रायपुर मे में 95.79 करोड़ रुपये की लागत से चित्रोत्पला फिल्म सिटी बनेगी

Chitrotpala Film City to be built in Raipur at a cost of Rs 95.79 crore On Chhattisgarhi Official Language Day, the people of the state received a gift of Rs 147.66 crore from the Central Government Tribal and Cultural Convention Center to be built in Mana Tuta at a cost of Rs 51.87 crore, Chhattisgarh, KhabarGali

छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस पर प्रदेशवासियों को केंद्र सरकार से 147.66 करोड़ की मिली सौगात

51.87 करोड़ रूपए की लागत से माना तूता में जनजातीय और सांस्कृतिक कन्वेंशन सेंटर का होगा निर्माण

चित्रोत्पला फिल्म सिटी से छत्तीसगढ़ी फिल्मों, नाटकों के साथ पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा : मुख्यमंत्री साय

पद्मश्री विभूतियों की सम्मान राशि प्रतिमाह 5 हजार रूपए से बढ़ाकर 10 हजार रुपए करने की घोषणा

मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ी भाषा के 6 वरिष्ठ साहित्यकारों को किया सम्मानित

रायपुर (खबरगली) मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के प्रयासों से छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड को केंद्र सरकार से एक बड़ी उपलब्धि प्राप्त हुई है। केंद्र सरकार ने स्पेशल असिस्टेंस टू स्टेट्स फॉर कैपिटल इन्वेस्टमेंट 2024-25 के तहत राज्य की दो महत्वपूर्ण पर्यटन परियोजनाओं के लिए 147.66 करोड़ रूपए की राशि स्वीकृत की है। इसके अंतर्गत 95.79 करोड़ रूपए की लागत से माना तूता रायपुर में चित्रोत्पला फिल्म सिटी का निर्माण तथा 51.87 करोड़ रूपए की लागत से माना तूता रायपुर में जनजातीय और सांस्कृतिक कन्वेंशन सेंटर का निर्माण शामिल है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ी भाषा में दिए गए अपने सम्बोधन में यह जानकारी दी।उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के प्रस्ताव पर केन्द्र सरकार द्वारा फिल्म सिटी के निर्माण की स्वीकृति प्रदान करते हुए राशि की स्वीकृति दी गई है।

उन्होंने कहा कि चित्रोत्पला फिल्म सिटी के निर्माण से छत्तीसगढ़ी फिल्मों, छत्तीसगढ़ी नाटकों को प्रोत्साहन तो मिलेगा ही, साथ ही पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।मुख्यमंत्री श्री साय ने कार्यक्रम में पद्मश्री सम्मान से विभूषित छत्तीसगढ़ की विभूतियों को दी जाने वाली सम्मान राशि प्रतिमाह 5 हजार रूपए से बढ़ाकर 10 हजार रूपए करने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार छत्तीसगढ़ी भाषा के विकास के लिए लगातार काम कर रही है। छत्तीसगढ़ी गुरतुर भाषा है, जो हमें आपस में दिल से जोड़ती है। उ

न्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ी फिल्में काफी लोकप्रिय हैं। छत्तीसगढ़ी भाषा को बढ़ावा देने में छत्तीसगढ़ी फिल्मों का भी बड़ा योगदान है। मुख्यमंत्री ने साहित्य परिषद में छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के विलय की समाप्ति की घोषणा करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग राजभाषा छत्तीसगढ़ी को बढ़ावा देने का कार्य करता रहेगा। उल्लेखनीय है कि पूर्व में छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग का साहित्य परिषद में विलय कर दिया गया था।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ी भाषा को लोकप्रिय बनाने और राजभाषा का सम्मान देने के लिए यह जरूरी है कि हम छत्तीसगढ़ी भाषा में बातचीत करें और नई पीढ़ी को भी छत्तीसगढ़ी बोलना सिखाए। उन्होंने साहित्यकारों से छत्तीसगढ़ी भाषा में उपन्यास, कविता और इतिहास का लेखन करने का आव्हान किया। उन्होंने कहा कि विधानसभा में सदस्य छत्तीसगढ़ी में अपना सम्बोधन दे सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सांसद के रूप में वे छत्तीसगढ़ी को संविधान की आठवें अनुसूची में शामिल कराने का प्रयास करेंगे।

छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग द्वारा प्रकाशित 12 पुस्तकों का किया विमोचन

Chitrotpala Film City to be built in Raipur at a cost of Rs 95.79 crore On Chhattisgarhi Official Language Day, the people of the state received a gift of Rs 147.66 crore from the Central Government Tribal and Cultural Convention Center to be built in Mana Tuta at a cost of Rs 51.87 crore, Chhattisgarh, KhabarGali

इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ी भाषा को समृद्ध करने वाले छह साहित्यकारों को शॉल-श्रीफल और स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया। उन्होंने छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग द्वारा प्रकाशित छत्तीसगढ़ी भाषा में लिखित 12 पुस्तकों का विमोचन भी किया। मुख्यमंत्री श्री साय ने कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ी भाषा को समृद्ध करने में योगदान देने वाले 6 वरिष्ठ साहित्यकारों धमतरी के श्री सुरजीत नवदीप, रायपुर के डॉ. रमेन्द्रनाथ मिश्र, धमतरी के श्री पुनीत गुरुवंश, रायपुर के डॉ. सुखदेव राम साहू सरस, सरगुजा के श्री शिवब्रत सिंह पावले, दंतेवाड़ा की श्रीमती शकुंतला शेंडे को शॉल-श्रीफल और स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया।

मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में डॉ. पी. सी. लाल यादव की पुस्तक ‘‘लोरिक चंदा’’, श्री सुशील भोले की पुस्तक ‘‘कोंदा-भैरा के गोठ’’, श्री अनिल जांगड़े की रचना ‘‘चहकत चिरइया’’, डॉ. जय भारती चन्द्राकर की पुस्तक ‘‘छत्तीसगढ़ी महिला कलमकार ले मुहांचाही’’, श्री सेवकराम बांधे की पुस्तक ‘‘डोकरी दाई के कहिनी’’, श्री गिरवर दास मानिकपुरी की पुस्तक ‘‘गिरवर गोठ गीत गजल’’, डॉ. शैलचन्द्रा की पुस्तक ‘‘गोदावरी’’, डॉ. किशन टंडन की पुस्तक ‘‘कठवा’’, श्री ओमप्रकाश साहू की पुस्तक ‘‘पुरखा के सुरता’’, श्री लोकनाथ साहू ललकार की पुस्तक ‘‘पुरखौती’’, श्रीमती धनेश्वरी सोनी गुल की पुस्तक ‘‘रिया के चाय’’, श्री अमोलदास टंडन की पुस्तक ‘‘सौंजिया के दिन बहुरेंगे’’ की पुस्तक का विमोचन किया।

कार्यक्रम में पद्श्री डॉ. सुरेन्द्र दुबे और डॉ. रमेन्द्रनाथ मिश्र विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित थे। कार्यक्रम में संस्कृति विभाग के सचिव श्री अन्बलगन पी., संचालक संस्कृति एवं राजभाषा श्री विवेक आचार्य ने छत्तीसगढ़ी राजभाषा में सम्बोधन दिया। राजभाषा आयोग की सचिव डॉ. अभिलाषा बेहार ने बताया कि आयोग द्वारा छत्तीसगढ़ी में 2700 से अधिक अधिकारियों-कर्मचारियों को प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। आयोग द्वारा अब तक छत्तीसगढ़ी भाषा की 1400 पुस्तकों का प्रकाशन किया जा चुका है।

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