आयकर विभाग ने जांच के बीच 700 करोड़ की अनियमितता बता कर लगाए अन्य गंभीर आरोप, भास्कर प्रबंधन ने कहा कोई गड़बड़ी नहीं

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आय-व्यय के संदर्भ में परीक्षण अभी भी जारी..पढ़ें विस्तृत रिपोर्ट

नई दिल्ली (khabargali) आयकर विभाग की दैनिक भास्कर समूह में तीसरे दिन भी जाँच जारी है , कार्रवाई के बीच ही आयकर विभाग ने एक बयान जारी कर दावा किया कि कुछ दस्तावेजों में उन्हें अनियमितताएं मिली हैं. आयकर विभाग की ओर से शनिवार रात एक बयान जारी कर बताया गया कि समूह में 6 साल में 700 करोड़ रुपए की आय पर टैक्स को लेकर अनियमितता नजर आई है. इसकी आगे जांच की जा रही है. साथ ही विभिन्न कंपनियों में साइक्लिकल ट्रेड, फंड ट्रांसफर और रियल एस्टेट कंपनी में लोन को लेकर भी जांच की जा रही है. हालांकि विधि और कर विशेषज्ञों का कहना है कि जांच के बीच में ही आयकर विभाग की ओर से बयान जारी करना बेहद असामान्य है. आपको बता दें कि आयकर विभाग ने हाल ही में दैनिक भास्कर ग्रुप के दफ्तरों पर छापेमारी की थी, जिसके बाद सरकार को आलोचना का सामना करना पड़ा था. विभाग की अलग-अलग टीमों ने गुरुवार को दैनिक भास्कर समूह के मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, नई दिल्ली और नोएडा में कार्यालयों और 20 आवासीय परिसरों में कार्रवाई शुरू की थी. आयकर विभाग ने अपने बयान में कहा है कि कंपनी के आय-व्यय के संदर्भ में परीक्षण अभी चल रहा है. विभिन्न लेन-देन और कर भुगतान के बारे में दस्तावेज देखे जा रहे हैं. इधर इन सभी मसलों पर भास्कर प्रबंधन ने कहा है कि विभाग ने जो अनियमितताएं बताई हैं, इनमें किसी भी तरह की गड़बड़ी नहीं है. इन सभी मसलों पर पूरी तथ्यात्मक जानकारी और दस्तावेज उन्हें उपलब्ध कराए जा रहे हैं, ताकि स्थिति स्पष्ट हो सके.

विभाग ने अपने बयान में यह कहा

विभाग की ओर से जारी बयान में बताया गया है, 'छापेमारी के दौरान यह पता चला है कि वे अपने कर्मचारियों के नाम पर कई कंपनियां चला रहे थे. जिनका इस्तेमाल फर्जी खर्चों की बुकिंग और धन को इधर से उधर करने के लिए हो रहा था. कई कर्मचारी जिन्हें शेयरधारक और डायरेक्टर बनाया गया था, उन्होंने छापेमारी के दौरान कबूल किया कि उनके नाम से चलाई जा रही कंपनियों के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है. साथ ही बताया कि उन्होंने अपने आधार कार्ड और डिजिटल हस्ताक्षर कंपनी को भरोसे में दिए थे. कुछ रिश्तेदार पाए गए, जिन्होंने स्वेच्छा से और जानबूझकर कागजात पर हस्ताक्षर किए थे, लेकिन उन्हें जिन कंपनियों का डायरेक्टर या शेयरधारक बनाया गया था उनकी व्यवसायिक गतिविधियों की कोई जानकारी या नियंत्रण नहीं था.' साथ ही बताया कि, 'इन कंपनियों का इस्तेमाल फर्जी खर्च बुकिंग, सूचीबद्ध कंपनियों से मुनाफे में हेराफेरी जैसे कई मकसद के लिए किया गया.' आयकर विभाग ने यह भी कहा कि छापेमारी के दौरान उन्हें सूचीबद्ध कंपनियों के लिए सेबी की ओर से निर्धारित नियमों का उल्लंघन भी पाया है. बेनामी लेनदेन निषेध अधिनियम के आवेदन की भी जांच की जाएगी.

महत्वपूर्ण दस्तावेज मिलने का दावा

ईडी, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के साथ लोकल पुलिस का सपोर्ट भी है. पूरा सर्च ऑपरेशन दिल्ली और मुंबई टीम के द्वारा संचालित किया जा रहा है. छापेमारी की कार्रवाई में 100 से ज्यादा अधिकारी कर्मचारी शामिल है. अब तक की छापेमारी के दौरान महत्वपूर्ण दस्तावेज मिलने का दावा किया गया है.

सभी कर्मचारियों के फोन जब्त किए गए

बताया जा रहा है कि आयकर विभाग ने भास्कर कार्यालय में मौजूद सभी कर्मचारियों के फोन जब्त कर लिए गए हैं. साथ ही किसी को बाहर नहीं जाने दिया जा रहा है. इनकम टैक्स की टीम प्रेस कॉन्प्लेक्स सहित आधा दर्जन स्थानों पर मौजूद है.

भास्कर का सरकार पर यह आरोप

कोरोना की दूसरी लहर में लोगों की मौत का सच हो या ऑक्सीजन की कमी. वैक्सीन की बर्बादी हो या सरकारी लीपापोती. दैनिक भास्कर पूरी ताकत से देश के सामने सच्ची तस्वीर लाता रहा. शायद यह तस्वीर सरकार को बर्दाश्त नहीं हुई और उसने बेखौफ दैनिक भास्कर को अपनी ताकत से दबाने की कोशिश शुरू कर दी. दैनिक भास्कर के 30 ठिकानों पर एक साथ आयकर छापे इसी का नतीजा हैं.

एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने जताई चिंता

एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया (ईजीआई) ने शुक्रवार को कहा कि वह चिंतित है कि स्वतंत्र पत्रकारिता को दबाने के लिए सरकारी एजेंसियों का इस्तेमाल ‘दबाव बनाने के हथकंडे’ के रूप में किया जा रहा है. गिल्ड ने एक बयान में कहा, ‘एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया 22 जुलाई को देश के प्रमुख समाचार पत्र समूह दैनिक भास्कर के साथ-साथ लखनऊ के एक समाचार चैनल भारत समाचार के कार्यालयों पर आयकर छापों को लेकर चिंतित है.’

छापेमारी को लेकर विपक्ष का सरकार पर हमला

छापेमारी को लेकर कांग्रेस के देशभर के नेताओं ने अपना बयान जारी कर मोदी सरकार पर हमला किया है.&राहुल गांधी ने ट्वीट किया, काग़ज़ पर स्याही से सच लिखना, एक कमज़ोर सरकार को डराने के लिए काफ़ी है. #RaidOnFreePressnbsp; कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया है, ''रेड जीवी जी, प्रेस की आज़ादी पर कायरतापूर्ण हमला! दैनिक भास्कर के भोपाल, जयपुर और अहमदाबाद कार्यालय पर अब इनकम टैक्स के छापे. लोकतंत्र की आवाज़ को रेडराज से नही दबा पाएंगे.''

टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने ट्वीट कह कहा था, "पत्रकारों और मीडिया घरानों पर हमला लोकतंत्र को कुचलने का एक और क्रूर प्रयास है. दैनिक भास्कर ने बहादुरी से बताया किस तरह से नरेंद्र मोदी जी ने पूरे कोविड संकट को गलत तरीके से संभाला और एक भयंकर महामारी के बीच देश को उसके सबसे भयावह दिनों में ले गए. मैं इस प्रतिशोधी कृत्य की कड़ी निंदा करती हूं .

सरकार ने दिया था ये जवाब

विपक्षी दलों के आरोपों के बीच सरकार ने गुरुवार को कहा कि एजेंसियां अपना काम करती हैं और इनमें हमारा कोई हस्तक्षेप नहीं होता. सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने इस बारे में संवाददाताओं के सवालों के जवाब में यह बात कही. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पूरी जानकारी जरूर लेनी चाहिए. कई बार जानकारी के अभाव में भी बहुत सारे विषय ऐसे आते हैं जो सत्य से परे होते हैं.