छत्तीसगढ़ (khabargali)बोरवेल में गिरे राहुल साहू को 104 घंटे के लगातार मैराथन रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद सुरक्षित निकाला गया, राहुल अस्पताल से छुट्टी के 11 दिन बाद जैसे ही राहुल गांव पहुंचा, उसे देखने हुजूम उमड़ पड़ा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जांजगीर-चांपा जिले के मालखरौदा विकासखण्ड के पिहरीद गांव में बोरवेल में सकुशल निकाले गए बालक राहुल साहू के इलाज के बाद बिलासपुर के अपोलो अस्पताल से डिस्चार्ज होने पर खुशी जाहिर की है। सीएम भूपेश बघेल ने कहा है कि सबकी दुआओं और मेहनत से राहुल स्वस्थ होकर आज अस्पताल से डिस्चार्ज हो गया है। सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि इसके बाद उनकी जो मेडिकल समस्याएं थी, उनका डॉक्टरों ने तत्परता से और गंभीरता से इलाज किया और आज राहुल अस्पताल से डिस्चार्ज हो गया है, इससे ज्यादा संतोष की बात दूसरी नहीं हो सकती।
केंद्र ने किया छत्तीसगढ़ सरकार की तारीफ
केंद्रीय दिव्यांग बोर्ड ने छत्तीसगढ़ सरकार की तारीफ में कहा की एक दिव्यांग को इतने अच्छे तरीके से रेस्क्यू कर के बचाया और इसमें छत्तीसगढ़ सरकार की कोशिशों को केंद्रीय सामाजिक, न्याय, एवं अधिकारित मंत्रालय ने भी सराहा है। अच्छी बात ये है की राहुल अभी हॉस्पिटल से डिस्चार्ज हो गया है और डॉक्टरों ने राहुल की तबीयत पहले से बेहतर बताया है।
राहुल के पिता ने सीएम भूपेश बघेल का जताया आभार
सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि राहुल की स्पीच थैरेपी कराई जाएगी, जिससे वह बोल सके। राहुल के पिता रामकुमार साहू ने अस्पताल से स्वस्थ होकर राहुल के डिस्चार्ज होने पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, जांजगीर-चांपा कलेक्टर सहित पूरी रेस्क्यू टीम को धन्यवाद दिया है। उन्होंने कहा कि राहुल को बचाने के लिये जिला प्रशासन, एन.डी.आर.एफ., एस.डी.आर.एफ, सेना सहित अन्य सभी टीम ने बहुत मेहनत की।
अब फ़िल्म बनेगी राहुल पर
कुछ दिन पहले राहुल के बोरवेल में गिरने की खबर से पूरा देश और राज्य प्रभावित था। कई दिनों की कड़ी मेहनत के बाद राहुल को बड़ी मुश्किल से बोरवेल से बाहर निकाला गया। दिव्यांग राहुल को निकालने के लिए एक टनल बनाया गया जिससे अभी तक ढाका (बंद) नहीं गया है। जानकारी के मुताबिक उस गड्ढे को अभी नहीं भरा जाएगा, इसके पीछे का कारण बताया जा रहा है की वहां बोरवेल में गिरे राहुल की "ऑपरेशन जिंदगी" नामक डॉक्यूमेंट्री फिल्म बनाई जाएगी। तब तक गड्ढे की बैरिकेटिंग के लिए PWD को निर्देश दिया गया है।
11 दिन बाद घर लौटा गांव में उसका भव्य स्वागत
हुआ। हाथ में आरती की थाल लिए महिलाओं ने जहां उसका स्वागत किया, वहीं पूरे गांव के लोगों ने राहुल जिंदाबाद, राहुल वेलकम... हमर राहुल बेटा, मोर दुलरवा... जैसे नारे लगाए। शनिवार की दोपहर 11 दिन बाद जैसे ही राहुल गांव पहुंचा, उसे देखने हुजूम उमड़ पड़ा। मां व पिता की आंखों में खुशी के आंसू नजर आए। यह देख पूरा गांव भावुक हो उठा।
राहुल को छोडऩे एसडीएम समेत अन्य अधिकारी पहुंचे
अस्पताल में देखरेख और उपचार के बाद 11 दिनों बाद राहुल साहू शनिवार दोपहर लगभग सवा 2 बजे अपना गांव लौटा। राहुल को गांव छोडऩे सक्ति एसडीएम रैना जमील, सीएस डॉ. अनिल जगत, जनपद सीईओ, तहसीलदार सहित पुलिस के अधिकारी उपस्थित रहे।
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