
मनीष सिसोदिया तो झांकी है, अरविंद केजरीवाल अभी बाकी है : भाजपा
कांग्रेस का बड़ा खुलासा..केजरीवाल के मकान पर 45 नहीं, 171 करोड़ रुपए खर्च हुए
नई दिल्ली (khabargali) दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दिल्ली में हुए कथित शराब घोटाले को लेकर अपनी बातें रखीं हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली में कोई शराब घोटाला नहीं हुआ, आम आदमी पार्टी एक कट्टर ईमानदार पार्टी है। तथाकथित शराब घोटाले के पीछे BJP का षड्यंत्र है। शराब घोटाले की कहानी प्रधानमंत्री कार्यालय ने ED-CBI को सुनाई और बोला कि इसके इर्द-गिर्द सबूत ढूंढो।
इस पर बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि शराब नीति मामले को लेकर अरविंद केजरीवाल बहुत घबराए हुए हैं। वो इतने घबराए हुए हैं कि झूठी प्रेस कॉन्फ्रेंस करवा रहे हैं। 6 मई 2023 को एक सह-आरोपी को जमानत मिलती है और 'पापी आप' के सारे प्रवक्ता बाहर आकर कह देते हैं कि शराब नीति मामले में कोई सबूत नहीं है। केजरीवाल में दम तो सवालों के जवाब दें। गौरव भाटिया ने शराब नीति मामले में हुई गिरफ्तारियों पर कहा कि मनीष सिसोदिया तो झांकी है, अरविंद केजरीवाल अभी बाकी है। अगर केजरीवाल में दम है तो वो सवालों के जवाब दें।
उन्होंने कहा कि केजरीवाल झूठ से भरे अपने प्रेस कांफ्रेंस के जरिए फर्जी प्रचार कर रहे हैं। अदालत 6 मई को एक सह-आरोपी को जमानत देती है, लेकिन इसे लेकर आप के लोग गलत बयान देते हैं।
कांग्रेस ने बंगले पर हुए खर्च पर किया बड़ा हमला बोला-
सादगी के दावे करने के बाद अब अरविंद केजरीवाल अपने घर में सुख-सुविधाओं के लिए आम जनता के करोड़ों रुपए खर्च करने के मामले में घिरते जा रहे हैं। कांग्रेस के नेता अजय माकन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दावा किया कि अरविंद केजरीवाल के मकान के लिए 45 करोड़ नहीं, 171 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। बकौल माकन, दिल्ली के मुख्यमंत्री के मकान को फैलाने के लिए अधिकारियों के मकान गिराए गए और उन अधिकारियों के लिए सीडब्ल्यूजी खेल गांव में 21 फ्लैट खरीदे। ऐसे एक फ्लैट की कीमत 6 करोड़ है। दिल्ली सरकार ने यह राशि भी सरकारी खजाने से दी है, जिसे केजरीवाल से वसूला जाना चाहिए।
अजय माकन ने आरोप लगाया कि नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए केजरीवाल सरकार ने हेरिटेज बिल्डिंग को गिरा कर दो मंजिला इमारत बना दी। कहा कि एक मुख्यमंत्री की सादगी क्या होती है, यह कोई शीला दीक्षित से सीख सकता है। मुख्यमंत्री रहते शीला दीक्षिता का बंगला सभी के लिए खुला था और हर कोई देख सकता है कि वे कितना सामान्य जीवन व्यतित करती थीं।
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