रायपुर (khabargali) भारतीय पकवानों में बहुत सारी विविधतायें हैं। अगर खाने पीने के सामानों की बात करें, तो हर जगह की अपनी कुछ खासियत होती है और कई पारंपरिक व्यंजन उस क्षेत्र से जुड़े होते हैं। खान- पान की यह विविधता भारत की एक सर्वाधिक महत्वपूर्ण विशेषता भी है। इस बार वर्ल्ड फूड डे के अवसर पर ‘भाबी जी घर पर है‘ में अंगूरी भाबी की भूमिका निभाने वाली शुभांगी अत्रे ने रायपुर के अपने पसंदीदा पकवानों और खाने-पीने के लिये मशहूर जगहों के बारे में बात की।
शुभांगी अत्रे ने कहा, रायपुर के फूड कल्चर में गेहूं, मक्का, ज्वार और दालें शामिल है जिनसे बने पकवान बहुत स्वादिष्ट होते हैं। यहां पर चावल एवं चावल के आटे से जन-जातीय एवं गैरजनजातीय दोनों तरह के व्यंजन पकाये जाते हैं, जैसे कि फरा, एक तरह से देसी स्टाइल में बने मोमोज, मुठिया, अंगाकर रोटी और चैसेरा रोटी, जिसे चने की दाल से बनी एक स्पेशल रेसिपी बफौरी के साथ परोसा जाता है।
स्ट्रीट फूड और स्थानीय स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद लेने के लिए, तेलीबांधा तालाब, नेताजी का चैक, सदर बाजार, शास्त्री मार्केट, राठौर और जयस्तंभ चैक, एमजी मार्ग चौपाटी और एमजी मार्ग चौपाटी और शंकर नगर में पंजाबी चाट कॉर्नर जैसी कई जगह हैं जहां आप जा सकते हैं।
यहां के पारम्परिक भोजन में बोरे बासी, होवलई भाजी, को चई पत्ता, चेच भाजी, कोहड़ा और बोहर भाजी शामिल हैं। साथ ही आमत, चिला, बारा, भजिया, साबूदाना की खिचड़ी, खुरमा, तिलगुड़ और डुबकी कढ़ी यहां स्थानीय विशिष्टताएं हैं। पेठे और राखिया बादी जैसे अन्य मीठे व्यंजनों के साथ, छत्तीसगढ़ राज्य में जलेबी भी बहुत ही प्रसिद्ध है। वर्ल्ड फूड डे पर, मैं हर किसी को यही कहना चाहती हूं कि अपने खाने का आदर करें और खाना बर्बाद न करें। कई ऐसे लोग हैं जो भूखे सोते हैं, अपना खाना उनके साथ शेयर करें और भूखों को खाना खिलाएं। तो, यदि आप अभी तक इन छत्तीसगढ़ व्यंजनों के स्वाद से अनजान हैं, तो वाकई में आप एक बहुत बड़ी चीज मिस कर रहे हैं!
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