
वाद में मुद्दे तय करने इलाहाबाद हाईकोर्ट 12 अगस्त को करेगा सुनवाई
हाईकोर्ट हिंदू पक्ष की 18 याचिकाएं एकसाथ सुनेगा, दावा- ईदगाह गर्भगृह की जमीन पर
प्रयागराज/मथुरा (khabargali) मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद मामले में हाईकोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज कर दी। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार (1 अगस्त) को यह फैसला सुनाया। हाईकोर्ट ने कहा कि हिंदू पक्ष की ओर से दायर 18 याचिकाएं एक साथ सुनी जाएंगी। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मथुरा स्थित श्री कृष्ण जन्मभूमि एवं शाही ईदगाह मस्जिद विवाद मामले में बृहस्पतिवार को कहा कि यह वाद सुनवाई योग्य है। अदालत ने इस वाद में मुद्दे तय करने के लिए 12 अगस्त की तिथि निर्धारित की। ये मुकदमे शाही ईदगाह मस्जिद के ढांचे को हटाकर कब्जा दिलाने और मंदिर का पुनर्निर्माण कराने की मांग के साथ दायर किये गये हैं। वाद की पोषणीयता को लेकर मुस्लिम पक्ष की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति मयंक कुमार जैन ने मुकदमे की पोषणीयता के संबंध में मुस्लिम पक्ष की दलीलें खारिज कर दीं।
उच्च न्यायालय के निर्णय के बाद हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने न्यायालय परिसर के बाहर संवाददाताओं से कहा कि इन वादों की पोषणीयता को चुनौती देते हुए मुस्लिम पक्ष की ओर से जो भी दलीलें दी गई थीं, वे अदालत द्वारा खारिज कर दी गई हैं। उन्होंने कहा कि इस निर्णय के बाद इलाहाबाद उच्च न्यायालय सभी 18 मामलों पर सुनवाई जारी रखेगा। हिंदू पक्ष के वकील ने कहा, अब हम उच्चतम न्यायालय जाकर माननीय अदालत से इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सर्वेक्षण के आदेश पर लगी रोक हटाने की मांग करेंगे। हम आज के निर्णय के संबंध में उच्चतम न्यायालय में एक कैविएट भी दाखिल करेंगे।
मुस्लिम पक्ष ने की थी आपत्ति
वाद की पोषणीयता को लेकर मुस्लिम पक्ष ने आपत्ति की थी कि यह वाद समय सीमा से बाधित है क्योंकि उनके पक्ष ने 12 अक्टूबर, 1968 को एक समझौता किया था और इस समझौते की पुष्टि 1974 में दिए गए एक दीवानी मुकदमे के निर्णय में की गई है। मुस्लिम पक्ष ने कहा था कि एक समझौते को चुनौती देने की समय सीमा तीन वर्ष है, लेकिन यह वाद 2020 में दायर किया गया था इसलिए मौजूदा वाद समय सीमा बाधित है। मुकदमों की पोषणीयता के संबंध में मुस्लिम पक्ष द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति जैन ने छह जून को निर्णय सुरक्षित रख लिया था।
- Log in to post comments