गठन के मुद्दे पर मंथन शुरू किया। दिल्ली में हुई अपनी पहली बैठक में राजग ने बुधवार को सर्वसम्मति से नरेन्द्र मोदी को अपना नेता चुन लिया। इसके साथ ही लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री के रूप में देश की बागडोर संभालने की दिशा में मोदी ने एक और कदम आगे बढ़ा दिया। सूत्रों के मुताबिक बैठक में प्रधानमंत्री ने कहा कि यह लगातार तीसरी सरकार के लिए एक ‘ऐतिहासिक’ जनादेश है जो भारत में आखिरी बार 60 वर्ष पहले हुआ था। तेदेपा, जद (यू), शिंदे नीत शिवसेना और लोजपा (रामविलास) ने क्रमश: 16, 12, सात और पांच लोकसभा सीट जीती हैं और ये दल सरकार गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

बैठक में सभी ने मोदी के नेतृत्व पर विश्वास जताया
बैठक में शामिल सभी घटक दलों ने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व पर विश्वास जताया और दावा किया कि उनके नेतृत्व में राजग सरकार भारत के गरीब, महिला, युवा, किसान, शोषित, वंचित व पीडि़त नागरिकों की सेवा करने के लिए प्रतिबद्ध है। बैठक में पारित प्रस्ताव में कहा गया, ‘हम सभी को गर्व है कि 2024 का लोकसभा चुनाव राजग ने नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में एकजुटता से लड़ा और जीता। प्रस्ताव में यह भी कहा गया कि भारत की विरासत को संरक्षित कर देश के सर्वांगीण विकास के लिये राजग सरकार भारत के जन-जन के जीवन स्तर में सुधार लाने के लिए कार्य करती रहेगी।
सूत्रों के मुताबिक बैठक में शामिल राजग के सहयोगियों ने कहा कि प्रधानमंत्री के पास ‘विकसित भारत’ के लिए एक स्पष्ट दृष्टिकोण है और वे इस लक्ष्य को हासिल करने में भागीदार बनने को तैयार हैं।
बैठक में ये शामिल हुए
भाजपा की तरफ से इस बैठक में प्रधानमंत्री मोदी के अलावा पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा, राजनाथ सिंह और अमित शाह ने हिस्सा लिया। तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) अध्यक्ष एन चंद्रबाबू नायडू, जनता दल (यूनाइटेड) के नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, शिवसेना नेता एवं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता चिराग पासवान इस बैठक में शामिल हुए। इनके अलावा, हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के जीतनराम मांझी, जन सेना पार्टी के पवन कल्याण, राकांपा (अजित पवार) के प्रफुल्ल पटेल और सुनील तटकरे, जनता दल सेक्यूलर के एच डी कुमारस्वामी, अपना दल (सोनेलाल) की अनुप्रिया पटेल, राष्ट्रीय लोक दल के जयंत चौधरी, असम गण परिषद के अतुल बोरा, सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा के इंद्र हंग सुब्बा, ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) के सुदेश महतो और जद (यू) के राजीव रंजन सिंह और संजय झा भी बैठक में शामिल हुए।
सात जून को होगी राजग की एक और अहम बैठक
सूत्रों ने बताया कि सात जून को राजग की एक और बैठक हो सकती है, जिसके बाद राष्ट्रपति से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया जा सकता है। शपथ ग्रहण समारोह की तारीख को लेकर आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है, लेकिन गठबंधन के कुछ सदस्यों का मानना है कि अगर नई सरकार की रूपरेखा जल्द तैयार हो जाती है, तो यह सप्ताहांत तक हो सकता है।
सहयोगी दल मांग सकते हैं महत्वपूर्ण विभाग
ऐसी चर्चा है कि सरकार गठन के सिलसिले में तेदेपा और जद (यू) और जनता दल (सेक्युलर) जैसे दलों की ओर से कुछ महत्वपूर्ण विभागों की मांग की जा सकती है, क्योंकि उनका समर्थन सरकार के गठन और अस्तित्व के लिए महत्वपूर्ण होगा।
- Log in to post comments