अब रोहिंग्या मुसलमान बने मुसीबत, तब्लीगी जमात का रोहिंग्या कनेक्शन , जम्मू-कश्मीर में धर पकड़

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जम्मू -कश्मीर/ नई दिल्ली (khabargali) तब्लीगी जमात ने देश के कई हिस्सों में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ा दी अब उन्ही की तर्ज पर अब रोहिंग्याओं ने भी देश की मुसीबत बढ़ा दी है | कोरोना संक्रमण के मरीजों में रोहिंग्या मुस्लिमों की जमात भी सामने आने लगी है | देश के तमाम राज्यों में अब रोहिंग्याओं की भी खोजबीन कर उनके स्वास्थ की जाँच की जा रही है | दरअसल दिल्ली में तब्लीगी जमात के कार्यक्रम में रोहिंग्या ने भी बड़ी तादात में शामिल होकर अपनी सहभागिता दर्ज कराई थी |

रोहिंग्याओं की बस्तियों से रैंडम सैंपलिंग शुरू

इसके साथ ही रोहिंग्याओं को भारत से वापिस उनके देश रवाना करने के मामले ने फिर जोर पकड़ लिया है | जम्मू और कश्मीर में रोहिंग्याओं की मौजूदगी से प्रशासन को षडयंत्र की बू आ रही है | यहाँ प्रशासन ने उनसे अपने स्वास्थ परिक्षण की अपील की है |जम्मू और सांबा में रोहिंग्याओं को चिह्नित कर इनकी स्क्रीनिंग शुरू की गई है। डीसी जम्मू सुषमा चौहान का कहना है कि पहले भी रोहिंग्याओं के सैंपल लिए गए थे। अब दोबारा से इनकी बस्तियों से रैंडम सैंपलिंग का काम शुरू किया गया है। इसके लिए टीम का गठन कर दिया गया है। इनकी गतिविधियों पर पूरी नजर है। उनके मुताबिक फिलहाल किसी के संक्रमित होने की सूचना नहीं है। पिछले दिनों जम्मू के 10 रोहिंग्याओं को तब्लीगी जमात के कार्यक्रम में हिस्सा लेने की सूचना के बाद नगरोटा में बनाए गए सेंटर में क्वारंटीन किया था। हालांकि इनकी कोरोना जांच रिपोर्ट निगेटिव रही थी।

सभी राज्यों में स्क्रीनिंग होगी

इधर बीच गृह मंत्रालय को यह सूचना मिली कि जम्मू में रहने वाले रोहिंग्या भी तब्लीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल थे। इसके अलावा पंजाब व दक्षिण भारत में रह रहे रोहिंग्याओं के भी शरीक होने की सूचना मिली थी। इस सूचना के बाद गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को स्क्रीनिंग कराने की हिदायत दी है।

रोहिंग्याओं को लेकर फिर देश मे हलचल

सूत्रों का कहना है कि प्रदेश व बाहरी राज्यों के तब्लीगी जमात के प्रचारक इनकी बस्तियों में आते रहे हैं। इतना ही नहीं इनके बच्चों के लिए मदरसे भी चलाते हैं। जम्मू में नरवाल, बठिंडी, सुजवां, राजीव नगर के पास और शहर के बाहरी इलाकों में काफी संख्या में रोहिंग्या रहते हैं। इसके साथ ही सांबा जिले के बाड़ी ब्राह्मणा में भी इन्होंने ठिकाने बना रखे हैं। रोहिंग्याओं को वापस बांग्लादेश और म्यांमार भेजने की लंबे समय से मांग चल रही है।

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