उद्घाटन के अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा- सरकार की नीतियों की वजह से लगभग डेढ़ लाख किसानों ने वापस खेतों का रुख किया है..
राज्योत्सव में सुपोषण अभियान और महिला सशक्तिकरण की दिखी झलक
रायपुर (khabargali) राजधानी के साइंस कॉलेज परिसर में छत्तीसगढ़ 1 नवम्बर से अपना तीन दिवसीय 20वां राज्य स्थापना दिवस मना रहा है। 8 साल बाद हुए छत्तीसगढ़ के इस राज्योत्सव का लोग बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। साइंस कॉलेज मैदान परिसर में शाम होते ही राज्योत्सव के साज-सज्जा से पूरा परिसर चमकने लगा। समय से पहले लगभग 30 हजार लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। दर्शकों ने छत्तीसगढ़ महतारी का दिल से सम्मान किया। एक तरफ बस्तरितया नृत्य से आदिवासियों ने राजधानी में अपनी अलौकिक छटा बिखेरी तो दूसरी तरफ कर्मा, पंथी, सुआ नृत्य, कर्मा, ददरिया, गौरा-गौरी नृत्य और अन्य गीतों ने सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। यहां लगे स्टालों की साज सज्जा को लोग निहारते नजर आए। आपको बता दें कि भूपेश सरकार ने इस राज्योत्सव का कुल बजट 3 करोड़ 25 लाख तय किया है।
सीएम भूपेश ने सोनिया का संदेश पढ़ा
गौरतलब है कि राज्योत्सव समारोह के पहले दिन बतौर मुख्य अतिथि शामिल होने कांग्रेस की अंतरिम राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी आने वाली थीं, किसी कारणों से उनका दौरा रद्द हो गया। उन्होंने अपना जो संदेश भेजा, उसे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्योत्सव के शुभारंभ अवसर पर मंच से पढ़कर सुनाया।संदेश में सोनिया गांधी ने कहा कि मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई कि छत्तीसगढ़ अपनी स्थापना की बीसवीं सालगिरह पर राज्योत्सव आयोजित कर रहा है। मैं इस अवसर पर प्रदेश के सभी निवासियों को दिल से बधाई देती है। । झीरम घाटी में मारे गए वरिष्ठ कांग्रेिसयों को श्रध्दांजलि अर्पित की। साथ ही पिछली सरकार के 15 साल को निशाने में लेकर लिखा कि प्रदेश की जनता ने भाई-चारे और विकास करने वाली सरकार चुना है. अब विकास का पहिया तेजी से घूम रहा है। उन्होंने राज्योत्सव के मौके पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, उनके सभी सहयोगियों और छत्तीसगढ़ की जनता को हार्दिक शुभकामनाएं दी । उद्घाटन मंच पर टीएस सिंहदेव, ताम्रध्वज साहू, रविन्द्र चौबे, मोहम्मद अकबर, कवासी लखमा अमरजीत भगत, प्रेमसाय सिंह टेकाम, शिव डहरिया, जयसिंह अग्रवाल, गुरु रुद्रकुमार, अनिला भेडिया शामिल हैं। स्वागत भाषण नवनियुक्त मुख्य सचिव आरपी मंडल तथा आभार प्रदर्शन संस्कृति सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी ने किया।
डेढ़ लाख किसानों ने वापस खेतों का रुख किया
वहीं सीएम भूपेश ने जनता को संबोधन करते कहा कि जनता ने हमारी नीतियों पर चलते हुए छत्तीसगढ़ को विकास का टापू बना दिया है। 200 रुपया में धान खरीदी और कर्ज माफी ने चमत्कार दिखा दिया है। सरकार की नीतियों की वजह से लगभग डेढ़ लाख किसानों ने वापस खेतों का रुख किया है। सीएम ने कहा कि लोगों को महसूस हो रहा है कि यह उनकी सरकार है। उनकी सरकार का लक्ष्य जीडीपी यानी सकल घरेलू उत्पाद की ग्रोथ में नहीं बल्कि समावेशी (सबके) विकास पर है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार एक कदम आगे बढ़ी है तो प्रदेश की जनता ने उनके साथ दस कदम आगे बढ़ाए हैं। इसी का नतीजा है कि पूरे देश में आथिक विकास के लिए छत्तीसगढ़ मॉडल की चर्चा हो रही है।
ब्लाक स्तर पर लगाएंगे उद्योग
सीएम भूपेश बघेल ने इस अवसर पर उद्योग नीति 2019-2024 का विमोचन किया। उन्होंने कहा कि इस नीति के तहत प्रदेश के पिछड़े हुए क्षेत्रों में उद्योग लगाने के लिए उद्योगपतियों का आमंत्रित करेंगे। इससे विकासखंड स्तर पर कृषि, खाद्य प्रसंस्करण और वन उत्पादों के साथ नए उद्योगों को लाभ मिलेगा।
यह है खास आकर्षण
राज्योत्सव 2019 में इस बार गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ की थीम पर पूरी सजावट की गई है। विभिन्न विभागों के लगे स्टॉल में भी इसकी झलक दिखाई पड़ी। रोजाना आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम के आलावा यहां खाने- पीने के विभिन्न स्टाल लगे हैं। सरकारी विभागों के स्टालों में भी भीड़ उमड़ रही है। वहीं महिला एवं बाल विकास विभाग लगाए प्रदर्शनी में महिलाओं की खासी भीड़ उमड़ रही है। जहां कुपोषण एवं एनिमिया मुक्त छत्तीसगढ़ की परिकल्पना को साकार रूप देने के साथ ही महिला सशक्तिकरण के विभिन्न आयामों को दर्शाया गया है। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान अंतर्गत कुपोषण एवं एनिमिया की पहचान तथा जिलेवार कुपोषण एवं एनिमिया का प्रतिशत को दर्शाती प्रदर्शनी लगायी गयी है। महिला एवं बाल विकास विभाग के स्टॉल में मुख्य रूप से मुख्यमंत्री बाल संदर्भ योजना, मुख्यमंत्री अमृत योजना, सुपोषण चौपाल इत्यादि की चित्रात्मक प्रदर्शनी लगाई गई है। महिला सुरक्षा हेतु वन स्टॉप सेंटर एवं महिला हेल्प लाईन 181 की भी प्रदर्शनी लगाई गई है। महिलाओं के द्वारा स्वरोजगार के माध्यम से उत्पादित सामग्री का स्टॉल लगाकर उनकी बिक्री का प्रबंध भी किया गया है, जिससे महिलाओं के निर्मित सामानों को बाजार उपलब्ध हो और उन्हें आय भी हो सके।
लोग पहुंच सके इसलिए साइंस कॉलेज मैदान चुना
बता दें कि साइंस कॉलेज मैदान में राज्य निर्माण के बाद लगातार राज्योत्सव होता आ रहा था, लेकिन साल 2012 में बीजेपी की सरकार के दौरान राज्योत्सव के स्थल को बदलकर नवा रायपुर अटल नगर के डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी मैदान में शिफ्ट कर दिया गया था। कांग्रेस की भूपेश सरकार ने लोगों की सुविधा को ध्यान में रखकर फैसला लिया कि राज्योत्सव का आयोजन साइंस कॉलेज मैदान में किया जाएगा।
भाजपा नेताओं ने स्थापना दिवस से बनाई दूरी
राज्योत्सव के लिए पूर्व मुख्यमंंत्रियों डॉ. रमन सिंह और अजीत जोगी ने अपने आप के दूर रखा। सूत्र बतातें है कि इन्हें एक दिन पहले ही आमंत्रण मिला, ऐसे में अपने तय कार्यक्रमों में जाना इन्होंने ज्यादा उचित समझा। डॉ. रमन जहां राजधानी रायपुर में ही पार्टी के कार्यक्रमों में रहे, वहीं अजीत जोगी का पहले से ही बिलासपुर में दीपावली मिलन में जाने का कार्यक्रम था वे अपनी पत्नी रेणु जोगी के साथ गुरुवार की रात को ही बिलासपुर के लिए निकल गए थे। यह पहला मौका है, जब डॉ. रमन राज्योत्सव से अलग रहे। 15 साल तक सत्ता में रहने के कारण वे हमेशा से राज्योत्सव में मुख्यमंत्री होने के नाते प्रमुख रूप से शामिल रहे। वहीं भाजपा के अन्य नेताओं ने भी राज्यस्थापना दिवस पर अपनी मौजूदगी जरूरी नहीं समझा।
आज राज्यपाल उइके मुख्य अतिथि ,सांसद सुनील सोनी विशेष अतिथि
आपकों बता दे कि उद्घाटन समारोह के लिए नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, सांसद सुनील सोनी को आमंत्रित किया गया था । लेकिन वे पहले दिन नहीं गए। श्री सोनी ने बताया कि, किसी कारणवश नहीं जा सके हैं, अब वे दो नवंबर को जाएंगे। आज 2 नवम्बर के कार्यक्रम में राज्यपाल अनुसुईया उइके मुख्य अतिथि तथा सांसद सुनील सोनी विशेष अतिथि हैं।
आज 2 नवम्बर को ये होंगे कार्यक्रम
राज्योत्सव के आज दूसरे दिन सांस्कृतिक संध्या का आरंभ खंझेरी भजन से होगा। इसके बाद उत्तर छत्तीसगढ़ का सरहुल और सैला नृत्य, मध्य छत्तीसगढ़ का राउत नाच तथा दक्षिण छत्तीसगढ़ का ककसार नृत्य होगा। इस क्रम में अल्फाज और आवाज गीत-गजलों का कार्यक्रम होगा। साथ ही पियानो एवं एकार्डियन तथा वाद्यवृंद की प्रस्तुति होगी।आज ही ओड़िसी और भरतनाट्यम के अलावा पारंपरिक भरथरी गायन तथा सरगुजिहा गीत प्रस्तुत किए जाएंगे। कार्यक्रम का समापन लोकमंच के साथ होगा।
कल 3 नवम्बर के कार्यक्रम
राज्योत्सव की तीसरी सांस्कृतिक संध्या का आरंभ छत्तीसगढ़ी सुगम गायन से होगा। इस दिन पूर्वी छत्तीसगढ़ का करमा, उत्तरी छत्तीसगढ़ का लोहाटी बाजा, दक्षिण छत्तीसगढ़ का गेड़ी नृत्य तथा मध्य छत्तीसगढ़ का पंथी नृत्य होगा। इसके पश्चात कठपुतली का कार्यक्रम, कबीर सूफी गायन होगा। वाद्यवृंद में तालकचहरी तथा सेक्सोफोन एवं गिटार की प्रस्तुति होगी। पारंपरिक लोक गायन ढोलामारू के पश्चात कार्यक्रम की समाप्ति लोकमंच से होगी।
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